श्रीराम जन्मोत्सव समिति द्वारा इंदिरा नगर से भगवान श्रीराम की भव्य शोभायात्रा निकाली। घोड़ों की बग्घी में सवार होकर मर्यादा पुरुषोत्तम राजा रामचंद्र ने नगर भ्रमण किया। शोभायात्रा में बालक बालिकाओं द्वारा विभिन्न देवी-देवता का रूप धारण कर सजीव झांकियां निकली गईं।


लखनऊ (ब्यूरो)। रामनवमी के अवसर पर राजधानी में विभिन्न जगहों पर समितियों द्वारा भव्य शोभायात्रा निकाली गई, जिनमें बड़ी संख्या में भक्त शामिल हुए। यात्रा के दौरान भक्तों ने भगवान श्रीराम की पूजा की और रथ पर फूलों से वर्षा की। समापन के बाद भक्तों में प्रसाद वितरित किया गया। वहीं, कई आफिसों में भी पूजन किया गया।सभी को दी बधाईहेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के तत्वावधान में ट्रस्ट के कार्यालय में रामनवमी के शुभ अवसर पर श्रीराम जन्मोत्सव कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी हर्षवर्धन अग्रवाल तथा न्यासी डॉ। रूपल अग्रवाल ने दीप प्रज्ज्वलन कर भगवान श्रीराम के चित्र पर पुष्प अर्पित किये। जिसके बाद उन्होंने सभी को रामनवमी की बधाई दी।भव्य शोभायात्रा निकाली गई


श्रीराम जन्मोत्सव समिति द्वारा इंदिरा नगर से भगवान श्रीराम की भव्य शोभायात्रा निकाली। घोड़ों की बग्घी में सवार होकर मर्यादा पुरुषोत्तम राजा रामचंद्र ने नगर भ्रमण किया। शोभायात्रा में बालक, बालिकाओं द्वारा विभिन्न देवी-देवता का रूप धारण कर सजीव झांकियां निकली गईं। हाथी, घोड़े व ऊंट भी शोभायात्रा में शामिल हुए। इस दौरान पूर्व डिप्टी सीएम डॉ। दिनेश शर्मा, पूर्वी क्षेत्र के विधायक आशुतोष टंडन, प्रदेश आदर्श व्यापार मंडल के प्रदेश अध्यक्ष संजय गुप्ता, पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह आदि शामिल हुए तथा भगवान की आरती व पूजा-अर्चना की। दूसरी ओर, हनुमत सेवा समिति द्वारा राम संकल्प यात्रा शुरू की गई। यह यात्रा हुसैनगंज के राम मंदिर से शुरू होकर 21 मंदिरों की यात्रा करते हुए हनुमान सेतु पर समाप्त हुई। मां सिद्धिदात्री पूजन के साथ हुआ व्रत का पारणचैत्र नवरात्र के आखिरी दिन मां के नवम स्वरूप सिद्धिदात्री की पूजा व उपासना की गई। इस दौरान राजधानी के विभिन्न देवी मंदिरों में मां के दर्शन के लिए सुबह से ही भक्तों की लंबी कतार लगी रही। वहीं, व्रती लोगों ने घरों में मां की पूजा-उपासना के बाद व्रत का पारण किया। इस दौरान भक्तों ने कन्याओं को भी घरों में बुलाकर उनका पूजन किया।हुआ भव्य श्रृंगार

नवरात्र के आखिरी दिन देवी मंदिरों में सुबह पुजारियों द्वारा मां का भव्य श्रंृगार के बाद उनकी विधिवत आरती की गई। इसके बाद मंदिरों में ही पूजन व हवन किया गया, जिसमें मंदिर समिति के लोगों समेत भक्तों द्वारा भी हिस्सा लिया गया। वहीं, पूर्वी देवी मंदिर में मां का सिद्धिदात्री स्वरूप में भव्य श्रंृगार किया गया। इसके अलावा संदोहन देवी मंदिर में मां ने सिंहासन पर बैठकर भक्तों को दर्शन दिए। वहीं, 1 अप्रैल को मां के चरणों के दर्शन होंगे। साथ ही सुंदरकांड पाठ का आयोजन भी होगा।यहां भी हुआ पूजनबड़ी-छोटी कालीजी मंदिर, दुर्गाजी मंदिर, छोटी-बड़ी कालीबाड़ी समेत अन्य मंदिरों में भी मां के भव्य श्रंृगार के साथ शाम को महाआरती का आयोजन हुआ। देर शाम तक मंदिरों में भक्तों की भीड़ बनी रही।कंजिका पूजन किया गयानवरात्रि के आखिरी दिन लोगों ने घरों में हलवा-पूड़ी व चना आदि का प्रसाद बनाया। मां को भोग लगाने के बाद कंजिका पूजन किया गया। भक्तों ने कंजिकाओं को घर बुलाकर उनका पूजन-अर्चन किया। साथ ही खाने के पैकेट देकर उनको विदा किया। इसके अलावा मंदिरों में भी दान-पुण्य किया गया। इस दौरान भक्तों ने मां से परिवार में सुख-शांति व समृद्धि की मंगलकामना की। इसके बाद सभी ने प्रसाद ग्रहण करके व्रत का पारण किया।कल होंगे मां के चरणों के दर्शन

चौपटिया स्थित संदोहन देवी मंदिर में 1 अप्रैल शनिवार को एकादशी के अवसर पर मां के चरणों के दर्शन भक्तों का सुलभ होंगे। मां के चरणों के दर्शन साल में केवल दो बार नवरात्र के बाद एकादशी के दिन होते हैं। मां के चरणों के दर्शन सुबह से लेकर रात 12 बजे तक होंगे। साथ ही सुबह 10 बजे से सुंदरकांड पाठ और शाम 6 बजे से गायत्री महादीप यज्ञ का आयोजन होगा।

Posted By: Inextlive