- डिजिटल रंग में सजी ऐशबाग की ऐतिहासिक रामलीला

- काव्य पाठ और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के बीच सोशल मीडिया पर दिखी रामलीला

रुष्टयहृह्रङ्ख : कोरोना संक्रमण ने सब कुछ बदल दिया है। रामलीला के मंच पर पात्रों को जीवंत करते कलाकारों को सामने दर्शक के बजाय मोबाइल फोन और कैमरे नजर आ रहे हैं। अभिनय की दाद देने वाले दर्शक भले न हों, लेकिन कलाकरों ने न सिर्फ इस परिवर्तन को स्वीकार किया है, बल्कि अपने अभिनय पर भी इसका प्रभाव नहीं पड़ने दिया है। वे उसी आत्मीयता से रामायण के पात्रों को जीवंत कर रहे हैं।

कलश और पात्र पूजन संग शुरू रामलीला

रामलीला मैदान के श्रीराम भवन में कलश पूजन और पात्रों के पूजन के साथ शुरू हुई रामलीला का हर दृश्य खास था। श्रवण कुमार की कथा से शुरू हुई रामलीला श्रीराम जन्म तक चली। संयोजक आदित्य द्विवेदी ने बताया कि सोशल मीडिया, रामलीला की वेबसाइट व यूट़्यूब चैनल के माध्यम से हर दिन प्रसारण किया जाएगा। चार घंटे की रामलीला हर दिन शाम पांच से नौ बजे तक चलेगी। रावण के पुतले का दहन 25 को किया जाएगा। इस बार मेला भी नहीं लगेगा। मुख्य अतिथि और समिति के पदाधिकारियों की मौजूदगी में आतिशबाजी के साथ पुतला दहन होगा।

तुलसीदास ने शुरू की थी रामलीला

लक्ष्मण की इस नगरी में 400 साल पहले गोस्वामी तुलसीदास ने ऐशबाग में रामलीला की शुरुआत की थी। अयोध्या के साधु-संतों से शुरू हुई इस रामलीला का 1860 में गठन किया गया। अवध के तीसरे नवाब (1833-1842) मौलाना मुहम्मद अली शाह ने शाही खजाने से रामलीला के लिए मदद भेजी थी। अवध के आखिरी नवाब वाजिद अली शाह रामलीलाओं में अपनी सक्रिय भूमिका दिखाते हुए पाठ भी किया करते थे। रामलीला का मंचन अनवरत जारी रहे, इसके लिए उन्होंने ऐशबाग रामलीला के लिए जमीन भी दी थी। इसके बाद से शहर में रामलीलाओं का दौर चला और मौसमगंज रामलीला, चौक बाल शिशु रामलीला, पर्वतीय रामलीला सहित शहर में 50 से अधिक स्थानों पर रामलीलाओं का मंचन शुरू हुआ। शहर के कई कलाकारों ने न केवल रामलीला को आगे बढ़ाया, बल्कि अपने किरदारों से सभी का दिल जीत लिया।

भजन के साथ शुरू हुई रामलीला

भजन संध्या के साथ ही राजाजीपुरम के पोस्टल मैदान में रामलीला का मंचन शुरू हुआ। बाहर से आए कलाकारों ने श्रीराम जन्म प्रसंग का मंचन किया। संयोजक सतीश अग्निहोत्री ने बताया कि कोरोना संक्रमण को रोकने के इंतजाम के साथ 200 को रामलीला देखने की अनुमति दी गई है। कानपुर से आए कलाकारों ने श्रीराम चरित मानस की चौपाइयों के साथ रामलीला के प्रसंगों को मंचन किया।

दो मंचों पर होने वाली पहली रामलीला

दो मंचों पर होने वाली मौसमगंज की रामलीला का इस बार मंचन तो नहीं किया गया, लेकिन रामलीला समिति के पदाधिकारियों ने मंच पूजन कर परंपरा का निर्वहन किया। निर्देशक शिव कुमार ने बताया कि देर शाम वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ पूजन किया गया और कोरोना से समाज को मुक्त करने की कामना की गई। सदर के गेस्ट हाउस में शुरू हुई रामलीला में पहले दिन भूमि पूजन किया गया। संयोजक आनंद तिवारी ने बताया कि सीमित दर्शकों की मौजूदगी में हर दिन मंचन किया जाएगा। आलमबाग के जितेंद्र तिवारी ने बताया कि हर दिन आरती और पूजन होगा। पहले दिन अश्विनी कोहली, निर्देशक रंजीत गौड़ व महामंत्री जसवंत सिंह माटा सहित कई पदाधिकारियों ने हवन पूजन किया।

मोह लिया मन

नवरात्र के साथ ही शनिवार को ऐशबाग की ऐतिहासिक रामलीला का की शुरुआत हो गई। कोरोना संक्रमण के चलते ऑनलाइन हो रही रामलीला के पहले दिन श्रीरामजन्म, ताड़का वध, मारीच सुबाहु वध व अहिल्या उद्धार लीला का मंचन किया गया, जिसे देख दर्शक मंत्रमुग्ध हो उठे। दर्शकों ने अपने घर बैठकर सोशल मीडिया पर रामलीला संग सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आनंद लिया।

Posted By: Inextlive