रिकॉर्ड बिजली सप्लाई, फिर भी जनता कर रही त्राहि-त्राहि
- 24916 मेगावाट बिजली हो रही सप्लाई
- 20 प्रतिशत हो रही बिजली चोरी - 2 से 6 घंटे रोजाना हो रहा मेंटीनेंस कार्य - - रात नौ बजे के बाद लोड बढ़ते ही ट्रिपिंग हो जाती है शुरू - उपकेंद्र के नहीं उठते फोन, जनता रहती परेशानLUCKNOW लखनऊ समेत प्रदेशभर में बिजली संकट गहराता जा रहा है। आलम यह है कि रात नौ बजे के बाद बिजली की आंख मिचौली शुरू हो जाती है, जो सुबह तक जारी रहती है। इसकी वजह से लोगों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। लोगों का गुस्सा उस वक्त और ज्यादा बढ़ जाता है, जब उपकेंद्रों में फोन मिलाने पर कोई रिस्पांस नहीं मिलता। महकमे की ओर से आनन-फानन में लाइनों और ट्रांसफॉर्मरों का मेंटीनेंस तो शुरू करा दिया गया है, जिसके बाद बिजली सप्लाई की स्थिति सुधरी तो है, लेकिन सवाल यह है कि मेंटीनेंस संबंधी कदम पहले क्यों नहीं उठाए गए।
24916 मेगावाट सप्लाई पूरे प्रदेश में रिकॉर्ड सप्लाई 24916 मेगावाट होने के बाद भी इस भीषण गर्मी में उसका पूरा लाभ उपभोक्ताओं को नहीं मिल पा रहा है। बड़े पैमाने पर सबस्टेशनों पर बिजली होते हुए भी ट्रिपिंग ब्रेकडाउन के चलते उपभोक्ता बिजली संकट से जूझ रहे हैं।एबीसी केबिल में ज्यादातर फॉल्ट
उपभोक्ता परिषद् ने गहराई से अध्ययन किया तो पता चला कि शहरों में एबीसी केबिल में ज्यादातर फॉल्ट आ रहा है। उपभोक्ताओं की संख्या और उनके द्वारा लिए गए भार के मुताबिक सिस्टम को अपग्रेड न करना भी बिजली संकट का बड़ा कारण है। यह व्यवस्था राम भरोसे राज्य विद्युत परिषद् की माने तो गर्मी और बारिश आते ही सभी बिजली कंपनियों के लिए मानक के तहत एक एडवाइजरी जारी होती थी और वितरण की पूरी ओवरहॉलिंग होने के साथ ही साथ ट्रांसफॉर्मरों की बैलेंसिंग, फीडरों पर लोड की बैलेंसिंग का पूरा काम सुनिश्चित किया जाता था, लेकिन अब यह सब व्यवस्था राम भरोसे चल रही है। जिसका खामियाजा जनता भुगत रही है। 20 प्रतिशत बिजली चोरीउप्र राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि वर्तमान में ट्रांसमिशन कंपनी का सिस्टम मिसमैच है। पहले उसमें सुधार होना चाहिये। 132 केवी सबस्टेशनों की कुल क्षमता 52747 एमवीए है। उसे यदि किलोवाट में निकाला जाए तो वह 4 करोड़ 74 लाख किलोवाट होगा। वहीं प्रदेश के लगभग 2 करोड़ 93 लाख बिजली उपभोक्ताओं का कुल भार 6 करोड़ 32 लाख किलोवाट है। मतलब सिस्टम व उपभोक्ताओं के भार के बीच लगभग 2 करोड़ का गैप और ऊपर से 20 प्रतिशत बिजली चोरी, वह भी 1 करोड़ किलोवाट के बराबर होगा। पीक आवर्स में डायवर्सिटी फैक्टर 1 अनुपात 1 होगा जिससे उपभोक्ताओं को उच्च गुणवत्ता की बिजली नहीं मिल पायेगी।
दो से छह घंटे मेंटीनेंस बिजली महकमे की टीमों की ओर से युद्धस्तर पर बिजली लाइनों और ट्रांसफॉर्मरों का मेंटीनेंस शुरू करा दिया गया है। इसके लिए हर दिन किसी न किसी इलाके में मेंटीनेंस के लिए शटडाउन लिया जा रहा है। दो से छह घंटे तक लिए जाने वाले शटडाउन के कारण संबंधित इलाके की जनता को बिजली संकट का सामना करना पड़ता है। सुबह तक बिजली की आंख मिचौलीउतरेठिया और न्यू डिफेंस कॉलोनी, रायबरेली रोड में रहने वाले लोग पिछले चार दिन से परेशान हैं। उनकी परेशानी की वजह है बिजली की आंख मिचौली। लोगों की माने तो रात नौ बजते ही बिजली की आंख मिचौली शुरू हो जाती है, जो सुबह तक जारी रहती है। लोगों का कहना है कि गुरुवार रात 10 बजे से शुरु हुई बिजली की आंख मिचौली शुक्रवार सुबह तक जारी रही। जिसकी वजह से उनकी नींद में खलल पड़ा। पीडि़त लोगों ने उपकेंद्र में सूचना देने की कोशिश की लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। वहीं राजा बाजार बताशे वाली गली में भी बिजली संकट देखने को मिला। लोगों की माने तो कल शाम तीन बजे गई बिजली, सुबह तक नहीं आई। जिसकी वजह से लोगों को पानी संकट का भी सामना करना पड़ा।
बोले लोग रात में बिजली की आंख मिचौली शुरू हो जाती है। जिसकी वजह से रात भर खासी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। शिवाकांत शर्मा, उतरेठिया एक तो भीषण गर्मी है और ऊपर से रात में बिजली गुल हो जाती है। इसकी वजह से नींद में खासा खलल पड़ता है। सुरेश कुमार, उतरेठिया दो-तीन दिन से रोज रात में बिजली की नौटंकी शुरू हो जाती है। रात भर बिजली का आना-जाना लगा रहता है। इससे खासी दिक्कत होती है। मान सिंह यादव, उतरेठिया बिजली की समस्या बढ़ रही है। इस समस्या को तुरंत दूर किया जाना चाहिए। खासकर रात में बिजली नहीं जानी चाहिए। शिवा किंकर वाजपेयी, न्यू डिफेंस कॉलोनी, रायबरेली रोड ------- नई बस्ती क्षेत्र की सप्लाई रहेगी बाधितरेजीडेंसी बिजली उपकेंद्र के अंतर्गत सूरजकुंड फीडर पर प्रौढ़ शिक्षा पर स्थापित 400केवीए परिवर्तक पर मेंटीनेंस होने के कारण सुबह 10 से दोपहर 1 बजे तक शटडाउन लिया जाएगा। इसकी वजह से नबीउल्ला रोड, डिप्टी साहब का हाता और नई बस्ती क्षेत्र की बिजली आपूर्ति बाधित रहेगी।
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