हिन्दी सीबीएसई 10वीं के लिए एक अहम सब्जेक्ट है। बीते साल सिलेबस में कई चैप्टर हटा दिए गए थे जो इस साल शामिल किए गए हैं। स्टूडेंट्स को सिलेबस को लेकर बहुत कंफ्यूजन है। एग्जाम देने से पहले एक बार सिलेबस को अच्छे से समझ लें। कोई टॉपिक छूट रहा होगा तो कवर हो जाएगा।


लखनऊ (ब्यूरो)। बोर्ड परीक्षाएं शुरू होने में महज दो दिन का समय बचा है। 10वीं और 12वीं में कुछ सब्जेक्ट्स ऐसे हैं जिनमें स्टूडेंट्स की राइटिंग स्किल पर एग्जामिनर माक्र्स देता है। हिन्दी और ह्यूमैनिटीज सब्जेक्ट इसी कैटेगरी में आते हैं। इन विषयों के सवालों के जवाब देने को लेकर स्टूडेंट्स के दिमाग कंफ्यूजन बना रहता है कि कैसे जवाब लिखे जाएं, ताकि पूरे अंक मिलें। जिन स्टूडेंट्स को यह चिंता सता रही है कि उनके लिए एक्सपर्ट कहते हैं कि क्या लिखना है, कैसे लिखना है और कितना लिखना है कि प्रैक्टिस अच्छा स्कोर करवा सकती है। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने आखिरी मौके पर तैयारी को लेकर विशेषज्ञों से की बातसिलेबस क्लियर रखें


एक्सपट्र्स का कहना है कि हिन्दी सीबीएसई 10वीं के लिए एक अहम सब्जेक्ट है। बीते साल सिलेबस में कई चैप्टर हटा दिए गए थे, जो इस साल शामिल किए गए हैं। स्टूडेंट्स को सिलेबस को लेकर बहुत कंफ्यूजन है। एग्जाम देने से पहले एक बार सिलेबस को अच्छे से समझ लें। कोई टॉपिक छूट रहा होगा तो कवर हो जाएगा।एमसीक्यू के लिए एनसीईआरटी को दे तरजीह

बोर्ड स्टूडेंट्स जिस भी सब्जेक्ट की तैयारी कर रहे हों, हमेशा कोर्स बुक को प्रिफरेंस दें। अपने आंसर को बेहतर करने या बढ़ाने के लिए रिफ्रेंस बुक की भी मदद ली जा सकती है। सीबीएसई के स्टूडेंट्स हैं तो एमसीक्यू के लिए एनसीईआरटी ही पढ़ें। यूपी बोर्ड में भी एनसीईआरटी बेस्ड सिलेबस है, उनकी भी एनसीईआरटी की किताबें चलती हैं, ऐसे में उसी को फॉलो करें।शुद्ध लेखन है बहुत जरूरीहिन्दी की बात करें तो 10वीं सीबीएसई में दो भागों में पेपर पूछा जाता है। पहला 40 नंबर का बहुत विकल्पीय और 40 नंबर का वर्णात्मक। दो किताबें चलती हैं, दोनों की ही अच्छी तैयारी करें। वर्णात्मक के लिए शुद्ध लेखन बहुत जरूरी है। ऐसे में जो भी याद कर रहे हैं उसे लिखकर जरूरी प्रैक्टिस करें।जियोग्राफी में मैप की प्रैक्टिस जरूरीह्यूमैनिटीज के स्टूडेंट्स अगर जियोग्राफी लेते हैं तो उन्हें मैप की प्रैक्टिस जरूर करनी चाहिए। अक्सर बच्चे मैप बहुत गलत भरते हैं। कई बार उनको आता है, लेकिन लोकेशन गलत कर देते हैं। ऐसे में अपने थ्योरिटिकल पार्ट की प्रैक्टिस के साथ मैप की प्रैक्टिस जरूर करते रहें। मैप सही भरने से आपके 10 नंबर पक्के हो सकते हैं।सामाजिक विज्ञान पर दें ध्यान

दूसरे सब्जेक्ट्स की बात करें तो स्टूडेंट्स को एक ही विषय पढऩा होता है। सामाजिक विज्ञान में उन्हें चार सब्जेक्ट पढऩे होते हैं। ऐसे में यह विषय कॉम्पलिकेटेड हो जाता है और उतने अच्छे माक्र्स नहीं आते। ऐसे में सबसे पहले तो अहम टॉपिक्स को नोट करें। हर विषय के बेसिक सवाल होते हैं उन्हें याद करें। समझकर पढऩे से आपको जवाब फ्रेम करने में आसानी होती है।हिस्ट्री में तारीखों को अंडरलाइन करेंहिस्ट्री में तारीखें अहम हैं। सबसे पहले तो अलग से इनके नोट्स बनाएं। कुछ समझ न आ रहा हो तो स्कूल के नोट्स ही लगातार रिवाइज करें। कोशिश करें कि जो भी आंसर दे रहे हों अगर उनमें कोई तारीख हो किसी राजा का नाम है तो उसे अंडरलाइन करें।एक्सपर्ट की रायजवाब लिखते समय हेड लाइन और सब हेड्स बांट लें। हिस्ट्री, जियोग्राफी, पॉलिटिकल साइंस जैसे विषयों में लिखना बहुत पड़ता है। ऐसे में टाइम मैनेजमेंट का खास ध्यान रखें। लंबे जवाब लिखते वक्त जवाब को हेडिंग व सब हेडिंग में बांट लें। फ्लो चार्ट बनाकर याद करने से भी लिखने का अंदाजा हो जाता है। प्रेजेंटेशन बहुत अच्छा रखें।-विनीता सिंह, पायनियर मॉन्टेसरी स्कूल
एमसीक्यू में बच्चे अक्सर क्रमांक डाल देते हैं। यह तरीका गलत है। जो सवाल पूछा गया है उसको उसी अंदाज में दें। इसके अलावा हिन्दी में अनुच्छेद लिखने को भी आता है। नए टॉपिक्स की जरूर प्रैक्टिस करें। ईमेल राइटिंग, बधाई संदेश और विज्ञापन को तैयार कर लें, 15 अंक इसमें आराम से मिल सकते हैं।-जागृति भटनागर, पीजीटी हिन्दीयूपी बोर्ड हिन्दी में कुछ ऐसे टॉपिक्स हैं जो बार-बार पूछे जाते हैं। ऐसे में उन टॉपिक्स को जरूर याद करेंं। टाइम मैनेजमेंट का ध्यान रखें। अक्सर बच्चे कोई न कोई सवाल छोड़ देते हैं। ऐसे में एग्जाम से पहले पूरे क्वेश्चन पेपर को ठीक से लगा लें।-अनीता गौतम, लेक्चरर हिन्दी, जीजीआईसी, मलिहाबादहर विषय के बेसिक सवालों को जरूर तैयार करें। अगर राष्ट्रवाद पूछा जा रहा है तो इससे जुड़े सारे आंदोलनों को तारीख और नाम सहित याद करेंं। इसी तरह जियोग्राफी में अगर कोयला पूछा जा रहा है तो इसके खनन क्षेत्र की न केवल प्रैक्टिस करें बल्कि इसको मैप में भी प्रैक्टिस करें। इससे आपका जवाब प्रभावी होगा।-नीलिमा सिंह, जीजीआईसी, इंदिरानगर

Posted By: Inextlive