अगर आप रो हाउस खरीदने जा रहे हैैं तो जरा सावधान रहें। कहीं ऐसा न हो कि आपकी जीवन भर कमाई पर ग्रहण लग जाए। वजह यह है कि ज्यादातर रो हाउसेस के निर्माण में नियमों की अनदेखी की जा रही है। जिससे अब एलडीए की ओर से रो हाउसेस पर नजरें टेढ़ी कर दी गई हैैं। एलडीए की ओर से उन सभी स्थानों पर सर्वे कराया जा रहा है जहां रो हाउसेस का निर्माण हो रहा है।


लखनऊ (ब्यूरो)। हाल में ही एलडीए की ओर से बिजनौर और सुशांत गोल्फ सिटी एरिया में रो हाउसेस के खिलाफ कार्रवाई की गई थी। एलडीए की ओर से दोनों एरिया मिलाकर 50 से अधिक रो हाउसेस सील किए गए थे। हैरानी की बात तो यह थी कि ये सभी रो हाउसेस बिना मानचित्र स्वीकृत कराए ही बन रहे थे। इससे पहले भी एलडीए की ओर से अलग-अलग इलाकों में कार्रवाई करते हुए रो हाउसेस को सील या ध्वस्त किया जा चुका है।आउटर एरिया में खेल


ज्यादातर रो हाउसेस का निर्माण शहर के आउटर एरिया में किया जा रहा है। सीतापुर रोड, अयोध्या रोड, सरोजनी नगर, सुशांत गोल्फ सिटी, बिजनौर रोड इत्यादि स्थानों पर रो हाउसेस बन रहे हैैं। अब एलडीए की ओर से इन सभी एरियाज पर फोकस कर दिया गया है, जिससे नियम विरुद्ध बन रहे रो हाउसेस के खिलाफ ठोस एक्शन लिया जा सके। एलडीए की ओर से पहले ही डेवलपर्स से अपील की जा चुकी है कि कोई भी कॉलोनी या रो हाउस डेवलप करने से पहले एलडीए से परमीशन लें और मानचित्र स्वीकृत कराएं। जनता होती है परेशान

अगर किसी कॉलोनी या रो हाउसेस के खिलाफ कार्रवाई की जाती है तो सबसे अधिक परेशानी उन लोगों को होती है, जिन्होंने अपने जीवन भर की कमाई लगाकर रो हाउस खरीदा होता है या प्लॉट में पैसा लगाया होता है। एलडीए की ओर से कार्रवाई किए जाते ही उनका पैसा फंस जाता है। ऐसे में एलडीए की ओर से बार बार अपील की जाती है कि किसी भी आवासीय योजना में इंवेस्ट करने से पहले यह जरुर देख लें कि संबंधित प्रोजेक्ट रेरा में रजिस्टर्ड है या नहीं और उसका ले आउट या मानचित्र प्राधिकरण से स्वीकृत है या नहीं। इसके बावजूद लोग गलती कर जाते हैैं और पैसा फंसा बैठते हैैं। ये होते हैैं रो हाउसरो हाउस भी एक तरह की आवासीय योजना होती है। इसमें एक क्षेत्रफल के और एक जैसे ही मकानों का निर्माण कराया जाता है। सभी मकानों की डिजाइन भी एक समान होती है और उनकी कलरिंग भी एक रंग से कराई जाती है। इनकी कीमत 30-35 लाख से लेकर 50 लाख तक हो सकती है।

Posted By: Inextlive