- हेल्पलाइन पर लोग पूछ रहे सवाल

LUCKNOW: माहे रमजान का दूसरा अशरा यानि मगफिरत अपनी ढलाल की ओर है, जहां लोग अल्लाह की इबादत करते हुये अपने गुनाहों की माफी मांगते हैं ताकि ऊपरवाला उनको जहन्नुम की आग से बचायें। ऐसे में अपने हाथ, आंख और जुबां पर भी कंट्रोल रखना चाहिए ताकि जाने अनजाने में भी किसी के लिए कोई गलत बात न सुनी या बोली न जाये और ज्यादा से ज्यादा नेक काम करना चाहिए। धर्मगुरुओं का भी कहना है कि रोजा आपको एक बेहतर इंसान बनने की ट्रेनिंग देता है। लोगों की मदद के साथ अपनी इच्छाओं पर काबू रखना ही रोजा है।

सुन्नी सवाल.जवाब

सवाल । एक शख्स ने जकात की रकम दूसरे देश भेजी आज कल रुपये को भेजने में कमीशन देना पड़ता है जैसे किसी ने दस हजार रुपये भेजा उसमें से पंद्रह सौ रुपये कमीशन कट गए तो क्या पूरी रकम जकात में शामिल होगी।

जवाब । कमीशन वाले पंद्रह सौ रुपये जकात में शामिल नहीं होगें। उक्त रकम को और अदा करना होगा।

सवाल । प्रिंटिंग मशीन, फैक्स मशीनए फोटो मशीन जो कि ऑफिस के प्रयोग के लिए हैं क्या उन पर भी जकात वाजिब है।

जवाब । इन सभी चीजों पर जकात नहीं है।

सवाल । रोजे की नियत कब तक कर सकते हैं।

जवाब । जवाल के वक्त तक नियत कर सकते है।

सवाल । किसी के माल पर पूरा साल गुजर गया, लेकिन अभी जकात नहीं निकाली थी कि सारा माल चोरी हो गया तो किया अब भी जकात अदा करें।

जवाब । जकात इस के जिम्मे से खत्म हो गई।

सवाल । तिलावत के बीच में आयत सच्दा पढ़ने के बाद फौरन सच्दा करना जरूरी है या बाद में भी कर सकते हैं।

जवाब । इसी वक्त करना बेहतर है, लेकिन बाद में भी कर सकते हैं।

शिया सवाल.जवाब

सवाल । क्या फितरे की रकम रमजान में दी जा सकती है।

जवाब । फितरा चांद निकलने के बाद वाजिब होता है इसलिए 29 रमजान को देना चाहिए।

सवाल । तीन रातों को शबे कद्र क्यों कहा जाता है।

जवाब । शबे कद्र को हजार महीनों से बेहतर कहा गया है इसलिए धर्म के जानकारों का मानना है कि शबे 19, 21, 23 में से किसी एक रात को शबे कद्र कहा जाता है। इसकी सही जानकारी मासूमीन अ.स। के अलावा किसी दूसरे को नहीं है। लिहाजा हमको आदेश दिया गया है कि तीनों रातों में इबादत करें ताकि जो अस्ल शबे कद्र हैं वह मिल जाए।

सवाल । क्या नमाजे आयात यानी सूरज गहन चांद गहन के समय जो नमाज पढ़ी जाती है वह हर व्यक्ति पर वाजिब है।

जवाब । हर समझदार और बालिग पर सूरज गहन और चांद गहन की नमाज वाजिब है। अगर किसी ने समय पर नहीं पढ़ी है तो बाद में कजा पढ़ेगा।

सवाल । क्या शबैं और शबे कद्र एक है।

जवाब । शबैं से मुराद वह रातें जिन में शहादते मौला का गम मनाया जाता है और शबे कद्र से मुराद वह रातें जिनका जिक्र कुरआन में है।

सवाल । क्या कोई महिला अपने पति की आज्ञा के बेगैर एतेकाफ कर सकती है।

जवाब । अगर कोई महिला अपने पति की आज्ञा के बेगैर एतेकाफ करती है और पति खुश नहीं है तो एतेकाफ सही नहीं होगा।

फैमिली कोट

इसबार का रमजान बहुत मायनों से बदल गया है। यह सीख मिली है कि इंसान कम जरूरतों के साथ भी काम चला सकता है। ऐसे में सभी से अपील है कि बिना वजह की खरीददारी में पैसा बर्बाद करने की जगह उसे गरीबों और जरूरतमंदों की मदद में लगाये ताकि हर किसी को खुश होने का मौका मिले।

मो। अतीक उर रहमान, हैदरगंज

सुन्नी हेल्पलाइन

लोग अपने सवालात दोपहर 2 बजे से 4 बजे के दौरान इन नंबरों 9415023970 9335929670, 9415102947, 7007705774, 9140427677 और Email: ramzanhelpline.2005@gmail.com WWW.farangimahal पर सवाल पूछ सकते है।

शिया हेल्पलाइन

महिलाओं के लिए हेल्पलाइन नंबर 6386897124 है जबकि शिया हेल्प लाइन के लिए सुबह 10 से 12 बजे तक 9415580936, 9839097407 नंबर पर संपर्क करें।

Posted By: Inextlive