- मौलानाओं ने 50 लोगों के साथ पढ़ाई नमाज

- उपमुख्यमंत्री डॉ। दिनेश शर्मा ऐशबाग ईदगाह पहुंचे, दी बधाई

LUCKNOW: अल्लाह की इबादत और कुर्बानी के रस्म साथ बुधवार को ईद-उल-अजहा (बकरीद) मनाई गई। शारीरिक दूरी के पालन के साथ ही प्रशासन के निर्देशों के अनुरूप मस्जिदों में सिर्फ 50 लोगों ने नमाज पढ़ी। कुर्बानी के दौरान लोगों ने सुरक्षा संसाधनों का इस्तेमाल किया। उपमुख्यमंत्री डॉ। दिनेश शर्मा ने ऐशबाग ईदगाह पहुंचकर मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली से मुलाकात की और सभी को बधाई दी।

घर पर अदा की नमाज

ईदगाह ऐशबाग में ईद-उल-अजहा की नमाज सुबह 10 बजे से पढ़ी गई। इमाम ईदगाह मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने बताया कि सिर्फ 50 लोगों के साथ नमाज अदा की गई। शहर-ए-जुमा मौलाना कल्बे जवाद नकवी ने भी सभी से घरों में नमाज पढ़ने और कुर्बानी के दौरान कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए मास्क और सेनेटाइजर का प्रयोग करने की गुजारिश की। आसिफी मस्जिद के बजाये उन्होंने भी घर में ही नमाज अदा की। टीले वाली मस्जिद के इमाम मौलाना फजले मन्नान ने भी शारीरिक दूरी के पालन के साथ 50 लोगों को ही मस्जिद में नमाज अदा करने की इजाजत दी। पुराने लखनऊ समेत सभी इलाकों में शांति बनाए रखने के लिए पुलिस ने गस्त की। कई स्थानों पर ड्रोन कैमरे से निगरानी की गई।

दफनाएं कुर्बानी की खाल

ऐशबाग ईदगाह के इमाम मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने बताया कि मदरसों में गरीबों की शिक्षा के लिए लोग खाल को दान करते हैं। इस बार कोरोना संक्रमण के चलते मदरसे बंद हैं। इस लिहाज से इधर-उधर खाल फेंकने के बजाय उसे जमीन में दफन कर दें। कुर्बानी करने वाला इसे बेच नहीं सकता। मौलाना ने कुर्बानी की गंदगी को भी निश्चित स्थान पर फेंकने की अपील की है।

कल तक जायज होगी कुर्बानी

बुधवार को सुबह से शुरू हुआ कुर्बानी का दौर शुक्रवार को दोपहर चार बजे तक चलेगा। शहर-ए-काजी मौलाना अबुल इरफान मियां फरंगी महली ने बताया कि तीन दिनों तक कुर्बानी होती है। साढ़े बावन तोले चांदी के बराबर हैसियत वालों को कुर्बानी जायज होती है। सभी को प्रशासन के नियमों के तहत कुर्बानी करनी चाहिए।

Posted By: Inextlive