- कई अस्पतालों के बेड फुल, 50 फीसद मरीज ही शाम तक हो सके शिफ्ट

- कोविड वार्ड की नर्स संक्रमित, 24 घंटे तक नहीं मिला बेड

LUCKNOW :

राजधानी में कोरोना वायरस भयावह हो गया है। लगातार मरीजों का रिकॉर्ड टूट रहा है। ऐसे में कई अस्पतालों के बेड फुल हो गए हैं। वहीं, मरीजों की शिफ्टिंग नहीं हो पा रही है। इलाज के इंतजार में उनकी सांसें फूल रही हैं। हालात यह है कि कोरोना की ड्यूटी में लगे कर्मचारी वायरस की चपेट में आ गए, उन्हें 24 घंटे तक बेड नहीं मिला।

कुर्सी पर ही बैठा दिया

केजीएमयू की नर्स 14 जुलाई तक इलाज में जुटी रही। बुधवार को तीन बजे उसमें कोरोना की पुष्टि हुई। पति का आरोप है कि रिपोर्ट आने पर संस्थान के अफसरों से भर्ती की फरियाद की, मगर उन्हें जनरल सर्जरी के वार्ड में कुर्सी पर बैठा दिया गया। गुरुवार शाम छह बजे तक मरीज को बेड नहीं मिला। ऐसे में कर्मचारी संघ के अध्यक्ष प्रदीप गंगवार ने भी अफसरों को पत्र लिखा। बुधवार को संक्रमित मिले चार कर्मियों को बेड न मिलने पर आक्रोश जताया था। संस्थान के प्रवक्ता डॉ। संदीप तिवारी ने कहा कि बेड फुल थे, जैसे ही खाली हुए मरीजों को दिए गए। वहीं, राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के उपाध्यक्ष सुनील यादव ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर कोरोना वॉरियर्स के लिए बेड आरक्षित करने की मांग की।

308 मरीज, शाम तक 150 ही हो सके भर्ती

गुरुवार को शहर में 308 मरीजों में संक्रमण की पुष्टि हुई। वहीं, शाम छह बजे तक करीब 150 मरीजों की ही भर्ती हो सकी। यानि की 50 फीसद मरीज घर पर ही हैं। कई मरीजों की हालत गड़बड़ है, मगर केजीएमयू, लोहिया संस्थान, पीजीआइ में बेड फुल होने से भर्ती नहीं की जा सकी। बीकेटी का आरएसएम व लोकबंधु अस्पताल भी फुल हैं। कोविड केयर सेंटर में बिना लक्षणों वाले मरीजों को भर्ती किया जा रहा है। मगर, गंभीर मरीजों को समय पर इलाज मिलना मुश्किल हो गया है।

निजी में टेस्ट कराने को मजबूर

शहर में स्वास्थ्य विभाग की सेवाएं चरमरा रही हैं। परिवारजन सीएमओ दफ्तर फोन कर रहे हैं, मगर सुनवाई नहीं हो रही है। हालात यह है कि संक्रमित मरीज के घर को कंटेनमेंट जोन घोषित कर घर में रहने की सलाह दी जा रही है। उनकी सैंपलिंग कर टेस्ट करने में लापरवाही की जा रही है। सुलतानपुर रोड के सरसवां निवासी दंपती में 13 जुलाई को कोरोना की पुष्टि हुई। उनकी दोनों बेटियों में अब तक कोरोना टेस्ट करने स्वास्थ्य विभाग की टीम नहीं पहुंची। हालत गड़बड़ाने पर गुरुवार को निजी लैब को फोन कर सैंपल दिया। इसमें वायरस की पुष्टि हुई। देर शाम तक उसकी भर्ती नहीं हो सकी।

Posted By: Inextlive