- कोरोना का डर दूर करने के लिए स्टूडेंट्स की हो रही काउंसिलिंग

- बच्चे घर में टेंशन फ्री रहें इसलिए होमवर्क दिया जा रहा सिर्फ 20 फीसद

LUCKNOW

कोरोना की तीसरी लहर की आशंकाओं के बीच स्कूल तो खुल गए हैं लेकिन बच्चों की सेफ्टी को ध्यान में रखते हुए एजुकेशन सिस्टम में आंशिक बदलाव किया गया है। स्कूल मैनेजमेंट का प्रयास है कि बच्चों पर कोई भी एक्स्ट्रा प्रेशर न डाला जाए। वहीं बच्चों के मन से कोविड के डर को निकालने के लिए भी कई कदम उठाए जा रहे हैं।

20 परसेंट होमवर्क

एक से पांचवीं क्लास के बच्चों को सामान्य दिनों के मुकाबले सिर्फ 20 परसेंट ही होमवर्क दिया जा रहा है। स्कूल मैनेजमेंट्स की ओर से यह प्रयास किया जा रहा है कि ज्यादा से ज्यादा स्टडी क्लास में हो जाए। जिससे घर जाकर बच्चे खुद को फ्री महसूस करें।

बेटा आप स्कूल आओडरो मत

इस समय स्कूलों में 50 प्रतिशत क्षमता से ही बच्चे आ रहे हैं। ऐसे में अब स्कूल मैनेजमेंट का प्रयास है कि जल्द अधिक से अधिक बच्चे क्लास अटेंड करें, जिससे स्टडी रफ्तार पकड़ सके। इसके लिए टीचर्स की ओर से घर से क्लास अटेंड कर रहे बच्चों और उनके पैरेंट्स की काउंसिलिंग की जा रही है। उन्हें भरोसा दिलाया जा रहा है कि स्कूल में कोविड से सेफ्टी के सभी इंतजाम हैं। उन्हें डरने की जरूरत नहीं है। वे स्कूल आएं और प्रॉपर क्लास अटेंड करें।

रिवीजन पर फोकस

क्लास 6 से 12वीं तक की बात करें तो बड़े बच्चे होने की वजह से स्टडी रफ्तार पकड़ चुकी है। स्कूल मैनेजमेंट्स की ओर से प्रैक्टिकल पर पहले फोकस किया जा रहा है। जिससे अगर कोविड की तीसरी वेव आती है तो कोई प्रॉब्लम न आए। स्कूलों की ओर से हॉफ ईयरली एग्जाम की भी तैयारी शुरू कर दी गई है। स्कूलों में रिवीजन और एक्सट्रा क्लासेस भी शुरू कर दी गई हैं।

15 सितंबर के बाद लंच ब्रेक

अभी किसी भी स्कूल में लंच ब्रेक नहीं हो रहा है। क्लासेस धीरे धीरे फ्लो में आ रही हैं, ऐसे में सेंट जोसेफ समेत अन्य स्कूलों ने निर्णय लिया है कि 15 सितंबर के बाद लंच ब्रेक की व्यवस्था दोबारा शुरू की जा सकती है।

स्टेशनरी शेयर नहीं करेंगे

क्लास 1 से पांचवीं तक की बात की जाए तो टीचर्स की ओर से प्रॉपर ध्यान दिया जा रहा है कि कोई भी बच्चा स्टेशनरी न शेयर करे साथ ही उनके बीच फिजिकल डिस्टेंसिंग बनी रहे।

प्रयास यही है कि अधिक से अधिक बच्चे क्लास अटेंड करें। इसके लिए पैरेंट्स और स्टूडेंट्स की लगातार काउंसिलिंग की जा रही है। उन्हें समझाया जा रहा है कि स्कूल में पूरी सेफ्टी है, घबराने की जरूरत नहीं है।

अनिल अग्रवाल, मैनेजिंग डायरेक्टर, सेंट जोसेफ गु्रप ऑफ इंस्टीट्यूशंस

बच्चों की काउंसिलिंग की जा रही है और बेहद कम होमवर्क दिया जा रहा है। जिससे उन पर अधिक स्ट्रेस न पड़े। बड़े बच्चों की बात करें तो प्रैक्टिकल, एक्स्ट्रा और रिवीजन क्लासेस शुरू करा दी गई है।

रिचा खन्ना, प्रिंसिपल, वरदान इंटरनेशनल एकेडमी, लखनऊ

पैरेंट्स के साथ-साथ बच्चों की भी काउंसिलिंग कर रहे हैं, जिससे बच्चे स्कूल आकर क्लास अटेंड कर सकें। अभी तो बच्चों को बेहद कम होमवर्क दिया जा रहा है।

सर्वजीत सिंह, फाउंडर मैनेजर, अवध कॉलेजिएट

ताकि बच्चे रहे सेफ

1- क्लास में ही प्रेयर हो रही

2- लंच ब्रेक फिलहाल नहीं

3- नियमित रूप से सेनेटाइजेशन

4- क्लासेस में फिजिकल डिस्टेंसिंग

5- 50 प्रतिशत ही स्टूडेंट्स बुलाए जा रहे

Posted By: Inextlive