3000 स्कूल बसें राजधानी में

3000 स्कूल वैन भी शहर में

1500 स्कूल बसें बिना रजिस्ट्रेशन की

6000 स्कूल वैन बिना रजिस्ट्रेशन की

- एजूकेशनल टूर पर स्टूडेंट्स को शहर के बाहर ले जा सकेंगे स्कूली वाहन

- स्कूली वाहनों में टीचर की अनिवार्यता को खत्म किया जाएगा

- हर सीट पर सीट बेल्ट की अनिवार्यता को भी किया जाएगा खत्म

- शासन को प्रस्ताव भेजा गया, मंजूरी मिलते ही किया जाएगा लागू

- स्कूली वाहन की नई गाइडलाइन में बच्चों की सुरक्षा के लिए बनाए गए नए नियम

- कैबिनेट से अप्रूवल मिलते ही जारी की जाएगी गाइडलाइन

LUCKNOW:

शहरों में चलने वाले स्कूली वाहनों को अब शैक्षिक भ्रमण के लिए बाहर भी ले जाया जा सकेगा। शहर की सीमा के अंदर रहने की उनकी बाध्यता खत्म की जाएगी। वहीं बच्चों की सुरक्षा के लिए अब स्कूली वाहनों में जितनी सीटें हैं, उतने ही बच्चे बैठाए जा सकेंगे। अभी यह सीमा सीटों की संख्या से डेढ़ गुनी है। विभागीय अधिकारियों के अनुसार स्कूली वाहनों को लेकर नियमों में बदलाव की तैयारी है, जिसमें बच्चों की सुरक्षा के साथ वाहन चालकों और संचालकों को भी राहत दी जाएगी।

वाहन चालकों को मिले राहत

विभागीय अधिकारियों के अनुसार 19 मई को स्कूली वाहनों की गाइड लाइन पर बैठक हुई थी। इसमें सुधार के लिए कई प्रस्ताव प्रस्तुत किए गए, जिनमें कई पर सहमति भी बन गई है। स्कूली वाहनों में बच्चों के सफर को सुरक्षित बनाने के साथ ही वाहन संचालकों को भी राहत देने के प्रयास किए गए हैं। सबसे पहले कोरोना वायरस के संक्रमण से बच्चों को बचाने के लिए जरूरी कदम उठाए जाएंगे। इसके लिए वाहनों में निर्धारित सीटों से डेढ़ गुना तक बच्चे बैठाने की अनुमति खत्म की जाएगी। अब वाहन में जितनी सीटें होंगी, उतने बच्चे बैठाए जाएंगे। इससे अधिक बच्चे वाहन में मिलने पर उसका चालान काटा जाएगा।

हर सीट पर बेस्ट अनिवार्य नहीं

परिवहन विभाग के अधिकारियों के अनुसार स्कूली वाहनों की गाइडलाइन में सीट बेल्ट को लेकर भी एक बड़ा बदलाव किया गया है। अब सभी सीटों पर सीट बेल्ट की अनिवार्यता नहीं होगी। अपर परिवहन आयुक्त राजस्व एके पांडेय के अनुसार कई प्रस्ताव शासन को भेजे जा चुके हैं। हमें शासन से उनके मंजूर होने का इंतजार है।

वाहनों में टीचर की अनिवार्यता खत्म

विभागीय अधिकारियों के अनुसार एक नया नियम बनाया जाएगा, जो बच्चों की सुरक्षा के लिए बेहद जरूरी है। इसमें सुबह ड्यूटी पर जाने से पहले ड्राइवरों की मेडिकल जांच की जानी है। अभी इसके मानक तय नहीं हैं। इसे ऑनलाइन भी किए जाने की तैयारी है। स्कूली वाहनों में टीचर की अनिवार्यता खत्म की जाएगी

यहां से प्रस्ताव बनाकर भेजा जा चुका है। स्कूली गाइड लाइन बदलावों के दौर से गुजर रही है। कई मामलों में सहमति बनी है और कई में फैसला लिया जाना है। अभी इसे कैबिनेट से अप्रूव नहीं कराया गया है।

धीरज साहू, परिवहन आयुक्त

उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग

Posted By: Inextlive