अभी हम सभी के सामने अपने एरिया के ग्राउंड वॉटर लेवल भूगर्भ जल स्तर की स्थिति जानना एक बड़ी चुनौती है लेकिन अब इस चुनौती से निपटने के लिए ग्राउंड वॉटर डिपार्टमेंट भूगर्भ जल विभाग ने एक कारगर तरीका खोज निकाला है। जिसके माध्यम से कोई भी आसानी से अपने एरिया के ग्राउंड वॉटर लेवल को जान सकेगा। इतना ही नहीं यह कदम ग्राउंड वॉटर लेवल संभालने में ब्रह्मास्त्र की तरह काम करेगा।


लखनऊ (ब्यूरो)। ग्राउंड वॉटर डिपार्टमेंट ग्राउंड वॉटर लेवल को संजोने के लिए नई तकनीक अपना रहा है। इसके कारगर परिणाम भी सामने आए हैं। नई तकनीक से अब कम्प्यूटर की स्क्रीन बता देगी कि आपके इलाके में कितने पानी का दोहन हो रहा है। किसी भी समय किसी भी इलाके के ग्राउंड वॉटर लेवल की जानकारी बहुत आसानी से मिल जाएगी। यह तकनीक डिजिटल वॉटर लेवल रिकार्डर से जुड़ी होगी, जो विकासखंडों में बोरिंग करके लगाए गये पीजोमीटर (पानी नापने का यंत्र) के साथ जोड़े गये हैं। प्रेशर सेंसर तकनीकी बेस्ड
डिजिटल वॉटर लेवल रिकार्डर प्रेशर सेंसर तकनीक पर आधारित है। यह तकनीक ग्राउंड वॉटर लेवल के दबाब को उसकी गहराई में परिवर्तित करके आंकड़े देती है। मशीन में लगी चिप से ऑनलाइन वॉटर लेवल की जानकारी सीधे कम्प्यूटर पर देखी जा सकती है। यह पहला मौका है जब यूपी में ग्राउंड वॉटर लेवल की स्थिति को संभालने के लिए तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है। डिजिटल वॉटर लेवल रिकार्डर के आंकड़ों के आधार पर विभाग विकासखंडों को अति दोहित, क्रिटिकल, सेमी क्रिटिकल और सुरक्षित श्रेणी में बांटेगा। इसके साथ ही भविष्य में होने वाले पानी संकट को संभालने के लिए प्रभावी योजनाएं बनाएगा। शहरी क्षेत्रों के लिए भी कारगर


निश्चित रूप से इस तकनीकी के आ जाने से शहरी क्षेत्रों में तेजी से गिरते ग्राउंड वॉटर लेवल को कंट्रोल किया जा सकेगा। राजधानी लखनऊ की बात करें तो यहां भी ग्राउंड वॉटर लेवल की स्थिति चिंताजनक है। शायद ही कोई ऐसा इलाका हो, जहां ग्राउंड वॉटर लेवल डाउन न हुआ हो। इस्माइलगंज, आलमबाग, इंदिरानगर, महात्मा गांधी वार्ड समेत कई इलाके ऐसे हैैं, जहां ग्राउंड वॉटर लेवल की स्थिति चिंताजनक है।

जल है तो जीवन है, इस मूलमंत्र को एक एक व्यक्ति को अपने जीवन में उतारना होगा। हम घर-घर स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था के साथ ही जल संरक्षण के लिए हर स्तर पर अभियान चला रहे हैं। स्वतंत्र देव सिंह, जलशक्ति मंत्री

Posted By: Inextlive