रिटायर्ड आईएएस अर¨वद शर्मा ने ज्वाइन की बीजेपी

- पीएम मोदी के भरोसेमंद रिटायर्ड आईएएस को यूपी प्रेसीडेंट ने दिलाई सदस्यता

- मिल सकती है बड़ी जिम्मेदारी, मंत्री पद की भी चर्चा

रुष्टयहृह्रङ्ख : 1988 बैच (गुजरात कैडर) के रिटायर्ड आईएएस अधिकारी अर¨वद कुमार शर्मा गुरुवार को भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए। पीएम नरेंद्र मोदी के विश्वासपात्र शर्मा ने पार्टी में शांति से, लेकिन 'सनसनीखेज एंट्री' की है। भाजपा की प्राथमिक सदस्यता के साथ ही कयासों में उनके लिए सरकार की बड़ी कुर्सी तलाशी जा रही है।

पार्टी नेतृत्व का जताया आभार

लखनऊ में प्रदेश मुख्यालय में शर्मा ने सदस्यता ग्रहण करने के बाद नेतृत्व का आभार जताते हुए कहा कि पार्टी जो जिम्मेदारी देगी, उसे गंभीरता व निष्ठा से निभाएंगे। दोपहर करीब 12 बजे आयोजित संक्षिप्त कार्यक्रम में शर्मा ने अपने बारे में बताया। कहा कि मुझे खुशी है कि बिना किसी राजनीतिक बैकग्राउंड के विश्व की सबसे बड़ी पार्टी में शामिल होने का मौका मिला। मैं मऊ जिले के एक पिछड़े गांव से निकला और आईएएस अधिकारी बना। मेरे जैसे सामान्य व्यक्ति को अपने साथ काम करने का मौका भाजपा व नरेंद्र मोदी जैसे व्यक्तित्व ही दे सकते हैं।

विधान परिषद भेजा जाना तय

शर्मा ने जिस तरह अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत की है, उससे अटकलों का माहौल गर्म है। मोदी के भरोसेमंद होने के कारण उनका अचानक राजनीति में आना महत्वपूर्ण माना जा रहा है। स्थानीय भाजपा नेता कुछ कहने से बच रहे हैं, लेकिन उनकी अहमियत कम करके नहीं आंकी जा रही। गौर करने लायक है कि इससे पहले भी कई नौकरशाह भाजपा में आए, लेकिन ऐसा कौतुहल नहीं बना। यहां शर्मा को विधान परिषद भेजा जाना तय है।

होम मिनिस्टर का पद मिलने की चर्चा

उन्हें डिप्टी सीएम बनाए जाने के कयास तो रिटायमेंट के दिन से ही लगाए जा रहे हैं, लेकिन सूत्रों का कहना है कि उन्हें होम मिनिस्टर बनाया जा सकता है। तकरीबन तीन दशक पहले तक कांग्रेस की सरकार में ही गृहमंत्री अलग से बनाए गए। उसके बाद बसपा, सपा और भाजपा की सरकारों में गृह विभाग, मुख्यमंत्री ने अपने पास ही रखा है। प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह ने दौरान शर्मा का स्वागत करते हुए कहा कि उनकी कार्यक्षमता व कर्मठता से पार्टी को नई दिशा व गति मिलेगी। इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री डा। दिनेश शर्मा सहित अन्य प्रदेश पदाधिकारी उपस्थित थे।

दो दशक से मोदी के विश्वासपात्र

मऊ जिले में रानीपुर ब्लॉक के काझाखुर्द गांव में 11 अप्रैल, 1962 को जन्मे अर¨वद शर्मा के पिता शिवमूर्ति राय रोडवेज में ट्रैफिक इंसपेक्टर थे। तीन भाइयों में सबसे बड़े अर¨वद बचपन से मेधावी थे। शुरुआती शिक्षा गांव के प्राथमिक विद्यालय में ही लेने के बाद उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय में एमए राजनीति शास्त्र में सर्वोच्च अंक प्राप्त किए। यहीं से पीएचडी करने के बाद उनका चयन 1988 में गुजरात कैडर में भारतीय प्रशासनिक सेवा में हो गया। 2001 में जब गुजरात में नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री की कुर्सी संभाली तो अर¨वद उनके सचिव बने। 2014 में जब मोदी प्रधानमंत्री बने तो उनको पीएमओ में संयुक्त सचिव की जिम्मेदारी दी गई। विभिन्न पदों पर रहते हुए शर्मा ने गत 11 जनवरी को सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्रालय के सचिव पद पर रहते हुए स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली।

मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलें

योगी मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलें विधानसभा उपचुनाव व विधान परिषद चुनाव के बाद से जोर पकड़े हैं। पिछले दिनों प्रधानमंत्री मोदी से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अकेले में मुलाकात ने मंत्रिमंडल में फेरबदल की चर्चाओं को और बल दिया है। मंत्रिमंडल में 60 मंत्री हो सकते हैं और वर्तमान में 54 मंत्री हैं। यानी अभी विस्तार की संभावनाएं बरकरार हैं। ऐसे में फरवरी के प्रथम सप्ताह में अर¨वद कुमार शर्मा के अलावा कुछ नए चेहरों को मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है।

Posted By: Inextlive