- अब तक एक दर्जन से ज्यादा एफआईआर हो चुकी, कई में हो चुकी गिरफ्तार

- राजस्थान के भरतपुर व लोकल गैंग है एक्टिव

LUCKNOW : हनीट्रैप के 'डर्टी गेम' में राजधानी के कई बड़े अफसर, नेताओं के निजी सचिव, इंजीनियर व डॉक्टर फंस रहे हैं। हाल ही में प्रदेश के बड़े नेता के निजी सचिव को हनीट्रैप कर ब्लैकमेल करने वाले दो युवकों को पुलिस ने पकड़ा। यहीं नहीं विशेष सचिव बेसिक शिक्षा को भी एप के जरिए हनीट्रैप कर ब्लैकमेल किया जा रहा है। शहर में ऐसे दस बीस नहीं बल्कि करीब 140 माननीय हैं जो इस जाल में फंसे हैं। कई ने हिम्मत कर एफआईआर दर्ज कराई तो कुछ साइबर क्राइम सेल में शिकायत तक सीमित हैं जबकि कुछ ऐसे भी हैं जो सामने आने से भी कतरा रहे हैं।

शिकायत ज्यादा पर मुकदमा नहीं

हनीट्रैप में फंसकर ब्लैकमेल होने के मामले में एक साल में सबसे ज्यादा शिकायत साइबर सेल में आई हैं। हालांकि लिखित शिकायत के अलावा थाने में एफआईआर दर्ज कराने का प्रावधान है। जाल में फंसे लोगों ने साइबर सेल में लिखित शिकायत तो दर्ज कराई, लेकिन बदनामी के डर से संबंधित थाने में एफआईआर नहीं दर्ज करा रहे हैं। एक साल में करीब 140 लोगों ने शिकायत की है, लेकिन अभी तक 10 से 12 लोगों ने ही एफआईआर दर्ज कराई है।

पहले डेट किया फिर ब्लैकमेल

दिसंबर 2020 में विभूतिखंड में हनीट्रैप का पहला मामला सामने आया था। सना उर्फ तबस्सुम उर्फ देवांशी डॉक्टर अखिलेश चौबे से परिचित थी। उसने तीन से चार बार डॉक्टर के साथ डेट की। इसके बाद उसे गोल्फ सिटी में एक अपार्टमेंट के फ्लैट में मिलने के लिए बुलाया, जहां डॉक्टर के पहुंचने पर उसने अपनी छोटी बहन कहकशां से मुलाकात कराई। इसके बाद नशीला ड्रिंक पिलाकर उनकी अश्लील वीडियो व फोटो खींच ली गई, जिसके बाद वसूली का खेल शुरू हुआ।

एक साल से एक्टिव है गैंग

राजधानी में एक नया गिरोह सक्रिय हुआ है जो लोगों को अपने जाल में फंसा कर ब्लैकमेल कर रहा है। इस गिरोह में बड़ी संख्या में महिलाएं हैं, जो सोशल मीडिया के जरिए लोगों को अपने झांसे में लेकर दोस्ती कर रही है। इसके बाद मिलने के लिए अपने अड्डे पर बुलाती हैं, जहां उनके अन्य साथी लोगों से मोटी रकम वसूलते हैं। एक मामले की छानबीन के दौरान पुलिस को इस गिरोह की जानकारी हुई है।

रहें सावधान, कहीं आप भी न हो जाएं शिकार

अगर आप भी किसी अनजान महिला से फोन पर बात कर रहे हैं। बातचीत के दौरान महिला आपको अकेले में मिलने के लिए बुला रही है तो सावधान हो जाइए। ऑनलाइन एप के जरिए गिरोह के सदस्य लोगों को फंसा रहे हैं। इस गिरोह के झांसे में फंसे लोग डर के कारण पुलिस से शिकायत भी नहीं करते हैं। हालांकि ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर नीलाब्जा चौधरी ने अपील की थी कि ऐसे गैंग में फंसे लोग सामने आकर एफआईआर दर्ज कराएं। इस दौरान उनका नाम व पता गोपनीय रखा जाएगा।

फंसाने की देते हैं धमकी

गिरोह में शामिल महिलाएं युवकों को अपने अड्डे पर बुलाती हैं इसके बाद उनसे मोटी रकम की मांग करती हैं। मना करने पर वह लोगों को रेप के मामले में फंसाने की धमकी देती हैं। इस दौरान गिरोह में शामिल बदमाश लोगों के एटीएम कार्ड छीन लेते हैं और उसका पिन पूछ कर रुपये निकाल लेते हैं। अगर कोई व्यक्ति एटीएम कार्ड का पिन बताने से इंकार करता है तो बदमाश उस पर हमला बोल देते हैं।

राजस्थान से ऑपरेट हो रहा गैंग

विभूतिखंड थाने से पकड़ी गई सना, आदिल और कहकशां का कनेक्शन राजस्थान से है। यह वहीं से गैंग ऑपरेट करती हैं। यह गैंग राजस्थान के भरतपुर का है। जो पहले लोगों की प्रोफाइल चेक करता था और फिर टारगेट का मोबाइल नंबर हासिल कर एप के जरिए वीडियो कॉलिंग व चैट के जरिए उन्हें टारगेट करता है। हालांकि कुछ लोकल गैंग भी इसी तर्ज पर काम कर रहे हैं, जिसमें महानगर पुलिस ने बांदा व हमीरपुर के दोनों युवक के पकड़े जाने के बाद यह मामला सामने आया। शहर में डॉक्टर के अलावा कई और लोगों को उन लोगों ने शिकार बनाया है। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने अपने 10 अक्टूबर के एडिशन में इसका खुलासा भी किया था। पुलिस ने भी माना है कि जयपुर, लखनऊ समेत कई राज्य में उनका नेटवर्क फैला हुआ है।

Posted By: Inextlive