- तीन कार, दो लाख 10 हजार रुपये,

- पुलिस की वर्दी, मोबाइल व फर्जी दस्तावेज बरामद

- सरगना दिनेश जोगी ने सॉल्वर बैठाकर रक्षा मंत्रालय में पाई नौकरी

हृह्रढ्ढष्ठन् : प्रतियोगी परीक्षाओं में आवेदक की जगह सॉल्वर बैठाकर नौकरी दिलाने वाले गिरोह का कोतवाली सेक्टर-58 पुलिस ने पर्दाफाश किया है। शनिवार दोपहर सेक्टर-62 से तीन सॉल्वर सहित नौ लोग गिरफ्तार किए गए हैं। इसमें से दो दिल्ली पुलिस में कांस्टेबल हैं। आरोपितों की पहचान दिनेश जोगी व शिव कुमार निवासी पलवल हरियाणा, अर्पित निवासी नजफगढ़ दिल्ली, रविन्द्र निवासी सोनीपत हरियाणा, मंजीत, अमन, सोनू निवासी झज्जर हरियाणा और दिनेश चौधरी व मुकेश निवासी चरखी दादरी हरियाणा के रूप में हुई। इनके पास से तीन कार, दो लाख 10 हजार रुपये नकद, दिल्ली पुलिस की दो वर्दी, मोबाइल व फर्जी दस्तावेज बरामद हुए हैं। अपर पुलिस आयुक्त कानून-व्यवस्था लव कुमार ने बताया कि आरोपित दिनेश जोगी गिरोह का सरगना है। उसने खुद सॉल्वर बैठाकर रक्षा मंत्रालय में एएसओ के पद पर नौकरी पाई है। कुछ दिनों में उसकी ज्वाइ¨नग होने वाली थी। रविन्द्र व मंजीत दिल्ली पुलिस में कांस्टेबल हैं। रविन्द्र दिल्ली के मुंडका व मंजीत वेलकम थाने में तैनात है। अर्पित, अमन व दिनेश साल्वर हैं। शिव कुमार दिल्ली पुलिस की परीक्षा में आवेदक है।

सॉल्वर ने दी थी परीक्षा

पुलिस का कहना है कि शनिवार को सेक्टर-62 स्थित आइओन डिजीटल जोन में दिल्ली पुलिस के कांस्टेबल पद के लिए परीक्षा थी। वहां तीनों सॉल्वर दूसरे आवेदकों की जगह परीक्षा देने आए थे। संदेह के आधार पर वहां पकड़े गए। पूछताछ के बाद सेक्टर-62 से ही छह अन्य आरोपितों को गिरफ्तार किया गया। एसीपी द्वितीय रजनीश वर्मा ने बताया कि दिल्ली पुलिस के दोनों कांस्टेबल गिरोह के सरगना को सॉल्वर उपलब्ध कराते थे। गिरोह में शामिल आरोपित आवेदकों के आवेदन भरने से लेकर परीक्षा देने तक का काम करते थे। एक एप के जरिये आवेदक व साल्वर की तस्वीर का उपयोग कर मिलती जुलती तस्वीर तैयार कर पूरे फर्जीवाड़े को अंजाम देते थे। परीक्षा केंद्र पर आईडी दिखाने के लिए फर्जी तरीके से बल्लभगढ़ से ड्राइ¨वग लाइसेंस भी बनवाते थे। पकड़े गए आरोपितों से पूछताछ में एक आयकर इंस्पेक्टर और गृह मंत्रालय में तैनात एक कर्मचारी की भूमिका भी सामने आई है। आयकर इंस्पेक्टर पकड़े गए एक आरोपित का रिश्तेदार बताया जा रहा है। एसीपी का कहना है कि पिछले करीब तीन वर्षों से यह गिरोह सक्रिय है। करीब 100 लोगों को इस प्रकार से फर्जीवाड़ा कर नौकरी दिला कर चुके हैं। एक आवेदक से परीक्षा के अनुसार 10 लाख से 20 लाख रुपये तक वसूल करते थे। दिल्ली-एनसीआर में विभिन्न जगहों पर आयोजित होने वाली प्रतियोगी परीक्षाओं में फर्जीवाड़ों को अंजाम देता था। परीक्षा के दौरान गिरोह में शामिल आरोपित सॉल्वर को लेकर परीक्षा केंद्र तक पहुंचाते थे।

Posted By: Inextlive