कोरोना में किडनी पर पड़ा बुरा असर, वेंटिलेटर पर 25 वर्ष का जवान बेटा, घर गिरवी रखने पर पिता मजबूर

LUCKNOW: सेना में रहकर जीवनभर मातृभूमि की रक्षा करने वाला जांबाज पिता अपने बेटे की बिगड़ती हालत पर टूट गया। उनके जवान बेटे को कोरोना हो गया। पहले हर्षित और फिर चंदन अस्पताल में इलाज के दौरान सारी जमा-पूंजी खत्म हो गई। कोरोना ने बेटे की किडनी पर बुरा असर डाला, जिस कारण उसे वेंटिलेटर पर रखा गया है। ऐसे में इस महंगे इलाज के लिए अब पिता के पास कुछ नहीं बचा है। एक छोटा सा घर है। जिसे, बेचने पर वह विवश हैं। परेशान पिता ने सीएम योगी आदित्यनाथ से लेकर सोनू सूद तक से मदद की गुहार लगाई है।

पूर्व सैनिक बालाजी त्रिपाठी के बेटे अभिषेक त्रिपाठी (25) का वर्ष 2016 में किडनी ट्रांसप्लांट हुआ था। अभिषेक दस अप्रैल को कोरोना संक्रमित हुए। फेफड़े के 75 प्रतिशत तक संक्रमित होने और आक्सीजन का स्तर कम होने सहित कई समस्याओं के बाद उन्हें किसी तरह 15 अप्रैल को हर्षित अस्पताल में भर्ती कराया गया। यहां 27 अप्रैल को अभिषेक की तबीयत और बिगड़ने लगी। सांस लेने में जब अभिषेक को समस्या हुई तो उनके पिता ने किसी अच्छे लेवल-3 के कोविड अस्पताल में बेड की गुहार लगाई। वह दो दिन तक सीएमओ कोविड कमांड सेंटर से बेटे को किसी अच्छे अस्पताल में शिफ्ट करने की गुहार लगाते रहे। 29 अप्रैल को अभिषेक को चंदन अस्पताल में भर्ती कराया गया। यहां पांच मई की अभिषेक की कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आ गई। इसके बाद अभिषेक को छह मई को नॉन कोविड वार्ड में शिफ्ट किया गया, लेकिन इलाज के दौरान उसकी किडनी पर बुरा असर पड़ा। रेस्पिरेटरी सिस्टम फेल होने पर अभिषेक को वेंटिलेटर पर शिफ्ट किया गया है। अब तक उनके पिता ने अपनी सारी जमा पूंजी और रिश्तेदारों से मदद लेकर 20 लाख रुपये अभिषेक के इलाज में लगाए हैं। अब पिता ने सीएम से गुहार लगाते हुए इंटरनेट मीडिया पर उनके नाम एक पत्र भी दिया है, जिसमें में यह लिखा है, मेरे बेटे की ¨जदगी बचा लीजिए। मेरे पास अब कुछ भी नहीं है। एक घर है, जिसे बेचने पर विवश मैं हूं। पत्र के वायरल होने के बाद कुछ लोगों ने पिता के मोबाइल नंबर 9971855921 पर संपर्क किया, लेकिन इलाज में मदद अभी तक नहीं मिल सकी है।

Posted By: Inextlive