इस रूट पर ट्रेनों की रफ्तार बढऩे से जो समय बचेगा उसमें इस रूट पर मेमू ट्रेनें चलाई जाएंगी। जिससे कानपुर और लखनऊ के बीच मेमू ट्रेनों की संख्या भी बढ़ जाएगी। इसी योजना के अंतर्गत इस डबल लाइन ट्रैक को फोर लेन में बदलने की तैयारी शुरू कर दी गई है।


लखनऊ (ब्यूरो)। लखनऊ से कानपुर का सफर अभी करीब डेढ़ घंटे में पूरा होता है, लेकिन अगस्त के दूसरे सप्ताह से यही दूरी ट्रेन से करीब 45 मिनट में पूरी हो जाएगी। यानि जितनी देर में आप बंथरा से चारबाग आते हैं, उतनी ही देर में आप कानपुर पहुंच जाएंगे। दरअसल रेलवे ने लखनऊ-कानपुर रेलखंड को मिशन रफ्तार में शामिल किया था। रेलवे ने इस रेलखंड के ट्रैक को आधुनिक बनाने के साथ ट्रेनों की रफ्तार बढ़ाने का काम शुरू किया था। इस ट्रैक पर सिग्नलिंग का काम शुरू भी हो गया है जो दो माह में काम पूरा हो जाएगा। इसके बाद इस रूट पर ट्रेनों की स्पीड 150 से 160 किमी प्रति घंटा हो जाएगी। फिलहाल इस ट्रैक पर ट्रेनों की औसत रफ्तार 80 से 100 किमी ही है।भारी और मजबूत स्लीपर लगाए


इस रूट के ट्रैक के स्लीपरों के बीच डिस्टेंस बढ़ाया जाएगा। इस समय जो स्लीपर लगे हैं, उन्हें बदलकर अधिक भारी और मजबूत स्लीपर लगाए जा रहे हैं। वहीं सिग्नलिंग प्रणाली को भी मजबूत किया जा रहा है। यही नहीं पुल और पुलिया को भी मजबूती देने का काम चालू हो गया है।अभी कम है स्पीड

रेलवे के अधिकारियों का कहना है कि अभी सुपरफास्ट ट्रेनें लखनऊ से कानपुर के बीच 100 किमी प्रति घंटे से अधिक रफ्तार से नहीं चल पा रही हैं। वहीं कानपुर से दिल्ली के बीच की औसत स्पीड 130 किमी प्रति घंटा करने की तैयारी है, जिसकी अनुमति ले ली गई है।150 से 160 किमी प्रति घंटा होगी स्पीडसिग्नलिंग और स्लीपर के बदल जाने से ट्रैक पर ट्रेनों की औसत रफ्तार 100 किलोमीटर से बढ़कर 150 से 160 किमी प्रति घंटा की हो जाएगी। जिसके बाद इस रेलखंड पर तेजस, शताब्दी, राजधानी जैसी 18 ट्रेनों को इसी स्पीड से चलाया जाएगा। जिससे लखनऊ से कानपुर का सफर 45 मिनट में पूरा हो जाएगा।बढ़ेगी मेमू ट्रेनों की संख्याइस रूट पर ट्रेनों की रफ्तार बढऩे से जो समय बचेगा उसमें इस रूट पर मेमू ट्रेनें चलाई जाएंगी। जिससे कानपुर और लखनऊ के बीच मेमू ट्रेनों की संख्या भी बढ़ जाएगी। इसी योजना के अंतर्गत इस डबल लाइन ट्रैक को फोर लेन में बदलने की तैयारी शुरू कर दी गई है।रेलखंड का सर्वे हो चुका है। लाइनों के दोनों तरफ रेलवे के पास जमीन है, कुछ जमीन अधिगृहीत करनी होगी। इसका डीपीआर बनाकर रेलवे बोर्ड को भेजा जाएगा। ट्रेनों की स्पीड बढ़ाने के लिए लाइनों को बढ़ाया जा रहा है।

-आशुतोष गंगल, महाप्रबंधक, उत्तर रेलवेमिशन रफ्तार के तहत लखनऊ से कानपुर रेलखंड को दिल्ली-हावड़ा प्रोजेक्ट में शामिल किया गया है। इसका लक्ष्य 45 मिनट में लखनऊ कानपुर का सफर और साढ़े तीन घंटे में कानपुर नई दिल्ली का सफर पूरा कराना है।-विक्रम सिंह, जनसंपर्क अधिकारी, उत्तर रेलवे

Posted By: Inextlive