- नौकरी के नाम पर बेरोजगारों को बना रहे निशाना

- राजधानी के थानों में रोज आ रही हैं शिकायतें

LUCKNOW :

राजधानी में ठग कभी किसी को नौकरी के नाम पर तो कभी ऑनलाइन पेमेंट के नाम पर चूना लगा रहे हैं। यह हाल तब है जब साइबर क्राइम सेल और पुलिस लोगों को ठगी से बचने के लिए जागरूक कर रही है।

डेबिट कार्ड बदल खाते से निकाले 1.50 लाख

बीबीडी के पास एटीएम बूथ में मदद के बहाने जालसाज ने एक व्यक्ति का डेबिट कार्ड बदलकर उसे 1.50 लाख रुपये की चपत लगा दी। पीडि़त ने चिनहट थाने में इसकी एफआईआर कराई है। पुलिस के अनुसार उर्मिलापुरी निवासी मदन पाल 8 अक्टूबर को बीबीडी के सामने पीएनबी के एटीएम से रुपए निकालने गए थे। वहां एक व्यक्ति ने बातों में लगाकर इनका एटीएम कार्ड बदल लिया और कुछ देर में ही उनके खाते से 1.5 लाख रुपए निकल गए। इंस्पेक्टर चिनहट ने बताया कि एटीएम बूथ के सीसीटीवी कैमरों की फुटेज मांगी गई है।

फर्जी कंपनी खोल बांट रहे थे नौकरी

गाजीपुर पुलिस के मुताबिक इटावा निवासी उदय प्रताप ने बताया कि 10 माह पहले उनकी मुलाकात जौनपुर निवासी अखिलेश तिवारी से हुई। उसने अपनी पांच कंपनियां होने का दावा किया और कहा कि वह बेरोजगारों को जॉब दिलाता है। उसने शासनादेश दिखाते हुए उदय को पार्टनरशिप करने और अच्छा मुनाफा देने की बात कही। बातों में आकर उदय प्रताप ने अखिलेश और उसके बेटे अमन तिवारी को 35 लाख रुपये थमा दिया। कुछ दिनों बात पीडि़त को पता चला कि आरोपी पिता व बेटा बेरोजगार युवकों को नौकरी लगवाने के झांसा देकर ठगी करते हैं। पीडि़त के विरोध करने पर उसे धमकी देने लगे। इंस्पेक्टर ने बताया कि रिपोर्ट दर्ज कर मामले की जांच की जा रही है।

क्यूआर कोड स्कैन कर निकाले रुपये

पुलिस के मुताबिक निशातगंज निवासी ज्योति सिंह ने बताया कि भांजी खुशी ने पेंटिंग बेचने के लिए ओएलएक्स पर सेल डाली थी। कॉल करने वाले ने पेंटिंग खरीदने की इच्छा जताते हुए रुपये गूगल पे व फोन पे पर ट्रांसफर करने को कहा। जालसाज ने उन्हें क्यूआर कोड भेजा। कोड स्कैन करते ही उसके खाते से 28,578 रुपये निकाल लिए गए। इंस्पेक्टर महानगर ने बताया कि पूरे मामले की जांच शुरू कर दी गई है।

लिंक भेज खाते से उड़ाए रुपए

आलमबाग पुलिस के मुताबिक आनंद नगर निवासी शोभिता श्रीवास्तव ने बताया कि उसने क्विकर डॉट कॉम पर सीवी अपलोड की थी। 9 अक्टूबर को उनके पास किसी निशा की कॉल आई। उसने रजिस्ट्रेशन के लिए मोबाइल पर एक लिंक भेजा। लिंक के माध्यम से रजिस्ट्रेशन के नाम पर 10 रुपये ट्रांसफर करने को कहा गया था। ऐसा करते ही उसके खाते से सात हजार रुपये निकल गए।

Posted By: Inextlive