- पीजीआई के गैस्टो सर्जरी विभाग ने हासिल की सफलता

LUCKNOW :

पीजीआई के गैस्टो सर्जरी विभाग ने अमाशय कैंसर की सर्जरी लेप्रोस्कोपिक विधि से करने में सफलता हासिल कर ली है। इस तकनीक से मरीज जल्दी ठीक होता है और उसमें संक्रमण की आशंका भी कम हो जाती है। इसमें खर्च भी कम आता है।

नहीं लगाना होगा चीरा

विभाग के प्रो। अशोक कुमार (सेकेंड) ने इस सर्जरी को एनेस्थीसिया विभाग के प्रो। सुजीत गौतम, डॉ। सुरुचि के साथ स्थापित किया। गैस्ट्रो सर्जरी के सीनियर रेजिडेंट डॉ। सोमनाथ, डॉ। किरन, डॉ। चंदन के साथ एनेस्थीसिया रेजिडेंट डॉक्टर के सहयोग से यह सर्जरी संभव हो पाई। प्रो। अशोक के मुताबिक ओपन विधि से 20 से 25 सेंटीमीटर के चीरे की जरूरत होती है, लेकिन लेप्रोस्कोपिक विधि से यह कार्य बिना बड़ा चीरा लगाए किया जाता है साथ ही अंदर के अंगो में भी कम खींचतान, कम इंजरी तथा काम ब्लड लॉस होता है और इसी कारणवश ऑपरेशन के बाद दर्द भी कम होता है।

ऐसे हुई सर्जरी

प्रो। अशोक के मुताबिक प्रतापगढ़ निवासी प्रदीप सिंह आमाशय कैंसर से ग्रस्त थे। उनकी सर्जरी को लेप्रोस्कोप से करने का फैसला लिया गया। कैंसर आमाशय के मुंह पर था जिसके लिए बहुत छोटा होल बना कर अंदर जाकर खाने की नली और आमाशय को अलग करने के साथ आमाशय के 75 फीसदी हिस्से को निकाला। साथ ही आमाशय के आस पास की नसों की ग्रंथियों और ओमेंटम को भी निकाला गया। फिर बचे हुए 25 फीसदी आमाशय को छोटी आंत से जोड़ दिया गया।

Posted By: Inextlive