नशे की लत को छोड़ने मन को करें मजबूत
150 के करीब नशे के लती रोज आते हैं केजीएमयू
16 साल से कम उम्र वालों को देखा जाता है चाइल्ड ओपीडी में 20 से 35 साल की उम्र के मरीज आते हैं ज्यादा - मजबूत इच्छा शक्ति से पाएं नशे की लत पर विजय - नशा मुक्ति केंद्र और डॉक्टर की मदद से छोड़ें नशा LUCKNOW: नशे की लत की गिरफ्त में आया इंसान कई बार चाह कर भी इसे नहीं छोड़ पाता है। इसका कारण यह है कि ऐसे लोगों की विल पॉवर कम होती है। वहीं जो नशा करने वाले मजबूत इच्छा शक्ति के होते हैं, वे इसे छोड़ देते हैं। डॉक्टर्स का भी कहना है कि नशे को छोड़ना आसान नहीं है। अगर आप नशा छोड़ना चाहते हैं तो आपको नशा मुक्ति केंद्र या किस मनोचिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए। मेडिकल ट्रीटमेंट से इसे छोड़ा जा सकता है। नशे के हिसाब से इलाजनशा छुड़ाने के लिए नशा मुक्ति केंद्र भी अच्छा विकल्प हैं। यहां कई लेवल पर इलाज किया जाता है। केजीएमयू के मनोचिकित्सक डॉ। आदर्श त्रिपाठी ने बताया कि यहां नशा मुक्ति के लिए बनाए गए एक्सिलेंस सेंटर में हर सप्ताह 100 से 150 मरीज आते हैं। अगर जरूरी होता है तो मरीजों को भर्ती कर नशे के हिसाब से उनका इलाज भी किया जाता है। यहां स्पेशल ओपीडी हर गुरुवार को चलती है और 16 साल से कम उम्र के लोगों का चाइल्ड ओपीडी में इलाज किया जाता है। यहां जितने भी लोग इलाज के लिए आते हैं उसमें 20 से 35 साल वाले अधिक होते हैं। वहीं मद्य निषेध विभाग की ओर से नशा मुक्ति केंद्र चलाया जाता है।
दवा और काउंसिलिंग राज्य मानसिक अधिकारी डॉ। सुनील पांडेय ने बताया कि स्टेट हेल्पलाइन नंबर पर नशे से छुटकारा पाने के लिए लोग खूब फोन करते हैं। मरीजों से पूरी जानकारी हासिल करने के बाद लक्षणों के आधार पर मरीज को इलाज कराने के सलाह दी जाती है। डॉक्टर मरीज की जांच करते हैं और फिर तय करते हैं कि उसे दवा की जरूरत है कि नहीं। वहीं काउंसिलिंग के दौरान ऐसे लोगों को नशा छोड़ने के लिए प्रेरित करने के साथ उनका उत्साह बढ़ाया जाता है। वहीं जरूरत पड़ने पर जिला अस्पताल या मनोचिकित्सक के पास जाने की सलाह दी जाती है। बाक्स काउंसिलिंग में किस पर जोर - नशे के बुरे नतीजों के बारे में बताना - नशे के प्रति विचारों को बदलना - तनाव को किस तरह करें कंट्रोल - नशे की तलब लगने पर क्या करें बाक्सनशे का शरीर पर प्रभाव
- घबराहट या बेचैनी होना - बात-बात पर गुस्सा आना - अचानक मूड बदल जाना - मेमोरी कमजोर होना - हार्ट बीट का बढ़ना और पसीना आना नोट- यह लक्षण किसी दूसरी बीमारी के भी हो सकते हैं। कोट स्टेट हेल्पलाइन नंबर पर नशा छोड़ने के बारे में जानकारी के लिए खूब कॉल आती हैं। कॉल करने वाले की जरूरत के अनुसार काउंसिलिंग की जाती है या फिर उसे दवा एवं नजदीकी नशा मुक्ति केंद्र जाने की सलाह दी जाती है। - डॉ। सुनील पांडेय, राज्य मानसिक अधिकारी लोगों को नशे की लत से दूर करने के लिए कई स्तर पर ट्रीटमेंट दिया जाता है। अगर जरूरत महसूस होती है तो उन्हें भर्ती कर इनका पूरी तरह इलाज भी किया जाता है। - डॉ। आदर्श त्रिपाठी, मनोचिकित्सक, केजीएमयू