वीसी ने सभी की बात को सुना और इस पूरे प्रकरण की जांच कर आगे की कार्रवाई का आश्वासन दिया। छात्रों की ओर से दी गई लिखित शिकायत के मुताबिक हिन्दी विभाग के डॉ. रविकांत कुंठित मानसिकता से ग्रसित हैं।


लखनऊ (ब्यूरो)। लखनऊ यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर की विवादित धार्मिक टिप्पणी के बाद से ही उनके खिलाफ बहुत से छात्रों ने मोर्चा खोल दिया है। गुरुवार को छात्रों ने डॉ। रविकांत के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए आरोप लगाया कि वे हिंदू देवी-देवताओं पर अमर्यादित टिप्पणी करते रहते हैं। इस मामले में छात्रों ने वीसी प्रो। आलोक कुमार राय से वार्ता की। गुरुवार दोपहर 11 बजे दर्जनों छात्रों ने अपना विरोध जताने के लिए गेट नंबर एक के पास धरना दिया और वीसी को दो ज्ञापन भी सौंपे।प्रोफेसर पर लगाए गए गंभीर आरोप


वीसी ने सभी की बात को सुना और इस पूरे प्रकरण की जांच कर आगे की कार्रवाई का आश्वासन दिया। छात्रों की ओर से दी गई लिखित शिकायत के मुताबिक, हिन्दी विभाग के डॉ। रविकांत कुंठित मानसिकता से ग्रसित हैं। वो आए दिन अपनी कक्षाओं में छात्रों को जातिगत तरीके से बांटने और धार्मिक भावनाओं को भड़काने का प्रयास करते हैं। उनका कहना है कि वर्तमान में डॉ। रविकांत ने काशी विश्वनाथ मंदिर के संबंध में आपत्तिजनक टिप्पणी की। छात्रों का आरोप है कि डॉ। रविकांत अपनी कक्षाओं में धर्म और जाति को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी करते हैं। कई बार उन्हें कक्षाओं में महाराणा प्रताप, भगवान कृष्ण से लेकर सीता जी तक पर अभद्र टिप्पणी करते हुए पाया गया है।प्रोफेसर ने नहीं दिया जवाबलखनऊ यूनिवर्सिटी के हिन्दी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ। रविकांत ने बीते दिनों बाबा काशी विश्वनाथ और साधू संतों को लेकर विवादित टिप्पणी की थी। जिसके बाद से यूनिवर्सिटी में विरोध चल रहा है। बुधवार को यूनिवर्सिटी परिसर के अंदर छात्र कार्तिक पाण्डेय और डॉ। रविकांत के बीच हाथापाई भी हो गई थी। इस प्रकरण को लेकर यूनिवर्सिटी प्रशासन की तरफ से डॉ। विकांत से भी जवाब-तलब किया गया था, लेकिन अभी तक कोई जवाब नहीं मिला है।शिक्षक की सुरक्षा पर चिंतन

डॉ। रविकांत पर हुए हमले के बाद मंगलवार को लखनऊ यूनिवर्सिटी शिक्षक संघ लूटा की कार्यकारिणी बैठक गुरुवार को हुई। बैठक में 18 मई को डॉ। रविकांत के साथ हुई घटना की निंदा की गई। लूटा कार्यकारिणी के अध्यक्ष डॉ। विनीत वर्मा ने कहा कि डॉ। रविकांत पर हुआ हमला 10 मई को हुई घटना के दोषियों पर कार्यवाही नहीं करने का परिणाम है। डॉ। रविकांत ने पहले ही इसकी आशंका व्यक्त की थी। कार्यकारिणी बैठक में कहा गया कि इन घटनाओं से यूनिवर्सिटी शिक्षक अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। बैठक में 10 मई और 18 मई को हुई घटनाओं में लिप्त सभी छात्रों को तत्काल निष्कासित करने, एफआईआर दर्ज कराने की मांग की गई। मांगें न माने जाने पर आंदोलन की चेतावनी भी दी गई।

Posted By: Inextlive