एलयू समेत संबद्ध डिग्री कॉलेज में एकेडमिक सेशन 2021-22 के लिए ग्रेजुएशन एडमिशन की प्रक्रिया जारी है। इस सेशन से ही यूनिवर्सिटी ने ग्रेजुएशन लेवल पर नई शिक्षा नीति 2020 एनईपी लागू करने की घोषणा की है। इसके बाद से ही स्टूडेंट्स में असमंजस्य की स्थिति बन गई थी। खासकर ग्रेजुएशन कर रहे पुराने स्टूडेंट्स बार-बार कॉलेज प्रबंधन से पूछ रहे थे कि एनईपी में क्या ग्रेजुएशन में पढऩे वाले पुराने स्टूडेंट्स भी इसमें आएंगे या नहीं। कॉलेज प्रबंधनों केपास एनईपी केकई सवालों केसाथ इस सवाल का जवाब भी नहीं था। अब सभी कॉलेजों के प्राचार्यों को एनईपी से जुड़े स्पष्ट निर्देश जारी कर दिए गए हैं।


लखनऊ (ब्यूरो)। लखनऊ यूनिवर्सिटी से सम्बद्ध लखनऊ, रायबरेली, लखीमपुर और हरदोई में 524 डिग्री कॉलेज हैं। जिनमें सेशन 2021-22 की एडमिशन प्रक्रिया जारी है। एनईपी में कोर्स कैसा होगा, विषयों का चयन कैसे करना है इसकेलिए चार साल केग्रेजुएशन कोर्स को किस-किस साल में छोड़ सकते हैं। दरअसल, एनईपी केतहत ग्रेजुएशन कोर्स तीन की जगह अब चार साल में पूरा होगा, लेकिन स्टूडेंट्स को सहूलियत दी जाएगी कि वह एक साल, दो साल, तीन साल में कभी मर्जी के अनुसार पढ़ाई छोड़कर डिप्लोमा, सर्टिफिकेट, डिग्री या चार साल बाद बैचलर विद् रिसर्च की डिग्री प्राप्त कर सकते हैं। ये सारे नियम और निर्देश डिग्री कॉलेजों प्राचार्य को दे दिए गए हैं। अपलोड होने लगा नया सिलेबस
ग्रेजुएशन लेवलपर एनईपी लागू होने से ग्रेजुएशन का नया सिलेबस भी बदल जाएगा। यूनिवर्सिटी में ग्रेजुएशन केसभी कोर्सेज को तैयार करना शुरू कर दिया है। सिलेबस तैयार होते हैं उसे यूनिवर्सिटी की वेबसाइट पर अपलोड कर दिया जा रहा है। जिससे कॉलेज प्रबंधन और स्टूडेंट्स जान सकें कि एनईपी के तहत उन्हें किस-किस सेमेस्टर में क्या।क्या पढऩा होगा।

एनईपी 2020 के अन्तर्गत ही यूनिवर्सिटी और डिग्री कॉलेज में एडमिशन लिए जाएंगे। एनईपी जिस साल से लागू हुई है। उसी साल में एडमिशन लेने वाले स्टूडेंट्स एनईपी के दायरे में आएंगे। पूर्व में ग्रेजुएशन कर चुके स्टूडेंट्स इसके दायरे में नहीं आएंगे। विनोद कुमार सिंह, रजिस्ट्रार, लखनऊ यूनिवर्सिटी

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