- 1.70 लाख वर्ग फीट भूमि से अतिक्रमण साफ कराने को दिया आदेश

- पूर्व उपाध्यक्ष सत्येंद्र सिंह ने मानकों को दरकिनार कर की लीज

रुष्टयहृह्रङ्ख : ऐशबाग में चित्ता खेड़ा स्थित इम्प्रूवमेंट ट्रस्ट की 1.7 लाख वर्ग फीट जमीन पर बने 200 मकानों पर कार्रवाई की तलवार लटक गई है। लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) के पूर्व उपाध्यक्ष सत्येंद्र सिंह की एक गलती से ट्रस्ट की जमीन पर स्कूल और धार्मिक स्थल के साथ ही करीब 200 कच्चे और पक्के मकान बन गए हैं। अब उच्च न्यायालय के आदेश पर इन्हें गिराए बिना जमीन खाली होना संभव नहीं है।

भूमि पर अवैध कब्जा

एलडीए के मुताबिक भूमि पर अवैध कब्जा है। पूर्व उपाध्यक्ष ने चंद हजार रुपये जमा करवाकर लीज नब्बे साल के लिए कर दी थी। इस संबंध में एलडीए के अपर सचिव की अध्यक्षता में गठित पांच सदस्यीय टीम आज अपनी रिपोर्ट एलडीए उपाध्यक्ष को सौंपेगी।

जमीन की लीज की गई थी

वर्ष 2015 में ऐशबाग स्थित इम्प्रूवमेंट ट्रस्ट की जमीन की लीज की गई थी। यहां प्लाईवुड फैक्ट्री संचालक ने एलडीए के समक्ष जमीन अपनी होने का दावा किया था। बाद में यह मामला न्यायालय में गया। लंबे संघर्ष के बाद जमीन खाली कराने के आदेश हुए। भूमि के 30 फीसद हिस्से पर एलडीए ने कब्जा ले लिया है, बाकी पर अभी अवैध रूप से लोग रह रहे हैं। ऐसे में अपनी शेष जमीन पाने के लिए एलडीए ऐड़ी चोटी का जोर लगाए हुए है।

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यह टीम कर रही है जांच

एलडीए के अपर सचिव ज्ञानेंद्र वर्मा की अध्यक्षता में गठित कमेटी जांच कर रही है। इसमें डूडा, नगर निगम के अधिशासी अभियंता, जिला प्रशासन का प्रतिनिधि और एलडीए के अधिशासी अभियंता हैं। अपर सचिव के मुताबिक जमीन की कीमत बहुत ज्यादा है। हालांकि चित्ता खेड़ा में रह रहे लोगों के पास भी रजिस्ट्री के कागज हैं। बिजली कनेक्शन और नगर निगम का गृहकर व जलकर का निर्धारण भी हो चुका है।

कोट

गलत तरीके से लीज हुई। कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए काम किया जा रहा है। रिपोर्ट वरिष्ठों को जल्द सौंपी जाएगी। करीब 1.7 लाख वर्ग फीट जमीन पर कब्जा है। इसका कुछ हिस्सा खाली कराया जा चुका है।

ज्ञानेंद्र वर्मा, अपर सचिव, एलडीए

ऐशबाग स्थित चित्ता खेड़ा में जो लोग रह रहे हैं, उन्हें दूसरी जगह बसाने के प्रयास किए जाएंगे। इसके लिए जल्द ही संबंधित अफसरों के साथ बैठक की जाएगी।

अक्षय त्रिपाठी, उपाध्यक्ष एलडीए

Posted By: Inextlive