24.04 लाख 2019 में हुए टीबी का शिकार

2019 में 79,144 लोगों की टीबी से हुई मौत

- बीबीएयू के पीएचडी स्कॉलर स्टूडेंट ने विकसित किया इम्यूनो बायो सेंसर

LUCKNOW:बीबीएमयू के माइक्रोबायोलॉजी विभाग के रिसर्च स्कॉलर ने इम्यूनो बायोसेंसर विकसित किया है, जिसकी मदद से टीबी की बीमारी का आसानी से पता चल जाएगा। अभी इस बीमारी को पता लगाने के लिए कई पुराने तरीके हैं लेकिन वे जल्द और सटीक जानकारी देने में सक्षम नहीं हैं।

24 लाख पिछले साल हुए थे शिकार

माइक्रोबायोलॉजी विभाग के टीचर डॉ। पंकज अरोरा ने बताया कि इस रोग से देश में प्रति वर्ष बड़ी संख्या में लोग प्रभावित हो रहे हैं। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने हाल में एक रिपोर्ट जारी की है, जिसके अनुसार 2019 में देश में 24.04 लाख लोग टीबी का शिकार हुए हैं। 2018 की तुलना में यह संख्या 14 फीसद अधिक है। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2019 में टीबी के कारण 79,144 लोगों की देश में जान गई थी। समय पर इस बीमारी की सही जानकारी न मिलने से ही इससे होने वाली मौतों की संख्या अधिक है।

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आईआईटी कानपुर के सहयोग से बनाया

बीबीएयू के रिसर्च स्कॉलर ऋषभ आनंद ओमर ने आईआईटी कानपुर के केमिकल इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के प्रोफेसर डॉ। निशीथ वर्मा के सहयोग से यह सिस्टम विकसित किया है। डॉ। पंकज कुमार अरोरा के मार्गदर्शन में पीएचडी कर रहे ऋषभ ने बताया कि उसने टीबी के बैक्टीरिया से निकलने वाले प्रोटीन को बायोमार्कर की तरह और उसके विरुद्ध एंटीबॉडी का यूज करके इस इम्यूनो बायोसेंसर को बनाया है। इससे टीबी की बीमारी का जल्द और सटीक पता चलेगा।

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इस खोज से सही समय पर टीबी की बीमारी का पता लगाने में मदद मिलेगी और इसकी रोकथाम की जा सकेगी। ऐसा होने से टीबी से होने वाली मौतों को कम किया जा सकेगा।

डॉ। रचना गंगवार, प्रवक्ता, बीबीएयू

Posted By: Inextlive