गुरु अपने शिष्य को बेहतर इंसान बन समाज के सुधार के लिए तैयार करता है। इस गुरु पूर्णिमा पर जानते हैं कुछ ऐसे सफल लोगों की कहानी जिनके जीवन में उनके गुरुओं ने गहरी छाप छोडऩे के साथ-साथ सकारात्मक प्रभाव डाला।


लखनऊ (ब्यूरो)। गुरु की दी सीख छात्र के जीवन में गहरा प्रभाव छोड़ती है। जो उसके भविष्य निमार्ण के लिए मजबूत नींव की तरह काम करती है। गुरु अपने छात्र को बेहतर जीवन जीने की कला सिखाने के साथ संघर्ष का सामना करते हुए आगे बढऩे की सीख देता है। गुरु अपने शिष्य को बेहतर इंसान बन समाज के सुधार के लिए तैयार करता है। इस गुरु पूर्णिमा पर जानते हैं कुछ ऐसे सफल लोगों की कहानी जिनके जीवन में उनके गुरुओं ने गहरी छाप छोडऩे के साथ-साथ सकारात्मक प्रभाव डाला।बस अपनी मंजिल की ओर देखो


मैं राजधानी के लामार्ट जूनियर स्कूल में था। उस समय मेरा सेलेक्शन एक पोएट्री कांटेस्ट में हुआ। वहां इतने सारे लोग देखकर मैं घबरा गया और बीच में ही कविता भूल गया। उस समय मुझे इस बात का काफी बुरा लगा था। पर अगले दिन मेरे टीचर ने बुलाकर समझाते हुए कहा कि जिंदगी की सीख देता हूं कि कभी आडियंस को मत देखो कि कौन क्या देख या सुन रहा है। बस अपनी मंजिल को देखो और सोचो कि मेरे से बढिय़ा कोई और नहीं बोल सकता। वो दिन है और आज का दिन है, मैंने जिंदगी में कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। आज मैं नेशनल से लेकर इंटरनेशनल लेवल पर जाकर बेहद आसानी से बोल लेता हूं।-डॉ। बिपिन पुरी, वीसी, केजीएमयूजीवन में अनुशासन का महत्व सिखायामैं गुरु नानकदेव इंटर कॉलेज में 6-10वीं तक पढ़ा। उन चार सालों के दौरान जो अनुशासन सिखाया गया वो आज भी काम आ रहा है। वहां के प्रिंसिपल दलजीत सिंह का मेरे जीवन पर सबसे अधिक प्रभाव रहा। पढ़ाई तो सब लोग करते हैं, पर मेरी लाइफ में जो अनुशासन जैसे समय पर आना, पढ़ाई करना और अपना काम खुद करना आदि यह सब उनसे ही सीखा। हम लोगों को बैठाकर पढ़ाने के साथ जिंदगी में अनुशासन और संघर्ष करते हुए आगे बढऩे का संस्कार उन्होंने ही सिखाया है, जो आज भी मेरे काम आ रहा है। यही बात मैं अपने साथियों और छात्रों को भी सिखाता हूं।-प्रो। आरके धीमन, निदेशक, पीजीआईप्रोफेशनल लाइफ में व्यवहारिक होना सीखा

जीवन में अलग-अलग आयाम होते हैं, जो आपको कई स्तर पर प्रभावित करते हैं। माता-पिता व भाई बहन भी गुरु रूप में आपको प्रभावित करते हैं। जीवन में ऐसे गुरु भी मिले जिन्होंने मुझे प्रोफेशनल लाइफ में हमारा व्यवहार कैसा हो, इसके बारे में सिखाया। जब परिस्थितियां आपके अनुकूल न हों तो ऐसे में आपका व्यवहार कैसा हो, यह मैंने सीखा। जीवन भी एक गुरु की तरह आपको कई चीजें सिखाता है, जो आगे बेहद काम आता है। आपको किसी से भी एक गुरु के तौर पर जीवन का फलसफा सीखने का अवसर मिल सकता है।-आलोक कुमार राय, वीसी, एलयूतीन गुरुओं का जीवन पर रहा प्रभावआज मैं जिस मुकाम पर हूं उसमें मेरे गुरुओं का विशेष योगदान रहा है। खासकर मेरे जीवन में तीन गुरुओं ने सबसे अधिक प्रभावित किया। इसमें इंटर के दौरान गुरु गिरिजा शंकर गौर जो मैथ्स पढ़ाते थे, ने मैथ्स से प्यार करना सिखाया। इसके बाद इंजीनियरिंग करने रुड़की गया तब वहां प्रो। जीसी बराल ने सिखाया कि डेडिकेशन के साथ इंजीनियरिंग में भी पढ़ाया जा सकता है। उन्होंने अनुशासन और ज्ञान के प्रति आकर्षण सिखाया। वहीं, प्रो। सिद्घनाथ उपाध्याय ने एक शिक्षक में क्या-क्या गुण होने चाहिए, इसके बारे में सिखाया। उन्होंने कैसे बेहतर रिसर्च करें, समाज में कैसा व्यवहार हो, छात्रों को कैसे पढ़ाया जाये और दूसरों से बात करने के लहजे के बारे में सिखाया। आज भी उनसे सीख रहा हूं।-प्रो। पीके मिश्रा, वीसी, एकेटीयू

Posted By: Inextlive