- नमाज और रोजा के साथ सुंदरकांड भी पढ़ती हैं महनाज फातिमा

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LUCKNOW : वो मजहब से मुस्लिम हैं, रोजा रखती हैं, नमाज पढ़ती हैं और साथ ही हनुमानभक्त भी हैं। ठाकुरगंज निवासी महनाज फातिमा पिछले 10 सालों से मंदिरों में श्रद्धालुओं की सेवा करती हैं। उनकी इस श्रद्धा के बारे में पूछो तो कहती हैं कि वो मुस्लिम भले ही हैं, लेकिन उनके कदम खुद ब खुद मंदिर की तरफ मुड़ जाते हैं। उनका मन हनुमान भक्ति में रमता है। और, ऐसा क्यों है। ये महनाज खुद भी नहीं जानतीं।

अब घर में कोई कुछ नहीं कहता

लखनऊ विश्वविद्यालय से ग्रेजुएट महनाज कहती हैं कि जब वो स्कूल से घर लौटती थीं तो मंदिर होते हुए घर जाती थीं। कदम खुद ब खुद मंदिर की तरफ मुड़ जाते थे। कई बार माथे पर टीका लगा देख घर वाले हैरत में पड़ जाते थे और सवाल करते थे कि तुम मंदिर क्यों गईं, तुम तो मुस्लिम हो। महनाज के मंदिर जाने पर घरवालों ने ऐतराज भी जताया। महनाज कहती हैं कि अब कोई कुछ नहीं कहता।

सब धर्मों का सम्मान करो

महनाज बच्चों को ट्यूशन पढ़ाती हैं और उनके घर में एक भाई और उनकी माता हैं। महनाज कहती हैं कि मुझे सुंदरकांड आता है, मैं पढ़ती भी हूं। इसके साथ नमाज और रोजा भी करती हूं। महनाज ने कहा कि धर्म कोई भी हो उसका सम्मान करना चाहिए। वो बताती हैं कि मंदिर में उनकी ड्यूटी श्रद्धालुओं को दर्शन करवाने, प्रवेश करवाने, लाइन लगवाने में लगती है। महनाज कहती हैं कि ये सभी जानते हैं कि वो मुस्लिम हैं, लेकिन 10 सालों के दौरान किसी ने आज तक उनसे इस बारे में कुछ भी नहीं कहा। फिर चाहे वो महंत, पुजारी हों या फिर श्रद्धालु। उन्होंने कहा कि यहां उन्हें सभी से प्यार मिलता है।

Posted By: Inextlive