इंदिरानगर स्थित एक दुकान में एक युवक अपने बच्चे के लिए आइस्क्रीम लेने पहुंचा। उसने पांच आइस्क्रीम लीं और दुकानदार से आइस्क्रीम रखने के लिए पॉलीथिन मांगी। इस पर दुकानदार ने जवाब दिया कि आपको पता नहीं है क्या पॉलीथिन पर रोक लग चुकी है। खरीदार के चेहरे पर निराशा के भाव तो आए लेकिन उसने कहाकि चलो अच्छा है पॉलीथिन पर रोक बहुत जरुरी है। हालांकि उसके द्वारा पूछा गया एक सवाल का जवाब दुकानदार के पास नहीं था। उसने पूछा कि पॉलीथिन तो बंद कर दी अब उसका विकल्प क्या है। यह तो महज एक उदाहरण है लेकिन एक जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक के बैन होने के बाद हर कोई पॉलीथिन के विकल्प तलाश रहा है।

लखनऊ (ब्यूरो)। अगर नगर निगम या अन्य जिम्मेदारों की ओर से जल्द से जल्द पॉलीथिन का विकल्प नहीं दिया गया तो साफ है कि पॉलीथिन पर प्रभावी रोक नहीं लग सकती है। निगम प्रशासन की ओर से करीब तीन साल पहले थैला बैैंक की शुरुआत की गई थी और योजना बनाई थी कि सभी प्रमुख बाजारों, सब्जी मंडियों में भी इस बैैंक को स्थापित किया जाएगा। जिससे हर कस्टमर तक इसकी पहुंच हो सके। वक्त गुजरता गया और धीरे-धीरे यह योजना फाइलों में ही कैद होकर रह गई।
एक से पांच रुपये रेट भी तय थे
जिस वक्त नगर निगम की ओर से थैला बैैंक की शुरुआत की गई थी, यह भी स्पष्ट किया गया था कि इसके रेट एक से पांच रुपये तक हो सकते हैैं। मतलब इस रेट से किसी भी व्यक्ति की जेब पर कोई भार नहीं पड़ेगा। अगर यह योजना मार्केट्स और सब्जी मंडियों में इंप्लीमेंट हो गई होती तो निश्चित रूप से राजधानी में पॉलीथिन की समस्या काफी हद तक समाप्त हो सकती थी।
अब तो विकल्प देना होगा
नगर निगम प्रशासन को अब तो हर हाल में विकल्प देना होगा। जिससे जनता के सामने कोई समस्या न आए। अगर पॉलीथिन का कोई विकल्प नहीं दिया गया तो साफ है कि लोग चोरी छिपे ढंग से पॉलीथिन का यूज करेंगे। जिससे पर्यावरण और उनकी हेल्थ को नुकसान पहुंचेगा। इसके साथ ही नगर निगम को वार्डवार जागरुकता अभियान भी चलाना होगा और लोगों को पॉलीथिन से होने वाले नुकसान से अवगत कराना होगा।
अभी जुर्माने की कार्रवाई नहीं
इसे एक अच्छा कदम माना जा सकता है कि एक जुलाई से पॉलीथिन बैन होने के बाद तुरंत जुर्माना संबंधी कार्रवाई नहीं की जा रही है। करीब एक सप्ताह तक जागरुकता अभियान चलाया जाएगा और इसके बाद ही पॉलीथिन रखने वालों के खिलाफ जुर्माना संबंधी कार्रवाई की जाएगी। अभी तो निगम की ओर से पूरे शहर में अभियान चलाकर दुकानों और ठेलों से पॉलीथिन जब्त की जा रही है साथ ही लोगों से अपील की जा रही है कि पॉलीथिन का यूज न करें, उसके स्थान पर पेपर बैग या जूट बैग का यूज करें।

बोले व्यापारी
पॉलीथिन पर रोक लगाया जाना स्वागत योग्य कदम है। अब इसके विकल्प पर भी फोकस करना होगा। अगर जनता को विकल्प नहीं मिलेगा तो पॉलीथिन पर पूरी तरह से बैन लगा पाना संभव नहीं होगा।
देवेंद्र गुप्ता, अध्यक्ष, भूतनाथ व्यापार मंडल

पॉलीथिन पर बैन संबंधी जो कदम उठाया गया है, वो सही है। हालांकि अब सरकार को इस पर भी विचार करना चाहिए कि जिन व्यापारियों ने लोन इत्यादि लेकर पॉलीथिन उत्पादन से जुड़ी फैक्ट्री इत्यादि डाली थीं, उन्हें किस तरह से राहत दी जाएगी। इसके साथ ही पॉलीथिन के विकल्प पर भी विचार करना होगा।
संजय गुप्ता, प्रदेश अध्यक्ष, उप्र आदर्श व्यापार मंडल

सबसे पहले तो उत्पादन इकाईयों पर रोक लगाई जानी चाहिए। जब उत्पादन ही नहीं होगा तो मार्केट में पॉलीथिन नजर नहीं आएगी। यह भी ध्यान रखना होगा कि छोटे दुकानदार और वेंडर्स का बेवजह उत्पीड़न न किया जाए।
जावेद बेग, अध्यक्ष, निशातगंज व्यापार मंडल

Posted By: Inextlive