- राज्य ललित कला अकादमी के 60वें स्थापना दिवस का समापन समारोह

- डिप्टी सीएम डॉ। दिनेश शर्मा ने कलाकारों को किया सम्मानित

LUCKNOW :हमारा प्रदेश साहित्य, संगीत और कला से परिपूर्ण प्रदेश है। अलग-अलग अंचल में अलग-अलग कलाएं हैं। अकादमी के इस आयोजन में आकर अनेक चित्र कृतियाें में कलाकारों के उकेरे भाव देखने को मिले। यहां एक मंच पर इतने कलाकारों को इकट्ठा किया इसके लिए वो बधाई के पात्र है। यह बातें बुधवार को डिप्टी सीएम डॉ। दिनेश शर्मा ने राज्य ललित कला अकादमी के 60वें स्थापना दिवस के समापन समारोह के दौरान कहीं। इस दौरान उन्होंने कला रंग महोत्सव के समापन समारोह में 50 कलाकारों को सम्मानित करने के साथ 34वीं प्रदर्शनी के तीन कैटलॉग का विमोचन किया गया।

कलाकारों का किया सम्मान

कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि अवध प्रांत के संगठन मंत्री घनश्याम शाही ने बताया कि संवेदनशील कलाकारों ने कोरोना काल की अनुभूतियों को भी अपनी दृष्टि से कृतियों में उतारा है। अकादमी के सचिव डॉ। यशवंत ठाकुर ने अकादमी की गतिविधियों के बारे में बताया। समारोह में ऑनलाइन माध्यम में संन्यास से औद्योगिक क्रांति की ओर थीम परअखिल भारतीय चित्रकार शिविर व प्रतियोगिता के पांच कलाकाराें संजय राज हमीरपुर, अनस सुल्तान मेरठ, हरि दर्शन मिर्जापुर, प्रियंका देवी चित्रकूट और सुमित ठाकुर नई दिल्ली को पांच हजार रुपये पुरस्कार राशि, प्रतीक चिन्ह व प्रमाण पत्र दिए गये। इसके साथ ही विश्व पर्यावरण दिवस के उपलक्ष्य में लॉकडाउन अवधि में बदलता पर्यावरण प्रतियोगिता के तहत प्रत्येक क्षेत्र से पांच कलाकारों को प्रतीक चिन्ह व प्रमाण पत्र दिये गये।

कृतियों के बीच दिखे कलाप्रेमी

लाल बारादरी भवन की दीर्घा में जारी 34वीं राज्य स्तरीय प्रदर्शनी की कृतियों और छतर मंजिल परिसर में लगी प्रतियोगिताओं की पुरस्कृत कृतियों को देखने कलाकार और कलाप्रेमी बराबर आते रहे। कलादीर्घा में चल रही 34वीं प्रदर्शनी फरवरी मध्य तक जारी रहेगी। छतर मंजिल मे लगी प्रदर्शनियों की कई कृतियां आज भी बिकीं। मूर्तिशिल्प शिविर और चित्रकार शिविर की कृतियां भी प्रदर्शित थीं।

लोक संगीत से सजी अवध की शाम

छतर मंजिल परिसर में सजे मंच पर लखनऊ के लोक गायक मगन मिश्र ने स्तुति गीत से शुरुआत करके कई मधुर लोक गीत सुनाकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध किया। वहीं धु्रव ने भी श्रवणीय लोक गीत पेश किये। जबकि उर्मिला कंडेय के दल की नृत्य प्रस्तुतियां में प्रदेश के रीति-रिवाजों,संस्कारों और परंपराओं की झलक देखने को मिली।

Posted By: Inextlive