कार्यदायी संस्थाओं से जुड़े कर्मचारी श्रमिक खासे परेशान हैैं। इसकी वजह यह है कि ज्यादातर कार्यदायी संस्थाओं की ओर से कर्मचारियों के ईपीएफ-ईएसआई में खेल किया जा रहा है। जिसकी वजह से कर्मचारियों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। मामले की गंभीरता को देखते हुए कर्मचारी संघ ने जिम्मेदारों को पत्र लिखकर जांच कराए जाने की मांग की है।

लखनऊ (ब्यूरो)। कार्यदायी संस्थाओं की ओर से तैनात कर्मचारी निगम के लगभग सभी विभागों में अपनी सेवाएं दे रहे हैैं। इनमें कई कर्मचारी ऐसे भी हैैं, जो सफाई की जिम्मेदारी संभालते हैैं। जबकि कई कर्मचारी ऐसे हैैं, जिनकी अलग-अलग विभागों में कंप्यूटर ऑपरेटर और पार्कों में भी ड्यूटी लगी हुई है। कई कर्मचारियों की ड्यूटी आरआर विभाग में भी लगी हुई है। इससे खुद अंदाजा लगाया जा सकता है कि इन कर्मचारियों पर खासी जिम्मेदारी है। इसके बावजूद ये कर्मचारी परेशानियों के भंवरजाल में घिरे हुए हैैं।

ये समस्या आ रही सामने
कार्यदायी संस्थाओं से जुड़े कई कर्मचारियों की ओर कंप्लेंट दर्ज कराई गई है कि उनकी संस्था की ओर से छह माह से पारिश्रमिक का भुगतान नहीं किया जा रहा है। जिसके कारण उन्हें व उनके परिवार को वित्तीय संकट का सामना करना पड़ रहा है। पीडि़त कर्मचारियों का कहना है कि समय से वेतन न मिलने के कारण गृहस्थी चलाना मुश्किल हो रहा है। उन्हें दूसरों से उधार लेने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। ऐसे में तत्काल पारिश्रमिक का भुगतान कराया जाए, जिससे उनकी वित्तीय स्थिति पटरी पर आ सके।

18 माह से ईपीएफ जमा नहीं
कार्यदायी संस्थाओं से जुड़े कई कर्मचारियों ने कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों से यह कंप्लेंट दर्ज कराई है कि संस्था की ओर से पिछले करीब 18 माह से ईपीएफ और ईएसआई की धनराशि भी जमा नहीं की जा रही है। इनकी कटौती उनके पारिश्रमिक से की जाती है। जिसकी वजह से कर्मचारी अपने भविष्य को लेकर खासे चिंतित हैैं और मांग कर रहे हैैं कि उक्त समस्याओं को दूर किया जाए।

मामला बेहद गंभीर
कर्मचारी संघ का मानना है कि अगर ऐसा है तो निश्चित रूप से बेहद चिंताजनक मामला है। ईएसआई और ईपीएफ कर्मचारी का हक है और उसे हर हाल में मिलना चाहिए। अगर 18 माह से उक्त मदों में धनराशि की कटौती नहीं की जा रही है तो साफ है कि कार्यदायी संस्थाओं की ओर से बड़ा खेल किया जा रहा है। पूरे मामले की जांच होनी चाहिए। जिससे सारी हकीकत सामने आ जाएगी।


निश्चित रूप से मामला बेहद गंभीर है। कहीं न कहीं साफ है कि कार्यदायी संस्थाएं गड़बड़ कर रही हैैं। इसकी तत्काल जांच होनी चाहिए। इस संबंध में मेयर और नगर आयुक्त से मांग की गई है।
आनंद वर्मा, अध्यक्ष, नगर निगम कर्मचारी संघ

Posted By: Inextlive