कोरोना की जांच कराने वाले कई मरीज लिखवा रहे गलत नाम और पता

-पॉजिटिव आने पर हॉट स्पॉट के लिए खोजने पर सामने आने लगा सच

- कुछ एरिया को हॉटस्पॉट बना दिया गया, लेकिन वहां नहीं एक भी मरीज

mayank.srivastava@inext.co.in

LUCKNOW : एक तरफ जहां कोरोना का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है, वहीं दूसरी तरफ कई ऐसे लोग हैं, जो कोरोना जांच के दौरान अपने घर के एड्रेस में खेल करके अपने और अपने परिवार के साथ-साथ दूसरों के लिए बड़ा खतरा बन रहे हैं। जबकि स्पष्ट है कि कोरोना के नाम पर एड्रेस या फिर कोई भी लापरवाही बरतने वाले शख्स के खिलाफ महामारी एक्ट के तहत कार्रवाई की जाती है। इसके बावजूद लोगों को न तो कानून का डर है न ही अपनी व अपनों की जिंदगी का। एड्रेस में किए जा रहे खेल संबंधी सच दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की ओर से की गई पड़ताल में सामने आया है।

कैसे बनता है हॉटस्पॉट

अगर कोई पेशेंट कोरोना पॉजीटिव होता है तो उसकी रिपोर्ट सीएमओ ऑफिस भेजी जाती है। सीएमओ संबंधित एरिया को हॉट स्पॉट घोषित करता है और इस संबंध में रिपोर्ट जिला प्रशासन के पास भेजी जाती है। यहां एरिया की निगरानी व बैरीकेडिंग के लिए रिपोर्ट संबंधित जोनल अफसर व स्थानीय थानों को भेजी जाती है।

ढाई सौ मीटर का एरिया होता है ब्लॉक

कोविड 19 की नई गाइड लाइन में जिस इलाके में एक या एक से अधिक कोरोना पॉजिटिव केस मिलते हैं, उस इलाके को हॉटस्पॉट घोषित कर उसे निगरानी के लिए बैरीकेडिंग की जाती है। निगरानी के लिए स्थानीय थाने की पुलिस के साथ-साथ जिला प्रशासन के एक अफसर की 24 घंटे ड्यूटी लगाई जाती है।

100 से ज्यादा है हॉटस्पॉट

राजधानी में 100 से ज्यादा हॉटस्पॉट घोषित किए गए हैं। जिनमें कई की न तो निगरानी हो रही है और न ही वहां बैरीकेडिंग की गई है। वहीं कुछ ऐसे भी हॉटस्पॉट हैं, जहां कोरोना पेशेंट मिले ही नहीं हैं।

हॉटस्पॉट की हकीकत

फोटो समेत

न मकान न कोई रहता है

एरिया- इस्माईलगंज

जगह- प्राथमिक विद्यालय

गाजीपुर के इस्माईलगंज के प्राथमिक विद्यालय को हॉटस्पॉट घोषित किया गया है। स्कूल काफी समय से बंद है और यहां कोई रहता भी नहीं है। जब लोगों से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि यहां क्या, आसपास के एरिया में भी कोई कोरोना मरीज नहीं मिला है।

फोटो समेत

प्लाट नंबर 002 कहां है

एरिया- विभूतिखंड

जगह- रोहतास प्लुमेरिया अपार्टमेंट

हेल्थ डिपार्टमेंट से जिला प्रशासन को मिली लिस्ट में हॉटस्पॉट के लिए विभूतिखंड के रोहतास प्लुमेरिया अपार्टमेंट के प्लाट नंबर 002 दर्ज था। जबकि रोहतास प्लुमेरिया अपार्टमेंट में न तो प्लाट नंबर 002 है और न ही कोई हॉटस्पॉट। अपार्टमेंट के सिक्योरिटी गा‌र्ड्स ने बताया कि वहां किसी को कोरोना नहीं हुआ है। विभूतिखंड पुलिस ने भी जांच के बाद यहां किसी के संक्रमित होने से इंकार किया है।

फोटो समेत

ये अपार्टमेंट तो है ही नहीं

एरिया- न्यू हैदराबाद

जगह- राम बसेरा अपार्टमेंट

जिला प्रशासन की हॉटस्पॉट लिस्ट में महानगर के न्यू हैदराबाद एरिया के राम बसेरा अपार्टमेंट को शामिल किया गया। हकीकत यह है कि यहां राम बसेरा अपार्टमेंट है ही नहीं। यहां रैन बसेरा अपार्टमेंट है। जब रिपोर्टर इस अपार्टमेंट में पहुंचा तो वहां रहने वाले लोगों और सिक्योरिटी गार्ड ने बताया कि यहां कोई कोरोना पेशेंट नहीं मिला है। यहां बैरीकेडिंग भी नहीं की गई।

निर्माणाधीन मकान को बनाया हॉटस्पॉट

एरिया- विभूतिखंड

जगह- विनम्रखंड

विभूतिखंड के विनम्र खंड में एक निर्माणाधीन मकान हो हॉटस्पॉट की लिस्ट में शामिल किया गया था। जब विभूतिखंड पुलिस दिए गए पते पर बैरीकेडिंग करने पहुंची तो पता चला, वहां 2004 से कोई रहता ही नहीं है।

यह है महामारी एक्ट

कोविड 19 की गाइडलाइंस के अंतर्गत महामारी एक्ट आईपीसी की धारा 188 और 269, 270, 271 के तहत मुकदमा दर्ज किया जाता है। इसके अंतर्गत छह माह की सजा और जुर्माने का प्राविधान है।

कोट

टेस्टिंग के दौरान फॉर्म भरवाने के साथ आधार कार्ड चेक किया जाता है। अगर कहीं लापरवाही हो रही है तो इसकी जिम्मेदारी तय की जाएगी।

डॉ। नरेंद्र अग्रवाल, सीएमओ लखनऊ

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यहां हो रही कोरोना की जांच

- केजीएमयू

- लोहिया संस्थान

- पीजीआई

- सिविल हॉस्पिटल

- बलरामपुर

- आईआईटीआर

- एक प्राइवेट लैब

Posted By: Inextlive