- ठगी का अनोखा तरीका

- हॉस्पिटल के फोन को फारवर्ड कर पेशेंट्स से कर रहे ठगी

- हॉस्पिटल और क्लीनिक के रिसेप्शन के फोन को कोड से कर रहे कॉल फारवर्ड

- शहर के 17 फेमस हॉस्पिटल को कर चुके टारगेट

- अप्वाइंटमेंट लेते समय फीस के लिए भेजते हैं लिंक

- पेशेंट के अकाउंट से लिंक के जरिए उड़ा लेते हैं हजारों रुपये

mayank.srivastava@inext.co.in

LUCKNOW : साइबर जालसाज ठगी के नए-नए तरीके इजाद कर रहे हैं, जिसे देख और सुन साइबर क्राइम सेल के भी कान खड़े हो गए हैं। कार्ड क्लोन, ईमेल हैक, लिंक के जरिए फ्रॉड के केस तो सामने आ रहे हैं, इस बार साइबर क्राइम सेल के पास ऐसा केस सामने आया, जिससे होश उड़ गए। जालसाज इस बार शहर के फेमस हॉस्पिटल को टारगेट कर वहां अप्वाइंटमेंट लेकर इलाज करने वाले पेशेंट्स को शिकार बना रहे हैं। शहर के 17 फेमस हॉस्पिटल उनके टारगेट पर हैं, जिसमें एक ही हॉस्पिटल के तीन मरीजों के अकाउंट से हजारों रुपये उड़ा लिये। अकाउंट से पैसा गायब होने की शिकायत लेकर पीडि़त जब थाने और साइबर सेल पहुंचे तो अनोखे फ्रॉड का खुलासा हुआ।

इस तरह से कॉल करते हैं फारवर्ड

साइबर क्राइम सेल के एक केस की इंवेस्टिगेशन में आया कि जालसाजों ने साइबर फ्रॉड का एक नए तरीका इजाद किया है, जिसमें प्राइवेट हॉस्पिटल्स को शिकार बनाया जा रहा है। साइबर जालसाज किसी भी प्राइवेट हॉस्पिटल को गूगल में सर्च कर उसके रिसेप्शन के लैंडलाइन या मोबाइल नंबर पर कॉल करके बोलते हैं कि मैं एयरटेल (जिस कंपनी का नंबर हो) से बोल रहा हूं आपका कनेक्शन बार्ड होने वाला है जारी रखने के लिए कोड 21**mobile no# या *21**mobile no# या **21**mobile no# आदि डायल करें।

फीस के नाम पर भेजते है लिंक

डायल करते ही कॉल फॉरवार्डिंग एक्टिव हो जाती है और जब अप्वाइंटमेंट या हॉस्पिटल संबंधी किसी भी जानकारी के लिए पेशेंट्स की कॉल आती है तो वह कॉल हॉस्पिटल में नहीं बल्कि साइबर जालसाज के पास पहुंच जाती है। जालसाज इस बात का फायदा उठाकर अप्वाइंटमेंट या जांच के नाम पर पैसे जमा करा लेते हैं। पैसा जमा करने के लिए जालसाज एक लिंक पेशेंट्स व तीमारदार के मोबाइल भेजते हैं। लिंक टच करते ही उनके अकाउंट से जालसाज कैश उड़ा लेते हैं।

तीन पेशेंट्स से किया फ्रॉड

हाल ही में लखनऊ के आलमबाग स्थित मेडिकल केयर सेंटर एंड हॉस्पिटल को भी निशाना बनाया गया है। हॉस्पिटल के रिसेप्शन पर एक सप्ताह पहले एक कॉल आई। कॉलर ने बताया कि हॉस्पिटल का लैंडलाइन फोन (जिस नंबर पर अप्वाइंटमेंट लिया जाता) पर कॉल आई। कॉलर ने फोन बार्ड होने की बात कहकर कॉल फारवर्ड कोड डायल करा दिया। इसके बाद कॉल फारवर्ड हो गई और दो दिन में अप्वाइंटमेंट के लिए तीन पेशेंट की कॉल आई। जालसाजों ने उन्हें जाल में फंसा कर उनके अकाउंट से चालीस हजार से तीस हजार रुपये उड़ा लिये।

न अप्वाइंटमेंट मिला और कैश

ठगी के शिकार हुए पेशेंट्स तय समय पर जब हॉस्पिटल पहुंचे तो उनका न तो अप्वाइंटमेंट था और न ही उनकी फीस जमा थी। इसे लेकर उन्होंने हंगामा शुरू कर दिया। अकाउंट चेक करने पर कैश गायब की जानकारी मिलते पेशेंट्स ने हॉस्पिटल के खिलाफ कृष्णा नगर थाने में शिकायत की। मामले की गंभीरता को देखते हुए कृष्णा नगर पुलिस ने साइबर क्राइम सेल से मदद मांगी। इसके बाद यह खुलासा हुआ कि कॉल फारवर्ड के जरिए उनके साथ ठगी हुई है।

17 हॉस्पिटल टारगेट पर

मामला साइबर क्राइम सेल के पास पहुंचा तो उन्होंने जांच शुरू की। जांच में कॉल फारवर्ड के जरिए ठगी के खेल का खुलासा हुआ। इसके बाद मेडिकल केयर सेंटर एंड हॉस्पिटल के फोन को कॉल फारवर्ड से हटा दिया गया, लेकिन उसके बाद जालसाज ने हॉस्पिटल के लैंडलाइन पर दोबारा कॉल की और फिर कॉल बार्ड का हवाला देकर कोड डायल करने के लिए कहा। रिसेप्शन में बैठी युवती को शक हुआ, जिसकी जानकारी उसने डॉक्टर को दी। डॉक्टर ने साइबर क्राइम सेल को इसकी सूचना दी। जब जालसाज के मोबाइल नंबर की जांच की गई तो सामने आया कि उसने शहर के 17 फेमस हॉस्पिटल और क्लीनिक सेंटर को अपने टारगेट में ले रखा है। उनके लैंडलाइन पर कॉल कर कॉल फारवर्ड कराने का प्रयास कर रहा है।

Posted By: Inextlive