- डीएम ने सरकारी जमीनों से अभियान चलाकर कब्जे हटाने का दिया निर्देश - नगर निगम से लेकर तहसील स्तर तक अतिक्रमण की भरमार pankaj.awasthi@inext.co.in रुष्टयहृह्रङ्ख: 'सरकारी संपत्ति आपकी संपत्ति है' कई जगह लिखे इस स्लोगन को राजधानी के कुछ भूमाफियाओं ने सच समझ लिया और सैकड़ों करोड़ कीमत की 15

- डीएम ने सरकारी जमीनों से अभियान चलाकर कब्जे हटाने का दिया निर्देश

- नगर निगम से लेकर तहसील स्तर तक अतिक्रमण की भरमार

pankaj.awasthi@inext.co.in

रुष्टयहृह्रङ्ख: 'सरकारी संपत्ति आपकी संपत्ति है' कई जगह लिखे इस स्लोगन को राजधानी के कुछ भूमाफियाओं ने सच समझ लिया और सैकड़ों करोड़ कीमत की 1512 हेक्टेयर सरकारी जमीन पर कुंडली मारकर बैठ गए। हाल ही में जिला प्रशासन ने जब सरकारी जमीनों का सर्वे कराया तो हैरान कर देने वाली हकीकत सामने आई। दो हजार हेक्टेयर से ज्यादा जमीनें जिनकी कीमत कई सौ करोड़ रुपये है, को भूमाफियाओं ने अपना मानकर कब्जा जमा लिया। खास बात यह है कि कई जगह जमीनों पर कब्जे के इस खेल में राजस्वकर्मियों की भी भूमिका संदिग्ध है। इस खुलासे के बाद जिला प्रशासन अब इन जमीनों को कब्जा मुक्त कराने की कार्ययोजना बनाने में जुट गया है।

नगर निगम-एलडीए की भी कब्जाई

राजधानी में सरकारी जमीनों पर कब्जे का खेल इस कदर धड़ल्ले से जारी है कि सरकार का कोई भी विभाग हो, उसकी जमीन सुरक्षित नहीं है। जमीनों पर कब्जे व अतिक्रमण हटाने का काम करने वाला नगर निगम खुद अपनी जमीन बचाने में नाकाम साबित हुआ। निगम की 130 हेक्टेयर से ज्यादा जमीन पर अवैध कब्जे हैं। यही हाल एलडीए का भी है, जिसकी करीब 16 जमीन पर भूमाफिया कब्जा कर बैठे हैं। वन विभाग हो या सिंचाई विभाग या फिर पीडब्लूडी विभाग, कोई भी ऐसा विभाग नहीं, जिस पर भूमाफियाओं की बुरी नजर न पड़ी हो।

कब्जे खाली कराने में नहीं दिलचस्पी

सर्वे में एक और हकीकत सामने आई कि जिन सरकारी विभागों की जमीनों पर कब्जे हैं, वे लंबे समय से हैं लेकिन, संबंधित विभागों ने अपनी जमीनों पर कब्जे हटवाने में दिलचस्पी नहीं दिखाई। यह हाल तब है जब सीएम योगी आदित्यनाथ खुद सरकारी जमीनों से कब्जे हटाने का निर्देश बार-बार दे चुके हैं। विभागों की लापरवाही का ही नतीजा है कि तमाम जगहों पर पक्के निर्माण तक बना लिये गए। वहीं, कई जमीनों को तो भूमाफियाओं ने प्लाटिंग करके बेच भी डाला। हालांकि, इस खेल में स्थानीय राजस्व कर्मियों की भूमिका को नकारा नहीं जा सकता। जिनकी बिना मिलीभगत के यह संभव नहीं है।

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डीएम ने खुद देखा तो शुरू हुई हरकत

हाल ही में डीएम अभिषेक प्रकाश सरोजनीनगर स्थित सपेरों की बस्ती अशरफ नगर पहुंचे थे। रास्ते में उन्हें रोड किनारे एक मैदान में प्लाटिंग होते देख शक हुआ। उन्होंने एसडीएम सरोजनीनगर को इस जमीन की जांच करने को कहा। जांच की गई तो पता चला कि जिस जमीन पर प्लाटिंग की जा रही थी, दरअसल, वह सरकारी जमीन पर बना एक तालाब था। जिसे भूमाफियाओं ने पाटकर प्लाटिंग शुरू कर दी थी। यह पता चलते ही डीएम प्रकाश ने फौरन सभी दोषियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर सख्त कार्रवाई करने और राजस्वकर्मियों की भूमिका की जांच का आदेश दिया था।

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42 हेक्टेयर जमीन कराई कब्जामुक्त

एडीएम प्रशासन अमरपाल सिंह ने बताया कि डीएम के निर्देश पर पूरे जिले में सरकारी जमीनों को कब्जा मुक्त करने का अभियान चलाया जा रहा है। इसी के तहत बीते 12 दिनों में जिले में 42 हेक्टेयर जमीन को अवैध कब्जों से मुक्त कराया गया है। उन्होंने बताया कि यह अभियान इंच-इंच सरकारी जमीन को कब्जा मुक्त कराने तक जारी रहेगा।

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किस विभाग की कितनी जमीन पर कब्जा

नगर निगम : 130.490 हेक्टेयर

एलडीए : 15.09 हेक्टेयर

आवास विकास : 10 हेक्टेयर

वन विभाग : 85.54 हेक्टेयर

सिंचाई विभाग : 22.524 हेक्टेयर

शारदा नहर: 9.9076

पीडब्लूडी :4.29

जिला उद्यान : 2.16

लेसा : 0.822 हेक्टेयर

कृषि विभाग : 0.16

पंचायत रात विभाग : 0.072

ग्रामोद्योग विभाग :0.18

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नगर पंचायतों में

बीकेटी : 29.98 हेक्टेयर

इटौंजा 1.1173 हेक्टेयर

महोना : 0.664 हेक्टेयर

ग्राम पंचायतों में

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तहसीलों में

सदर, बीकेटी, सरोजनीनगर, मलिहाबाद, मोहनलालगंज तहसील क्षेत्र में कुल मिलाकर करीब 1200 हेक्टेयर जमीन पर अवैध कब्जे हैं।

कोट

हमारी प्राथमिकता है कि सरकारी जमीनों पर से कब्जे तुरंत हटाए जाएं। इसके लिये डीएम के निर्देश पर जिले में अभियान चलाया जा रहा है। इसी के तहत सभी गांवों के स्तर पर ग्राम संपत्ति रजिस्टर बनवाया जा रहा है। वहीं, विभिन्न विभागों की जिन जमीनों पर कब्जा है, उसे खाली कराने के लिये विभागों की बैठक कर निर्देश दिये गए हैं।

- अमरपाल सिंह, एडीएम प्रशासन

Posted By: Inextlive