- ध्वनि प्रदूषण के लिए 70 फीसद जिम्मेदार है वाहनों का शोर

-चिड़चिड़ापन से लेकर मानसिक उलझनों के शिकार हो रहे हैं लोग

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LUCKNOW:

गैर जरूरी शोर भी लोगों को बीमार कर रहा है, जिसमें वाहनों के शोर का करीब 70 फीसद योगदान है। दूसरों से आगे निकलने के चक्कर में लोग कई बार बेवहज हॉर्न बजाने से भी गुरेज नहीं करते हैं। जबकि इससे बचा जा सकता है। कई बार ऐसा करने वाले यह भी नहीं देखते हैं कि वे साइलेंट जोन जैसे स्कूल, अस्पताल, धार्मिक स्थानों आदि के पास हैं। इस तरह के शोर के कारण ही लोग तनाव, याददास्त की कमी और कम सुनने की क्षमता की समस्या का शिकार हो रहे हैं।

धैर्य की कमी भी एक कारण

ध्वनि प्रदूषण और अन्य तरह के प्रदूषण के खिलाफ कार्य करने वाली एक संस्था ने अपने अध्ययन में पाया है कि धैर्य की कमी के कारण कई बार वाहन चालक तेज हॉर्न का प्रयोग करते हैं। हांलाकि अधिकतर चालक जागरुकता की कमी और शोर के नकारात्मक प्रभाव से अंजान होने के कारण ऐसा करते हैं। ऐसे में जरूरी है कि वाहन चालक प्रेशर हॉर्न की जगह लो डेंसिटी हॉर्न का प्रयोग करें।

विभाग नहीं दे रहा ध्यान

दुनिया के अनेक शहरों में अनावश्यक हॉर्न के प्रयोग पर भारी जुर्माना लगाया जा रहा है, वहीं कई जगहों पर हॉर्न बजाना पूरी तरह प्रतिबंधित है। वहीं राजधानी में इसे लेकर जिम्मेदार विभाग गंभीर नहीं दिखाई दे रहे हैं। जबकि यह लोगों के लिए काफी खतरनाक है।

Posted By: Inextlive