Lucknow: जगह-जगह रियल इस्टेट की होर्डिंग..अट्रैक्टिव स्कीम्स और ज्यादा से ज्यादा फैसेलिटी देने का दावा. जी हां रियल इस्टेट में इधर तेजी से बूम आया है. लोग जमीनों में ज्यादा से ज्यादा पैसा इनवेस्ट करना चाह रहे हैं. एलडीए और आवास विकास परिषद के पास लैंड बैंक न होने की वजह से प्राइवेट बिल्डर हावी हो गए हैं. इन बिल्डर्स ने बल्क में लैंड खरीद ली हैं और अब मनमाने रेट पर इन्हें बेच रहे हैं. कई रियल इस्टेट से जुड़ी कंपनी तो ज्यादा मुनाफा उठाने के चक्कर में अपार्टमेंट बनवाते जा रहे हैं.

नहीं बची है लैंड

हर किसी की ख्वाहिश होती है कि उसका एक आशियाना हो। ऐसा ठिकाना हो, जहां सुकून हो। सिक्योरिटी हो। नौकरी के बाद मकान खरीदने के सपने को भी लोग जल्दी ही हकीकत में बदलना चाहते हैं। लेकिन शहर में तो अब जमीन बची ही नहीं है। यही वजह है कि फ्लैट कल्चर बढ़ता जा रहा है। एलडीए और आवास विकास परिषद के पास भी लैंड बैंक की कमी हो गई है। इसीलिए वे भी फ्लैट बनवा रहे हैं।

बढ़ गया दायरा

1901 में जहां शहर 44.03 वर्ग किलोमीटर के दायरे में फैला था वहीं, अब शहर का विस्तार लगभग पांच गुना बढ़कर 243.80 वर्ग किलोमीटर तक फैल गया है। तेजी से बढ़ते शहर ने कई तालाब, वन क्षेत्र और झीलों को भी लील लिया है। इसके बावजूद जमीन की कमी पूरी न हो सकी। अब स्थिति यह है कि कानपुर रोड पर उन्नाव तक और फैजाबाद रोड पर बाराबंकी तक शहर का विस्तार हो चुका है।

रियल इस्टेट में बूम

लैंड की शॉर्टेज होने के बावजूद तेजी से शहर का विस्तार हो रहा है। रुद्राक्ष डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड के जुनैद ने बताया कि रायबरेली रोड पर जमीन 70 लाख रुपये बीघे पहुंच गई है। प्रति वर्ग फीट के रेट 1200 रुपये तक हैं।

कुछ चुनिंदा लोगों ने खरीद ली है जमीन

दयाल ग्रुप ऑफ कंपनीज के राजेश सिंह बताते हैं कि जमीन की कीमतें बढऩे का सबसे बड़ा राज जमीन की किल्लत है। पहले इस कारोबार में ज्यादा लोग जुड़े थे, लेकिन अब कुछ चुनिंदा ग्रुप के पास ही जमीनें हैं। इसकी वजह से जमीन के दाम आसमान छू रही हैं।

बढ़ा फ्लैट कल्चर

रुद्राक्ष डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर संजीव जायसवाल का कहना है कि एलडीए भी अब फ्लैट कल्चर अपना रहा है। एल्डिको के अतुल बताते हैं लखनऊ में फ्लैट कल्चर बढ़ता जा रहा है। कई कंपनी ग्रुप हाउसिंगप्रोजक्ट लेकर मार्केट में उतर चुकी हैं। यहां सिक्योरिटी का भी पूरा बंदोबस्त रहता है। एसएएस के डायरेक्टर खालिद मसूद कहते हैं कि शहर में वह शालीमार के नाम से अपार्टमेंट तैयार करते हैं। दिल्ली और नोएडा की तर्ज पर अब लखनऊ में फ्लैट कल्चर तेजी से बढ़ रहा है। यहां इटैलियन मार्बल, वुडेन फ्लोरिंग, टीक के दरवाजे और बेहतरीन इंटीरियर की फैसेलिटी मिलती है। रेट की बात करें तो 5,100 रुपये वर्ग फीट की दर पर फ्लैट बिक रहे हैं।

बिजनेस क्लास कर रहा है इन्वेस्ट

नौकरी पेशा लोगों के लिए तो राजधानी में जमीन खरीदना एक सपने की तरह ही है। बिजनेस क्लास ही ज्यादातर इलाकों में इन्वेस्टमेंट के तौर पर लैंड खरीद रहा है।

फ्लैट कैटेगिरी

- ए कैटेगिरी- गोखले मार्ग, जापलिंग रोड, डालीबाग, न्यू बेरी रोड, मदन मोहन मालवीय- रेट 90 लाख से सवा करोड़ रुपए

- ए माइनस कैटेगिरी- न्यू हैदराबाद, विकासनगर- रेट 70 से 90 लाख रुपए

- बी क्लास कैटेगिरी- निरालानगर, आईटी कॉलेज के पास- 50 से 70 लाख रुपए

यहां है सोसाइटी का जाल

सुल्तानपुर रोड से फैजाबाद रोड के विस्तार में। (करीब 65 सोसायटी)

सरोजनी नगर में बिजनौर गांव की ओर। (करीब 55 सोसायटियां)

फैजाबाद रोड, एमिटी यूनिवर्सिटी के पास। (करीब 30 सोसायटियां)

हरदोई रोड से सीतापुर रोड के बीच। (करीब 25 सोसायटियां)

मोहान रोड पर (करीब 15 सोसायटियां)

देवां रोड पर(करीब 15 सोसायटियां)

गोमती नगर विस्तार (करीब 35 सोसायटियां)

सोसायटी में जमीनों के दाम

एरिया- मौजूदा रेट-

हरदोई रोड से सीतापुर रोड ---- 400 से 700 रुपये वर्ग फीट.

तीन साल पहले रेट - 200 से 350 रुपए

गोमती नगर एक्सटेंशन ------- 600 से 1000 रुपये वर्ग फीट.

तीन साल पहले रेट - 300 रुपए से 500 रुपए

बिजनौर रोड ------------ 700 से 1000 रुपये वर्ग फीट

तीन साल पहले रेट- 300 से 500 रुपए

एमिटी यूनिवर्सिटी के पास------ 600 से 900 रुपये वर्ग फीट

तीन साल पहले रेट- 250 से 500 रुपए

मोहान रोड--------------- 400 से 800 रुपये वर्ग फीट.

तीन साल पहले रेट- 200 से 350 रुपए

देवां रोड ------------- 500 से 1000 रुपये वर्ग फीट.

तीन साल पहले रेट- 100 से 300 रुपए

सुलतानपुर रोड- 800 से 1500 रुपए

तीन साल पहले- 400 से 700 रुपए

Posted By: Inextlive