- साथी की हत्या के दो आरोपी सरकारी विभाग में तैनात

- गोली चली पड़ोसियों को भी नहीं सुनाई दी आवाज

- घटना के तीन घंटे तक मामला दबाकर रखा आरोपियों ने

LUCKNOW : पुलिस कमिश्नर आवास से चंद कदमों की दूरी पर हुई हत्या को हत्यारों ने पुलिस से तीन घंटे तक छिपाकर रखा। इतना ही नहीं डायल 112 पर दो बार कॉल कर अलग-अलग सूचना देते रहे जबकि पुलिस के घटनास्थल पर पहुंचने पर आरोपी अपने ही जाल में फंस गए।

दो दोस्तों की हो रही थी बर्थडे पार्टी गाजीपुर के इस्माइलगंज निवासी विनय यादव का 20 नवंबर को बर्थडे था। वहीं पंकज का 15 नवंबर को बर्थडे था। दोनों के बर्थडे को एक साथ सेलिब्रेट करने का सभी दोस्तों का प्लान बना था, जिसके बाद तय समय पर सभी दोस्त एमएलसी के फ्लैट नंबर 201 पर शाम ढलते पहुंच गए थे। पांचों दोस्त शराब व बियर के नशे में झूम रहे थे। इसी दौरान फ्लैट पर सनसनीखेज घटना हुई।

चार आरोपियों में दो सरकारी नौकर

अपने साथी राकेश की हत्या को अंजाम देने वाले चार आरोपियों में दो सरकारी नौकर हैं। गाजीपुर निवासी विनय यादव सिंचाई विभाग में बाबू के पद पर है और सर्वोदय नगर इंदिरा नगर निवासी आफताब पीएनबी बैंक में है। आफताब की ब्रेजा गाड़ी से ही राकेश को ट्रॉमा सेंटर पहुंचाया गया था।

दी गई अलग-अलग सूचना

राकेश को गोली रात 10.20 बजे लगी थी जबकि 10.35 बजे उसे आरोपी ट्रॉमा सेंटर लेकर पहुंच गए थे। आरोपियों ने तीन घंटे तक पूरे मामले को दबाने का प्रयास किया और पूरी रणनीति बनाकर उन्होंने पुलिस को सूचना दी। पहली कॉल पंकज ने 1.51 बजे रात में डायल 112 पर की थी। सूचना दी गई कि राकेश रावत को गोली लगी है। बंदूक किसी और की दिखा रहे थे, खुद पर चल गई। दोबारा 1.56 बजे डायल 112 पर कॉल की और बताया गया कि हंसी मजाक विनय के हाथ से रायफल से फायरिंग हो गई, जिससे राकेश को गोली लग गई।

नहीं सुनी गोली चलने की आवाज

पुलिस के अनुसार एमएलसी के फ्लैट नंबर 201 में रहने वाला पंकज यादव भाई नहीं है बल्कि शाहजहांपुर कनेक्शन के चलते वह पिछले पांच साल से यहां रह रहा था। यहीं नहीं रात 10.20 बजे फ्लैट नंबर 201 में गोली चली, लेकिन न तो आस-पास और न ही अपार्टमेंट में किसी ने गोली चलने की आवाज सुनी जबकि ठीक पड़ोस में फ्लैट नंबर 202 पुलिस के ही एक अफसर का फ्लैट है।

Posted By: Inextlive