लखनऊ यूनिवर्सिटी की लापरवाही से यूनिवर्सिटी से जुड़े चार नए जिलों हरदोई सीतापुर लखीमपुर खीरी और रायबरेली के करीब 350 कॉलेजों में एडमिशन प्रक्रिया फंस गई है। एलयू इन कॉलेजों के स्टूडेंट्स के लिए एग्जाम और रजिस्ट्रेशन फीस अभी तय नहीं कर सका है। वहीं एलयू में सेशन की शुरुआत हो गई है और नवंबर में ही मिड सेमेस्टर एग्जाम होने जा रहे हैं। वहीं 24 जनवरी से सेमेस्टर एग्जाम कराने का शेड्यूल भी तय किया जा चुका है।

लखनऊ (ब्यूरो)। एलयू से जुड़े यह कॉलेज पहले कानपुर यूनिवर्सिटी से जुड़े थे। वहां की एग्जाम फीस, रजिस्ट्रेशन फीस एलयू की फीस से काफी कम थी। यूनिवर्सिटी के प्रवक्ता डॉक्टर दुर्गेश श्रीवास्तव ने बताया कि इस प्रकरण पर यूनिवर्सिटी की ओर से एक समिति का गठन किया गया है। जल्द ही इस संबंध में फैसला लिया जाएगा। कानपुर यूनिवर्सिटी से जुड़े रहे चार जिलों के कॉलेजों को एलयू से जोड़ा गया है। करीब 340 नए कॉलेज जुड़े हैं। एलयू से जुडऩे के कारण कई कॉलेजों की फीस दोगुना तक बढ़ गई है। जिसका सीधा भार स्टूडेंट्स और अभिवावकों पर पड़ेगा।
दोनों यूनिवर्सिटी की फीसों में अंतर
लखीमपुर खीरी के एक निजी कॉलेज में बीए की फीस करीब 5000 रुपए थी। इसमें 500 रुपए एग्जाम फीस कानपुर यूनिवर्सिटी को जाती थी। वहीं लखनऊ यूनिवर्सिटी की एग्जाम फीस ही 3000 रुपए सेमेस्टर है, जबकि कानपुर यूनिवर्सिटी में यही फीस 580 रुपए है।
बीएससी का भी यही हाल
बीएससी की फीस इन कॉलेजों में करीब 6000 हजार रुपए प्रति वर्ष थी। जो कि एलयू की एग्जाम फीस के करीब ही है। बीए, बीएससी, बीकॉम में लखीमपुर खीरी के डिग्री कॉलेजों में कुल फीस 2500 रुपए से 4000 रुपए है। जिसमें छत्रपति शाहूजी महाराज यूनिवर्सिटी, कानपुर की एग्जाम फीस, रजिस्ट्रेशन, आवेदन फीस करीब 955 रुपए है।

दम तोड़ देंगे कॉलेज
खीरी सेल्फ फाइनेंस डिग्री कॉलेज एसोसिएशन का दावा है कि लखनऊ यूनिवर्सिटी की वर्तमान फीस लागू किए जाने से हमारे यहां के कॉलेज दम तोड़ देंगे। एलयू की बीए, बीएससी, बीकॉम फस्र्ट इयर में एग्जाम फीस और एनरोलमेंट और रजिस्ट्रेशन फीस 5000 से 6000 रुपए तक है। इस फीस के अतिरिक्त डिग्री कॉलेजों पर लगाया गया शिक्षक अनुमोदन शुल्क, निरीक्षण शुल्क और सम्बद्धता शुल्क का भार भी स्टूडेंट्स पर ही पड़ेगा।

इतनी अधिक बढ़ी फीस दे पाना यहां के स्टूडेंट्स और पेरेंट्स के लिए संभव नहीं है। जब तक यूनिवर्सिटी की ओर से फीस को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं होती है, तब तक इन कॉलेजों में एडमिशन की प्रक्रिया शुरू नहीं हो पाएगी।

रमेश कुमार सिंह, प्रेसीडेंट, खीरी सेल्फ फाइनेंस डिग्री कॉलेज एसोसिएशन

Posted By: Inextlive