लाइफ लाइन में नहीं है सेनेटाइजेशन की व्यवस्था
- 200 बसों का हो रहा संचालन
- 160 सीएनजी बसों का हो रहा संचालन - 40 इलेक्ट्रिक बसें दौड़ रही हैं - 31 रूटों पर दौड़ रही हैं सिटी बस - 25 हजार पैसेंजर्स रोजाना करते हैं सफर - 10 हजार पैसेंजर्स फिलहाल कर रहे हैं सफर - सिटी बसों में कोरोना के संक्रमण से बचाव के इंतजाम नहीं - जुगाड़ से की जा रही बसों में सेनेटाइजनेशन की व्यवस्थाLUCKNOW: शहर की लाइफ लाइन कही जाने वाली सिटी बसों में न तो सेनेटाइजेशन की व्यवस्था की गई है, न ही बसों में सफर के लिए चढ़ने वाले पैसेंजर्स के हाथों को सेनेटाइज किया जा रहा है। ड्राइवरों को भी अभी तक मास्क नहीं मिले हैं। सिटी बस प्रबंधन के अनुसार बसों को सेनेटाइज करने के लिए जुगाड़ से काम चलाया जा रहा है। वहीं बसों में चढ़ने वाले पैसेंजर्स के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। मास्क के लिए बुधवार को सीएमओ ऑफिस में संपर्क किया गया, लेकिन कोई व्यवस्था नहीं हो सकी है। गिने-चुने मास्क ही मिले जबकि शहर में तकरीबन 200 बसों का संचालन हो रहा है।
- सिटी बस प्रबंधन के पास नहीं है बजटराजधानी में पैसेंजर्स के सफर को आसान बनाने के लिए सिटी बसों का संचालन किया जा रहा है। 160 सीएनजी तो 40 इलेक्ट्रिक बसों का संचालन हो रहा है। कोरोना वायरस के चलते ऑटो, टैम्पो, मेट्रो और रोडवेज बसों और बस अड्डों में पैसेंजर्स के हाथों को सेनेटाइज करने की व्यवस्था है। परिवहन निगम ने तो इसके लिए बजट भी पास कर दिया है। वहीं सिटी बस प्रबंधन में बसों को सेनेटाइजेशन की कोई व्यवस्था नहीं है। सूत्रों की मानें तो सिटी बस प्रबंधन के पास इसको लेकर बजट नहीं है।
अभी कम नहीं है भीड़ सिटी बसों का संचालन राजधानी के 31 रूटों पर किया जा रहा है, जिनमें औसतन 25 हजार पैसेंजर्स रोजाना सफर करते हैं। कोरोना वायरस के चलते पहले से बसों में सफर करने वालों की संख्या कम तो हुई है, फिलहाल बसों में दस हजार से अधिक लोग सफर कर रहे हैं। कोटबसों को सेनेटाइज किया जा रहा है। सीटों के साथ ही उन जगहों पर विशेष रूप से सेनेटाइज किया जा रहा है जहां पर पैसेंजर्स के हाथ पड़ते हैं। ड्राइवर और कंडक्टर्स के लिए अभी मास्क की व्यवस्था नहीं हो सकी है, उसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं। बसों में सेनेटाइजर की व्यवस्था नहीं है। पैसेंजर्स को बस में चढ़ने से पहले उनके हाथों को सेनेटाइजर करना चाहिए।
मनोज शर्मा एआरएएम, सिटी बस प्रबंधन