ऑक्सीजन नहीं है कह बच्चे को लौटाया
- ऑक्सीजन न होने का हवाला देकर बच्चे को किया रेफर, मौत
- परिजन सीएमओ से करेंगे शिकायत, अस्पताल का घटना से इंकार LUCKNOW: कोरोना की दूसरी लहर में हुई ऑक्सीजन की कमी राजधानी में लगातार ऑक्सीजन की उपलब्धता बढ़ाने का काम किया जा रहा है। कोरोना की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए अस्पतालों में पीकू व नीकू वार्ड बनाए जा रहे हैं। वहीं दूसरी ओर सोमवार को रानी लक्ष्मीबाई अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी की बात कहकर एक नवजात को रेफर कर दिया गया। परिजन जब उसे दूसरे अस्पताल लेकर पहुंचे तो वहां बच्चे को मृत घोषित कर दिया गया। मृत बच्चे के परिजनों का आरोप है कि बच्चे की मौत डॉक्टरों की लापरवाही से हुई है। घर लाने तक बच्चे की पसलियां चल रही थीं। इस मामले की शिकायत वे सीएम ऑफिस में करेंगे। शाम 6 बजे हुई बच्चे की मौतराम विलास शर्मा ने बताया कि उनकी भतीजी ने रविवार को रानी लक्ष्मीबाई अस्पताल में बच्चे को जन्म दिया। वहां उसकी हालत कुछ खराब हुई तो अस्पताल ने ऑक्सीजन न होने की बात कहकर उसे रेफर कर दिया। करीब 1:30 बजे बच्ची जब दूसरे अस्पताल में भर्ती हुई तो वहां जैसे ही उसके मुंह में पाइप डाला गया, उसके मुंह से खून निकलने लगा। इसके बाद दोपहर 2 बजे उन्हें बताया गया कि बच्चे की मौत हो गई है। जबकि बच्चे की पसलियां घर लाने के बाद भी चल रही थीं। घर लाने के बाद बच्चे को चौक में एक डॉक्टर को दिखाया तो उन्होंने बताया कि समय से बच्चे को ले आते तो उसकी जान बच जाती। शाम 6 बजे बच्चे ने दम तोड़ दिया।
केवल एक पीडियाट्रिक वहीं इस मामले में आरएलबी के सीएमएस डॉ। एके आर्य ने बताया कि यहां दो पीडियाट्रीशियन हैं। इनमें से एक को बीआरडी से अटैच कर दिया गया है। हो सकता है कि डॉक्टर न होने के कारण बच्चे को रेफर किया गया हो। वैसे इस घटना की उन्हें जानकारी नहीं है। वहीं इस मामले में अवंतीबाई अस्पताल की प्रमुख चिकित्सा अधीक्षिका डॉ। सीमा श्रीवास्तव ने बताया कि आरोप बेबुनियाद है। डॉक्टर ने बच्चे को सीपीआर भी दिया, लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका। जरूरत पड़ी तो मामले की जांच कराई जाएगी। पर्याप्त ऑक्सीजन रखने के हैं निर्देशहैरानी की बात यह है कि राजधानी के अस्पतालों को पर्याप्त ऑक्सीजन रखने का सख्त निर्देश दिया गया है। इसके बाद भी यह घटना सामने आई है। बड़े अस्पतालों में ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट स्थापित करने को कहा जा चुका है। वहीं 50 बेड से कम वाले अस्पतालों में ऑक्सीजन कंसंट्रेटर व सिलेंडर की पर्याप्त व्यवस्था करने के आदेश हैं।
पूरा फोकस मिशन ऑक्सीजन पर सीएमओ ऑफिस से मिली जानकारी के अनुसार सभी सरकारी अस्पतालों और सीएचसी पर ऑक्सीजन प्लांट लगाए जा रहे हैं। अभी तक 26 स्वस्थ्य केंद्रों पर ऑक्सीजन प्लांट लगाए जा रहे हैं। सीएमओ डॉ। संजय भटनागर ने बताया कि करीब 500 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर भी लगाए जाएंगे। अप्रैल-मई में काफी थी डिमांड कोरोना की दूसरी लहर के दौरान अप्रैल और मई माह में राजधानी में ऑक्सीजन की सर्वाधिक डिमांड थी। उस समय रोज यहां सात हजार से अधिक सिलेंडरों की खपत हो रही थी, जबकि आपूर्ति रोज सिर्फ 4,050 सिलेंडर की थी। यहां लगे हैं ऑक्सीजन प्लांट - झलकारी बाई अस्पताल, गंज - टीबी अस्पताल, ठाकुरगंज - मोहनलालगंज सीएचसी - गुडंबा सीएचसी - चिनहट सीएचसी - मलिहाबाद सीएचसी नोट- रानी लक्ष्मीबाई अस्पताल, राम सागर मिश्र अस्पताल आदि में भी ऑक्सीजन प्लांट लगाए जाने हैं। ताकि न हो ऑक्सीजन की कमी - केजीएमयू में 6 प्लांट में 1.10 लाख लीटर ऑक्सीजन की क्षमता - लोकबंधु अस्पताल में 960 लीटर और 560 लीटर क्षमता के प्लांट लगने हैं- लोकबंधु में 265 जंबो सिलेंडर और 130 ऑक्सीजन कंसंट्रटर हैं
- पीजीआई में 3 प्लांट में कुल 40 लीटर की क्षमता व कंसंट्रेटर और सिलेंडर - लोहिया संस्थान में 3 प्लांट में 50 हजार लीटर की क्षमता और करीब 800 सिलेंडर - चिनहट स्थित गांधी अस्पताल में 600 लीटर क्षमता का ऑक्सीजन जनरेटर तैयार - महानगर स्थित भाऊराव देवरस अस्पताल में 600 लीटर क्षमता का ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट तैयार अस्पतालों में लगातार ऑक्सीजन प्लांट, कंसंट्रेटर की व्यवस्था की जा रही है। ऑक्सीजन की कमी नहीं है। अगर कोई दिक्कत है तो उसको दिखाया जाएगा। डॉ। संजय भटनागर, सीएमओ अस्पताल में ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है। यहां केवल एक ही पीडियाट्रिक है। ऐसी किसी घटना की कोई जानकारी नहीं है। डॉ। एके आर्य, सीएमएस रानी लक्ष्मीबाई अस्पताल