इस तरह के मामले आए सामने

- मेरठ में कुल 150 मामले नकल के सामने आए

- आगरा में 81 नकल के मामले आए सामने

- कानपुर में नकल के कुल 53 मामले सामने आए

- मऊ में पेपर लीक हुआ, एक दर्जन मुकदमें दर्ज

- यूपी बोर्ड एग्जाम में राजधानी में नकल का कोई मामला नहीं आया सामने

- पहली बार किसी भी स्टूडेंट या सेंटर पर नहीं हुई नियम उल्लंघन की कोई कार्रवाई

LUCKNOW : इस बार यूपी बोर्ड एग्जाम राजधानी में पूरी तरह नकल विहीन हुए। किसी भी सेंटर से नकल कराने, नियम तोड़ने की कोई शिकायत नहीं आई। यह पहला मौका है जब यूपी बोर्ड एग्जाम में राजधानी में इस तरह की कोई शिकायत या मामला सामने नहीं आया है। बीते साल नकल कराने या फिर नियमों की अनदेखी की दर्जनों शिकायतें विभाग के पास आती थीं। पुख्ता तैयारियों के कारण शिक्षा विभाग यूपी बोर्ड हाईस्कूल और इंटर के एग्जाम नकल मुक्त कराने में सफल हुआ है।

कोई सेंटर नहीं हुआ डिबार

पहले यूपी बोर्ड के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में बनाए गए सेंटर्स में नियमों की जमकर धज्जियां उड़ाई जाती थीं। इस बार ग्रामीण एरिया में बने अतिसंवेदनशील और संवेदनशील केंद्रों के साथ ही सामान्य केंद्रों पर किसी तरह की अनियमितता नहीं मिली। पिछले साल नियमों की अनदेखी कर एग्जाम कराने पर आधा दर्जन सेंटर्स पर एक्शन लिया गया था और उनकी मान्यता खत्म करने की संस्तुति की गई थी। वहीं इस बार किसी भी सेंटर पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

ऑब्जर्वर के सामने कॉपियां सील

डीआईओएस डॉ। मुकेश कुमार सिंह ने बताया कि इस बार संदिग्ध एग्जाम सेंटर्स पर न सिर्फ अतिरिक्त केंद्र व्यवस्थापक तैनात किए गए बल्कि एग्जाम खत्म होने से पहले ऑब्जर्वर भेजकर उनके सामने कॉपियां सील कराकर संकलन केंद्र भेजी जा रही हैं। जिन सब्जेक्ट के पेपर में कम स्टूडेंट्स रहे, उसे भी पूरी गंभीरता से लिया गया। जिसका अच्छा परिणाम सामने आया है। किसी भी केंद्र प्रभारी ने कोई समस्या बताई तो उसका तत्काल समाधान कराया गया।

बॉक्स

यूपी बोर्ड एक नजर में

एग्जाम में शामिल स्टूडेंट्स- 1,01274

हाईस्कूल में रजिस्टर्ड स्टूडेंट्स- 53769

इंटर में रजिस्टर्ड स्टूडेंट्स- 45377

राजधानी में बनाए गए सेंटर- 112

संवेदनशील एग्जाम सेंटर- 32

अतिसंवेदनशील एग्जाम सेंटर- 12

तैनात कक्ष निरीक्षक- 4500

स्टूडेंट्स ने छोड़ा एग्जाम- 5600 से अधिक

कोट

इस बार यूपी बोर्ड एग्जाम सर्वाधिक सफलतापूर्वक आयोजित हुए। सिर्फ एक स्टूडेंट ही नकल के मामले में पकड़ा गया। उसे दूसरी कॉपी देकर दूसरे कमरे में बैठा कर एग्जाम दिलाया गया।

डॉ। मुकेश कुमार सिंह, डीआईओएस

Posted By: Inextlive