- सुधांशु द्विवेदी और प्रवीण गुप्ता की पुलिस रिमांड शाम पांच बजे से शुरू

- पूर्व एमडी एपी मिश्र जेल भेजे गए, आज से शुरू होगी पुलिस रिमांड

LUCKNOW : तीन आरोपी, तीन दिन की पुलिस रिमांड और कडि़यां जोड़ेगी ईओडब्ल्यू। बिजली विभाग में पीएफ घोटाले के मामले में अरेस्ट किये गए तीनों आरोपियों प्रवीण कुमार गुप्ता, सुधांशु द्विवेदी और एपी मिश्र को बुधवार को विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट सीबीसीआईडी ने तीन दिन की पुलिस कस्टडी रिमांड पर भेज दिया। पुलिस का कहना है कि तीनों आरोपियों से इस घोटाले की कडि़यों को जोड़ने में मदद मिलेगी। साथ ही इसमें शामिल अन्य लोगों के चेहरे से नकाब हट सकेगा। उधर, घोटाले के खुलासे के बाद से सपा व सरकार के बीच जारी वार-पलटवार आज भी जारी रहा।

मांगी थी 7 दिन की रिमांड

मंगलवार देररात अरेस्ट किये गए यूपी पावर कॉरपोरेशन के पूर्व एमडी एपी मिश्र को हजरतगंज पुलिस ने बुधवार को विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट सीबीसीआईडी क्षितिश कुमार पांडेय की कोर्ट में प्रस्तुत किया। पुलिस ने अर्जी दाखिल कर उनकी सात दिनों की पुलिस कस्टडी रिमांड की मांग की। इसके अलावा पुलिस ने एक अन्य अर्जी दाखिल कर सोमवार को अरेस्ट किये गए घोटाले के आरोपी पावर कारपोरेशन के तत्कालीन निदेशक वित्त सुधांशु द्विवेदी और महाप्रबंधक व सचिव ट्रस्ट प्रवीण कुमार गुप्ता की भी सात दिन की पुलिस कस्टडी रिमांड की मांग की। लेकिन, कोर्ट ने तीनों ही आरोपियों की तीन की पुलिस रिमांड मंजूर कर ली। जहां आरोपियों प्रवीण कुमार गुप्ता और सुधांशु द्विवेदी की रिमांड अवधि बुधवार शाम पांच बजे से शुरू हो गई वहीं, पूर्व एमडी एपी मिश्र की रिमांड गुरुवार सुबह 10 बजे शुरू होगी।

कराया जाएगा आमना-सामना

डीजी ईओडब्ल्यू आरपी सिंह ने बताया कि आरोपियों प्रवीण कुमार गुप्ता और सुधांशु द्विवेदी से पूछताछ में यह पता करने की कोशिश की जाएगी कि निजी कंपनी डीएचएफसीएल में बिजली विभाग के इंजीनियरों व कर्मियों के पीएफ की रकम को निवेश करने के पीछे और किन-किन लोगों का हाथ है। इसके अलावा गुरुवार को एपी मिश्र की रिमांड अवधि शुरू होने पर उन्हें इन दोनों आरोपियों का आमना-सामना कराया जाएगा। ईओडब्ल्यू की जांच में यह भी सामने आया है कि डीएचएफसीएल को दिए गए अप्रूवल को ट्रस्ट बोर्ड की मंजूरी दिलाने के लिए 22 मार्च 2017 को दो साल बाद पहली बैठक बुलाई गई थी। पांच सदस्यीय बोर्ड की बैठक में पावर कारपोरेशन के तत्कालीन अध्यक्ष संजय अग्रवाल, एमडी एपी मिश्र, निदेशक वित्त सुधांशु द्विवेदी, महाप्रबंधक व सचिव ट्रस्ट प्रवीण कुमार तथा निदेशक कार्मिक सत्यप्रकाश पांडेय (दिवंगत) मौजूद थे। वास्तव में 22 मार्च को हुई बैठक को लिखा-पढ़ी में 24 मार्च को होना दिखाया गया। ईओडब्ल्यू यह जानने की भी कोशिश करेगी कि आखिर बैठक की डेट में ओवरराइटिंग किसने और क्यों की।

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कई बड़े अधिकारियों पर लटकी तलवार

तीनों आरोपियों की पुलिस कस्टडी रिमांड में होने वाली पूछताछ के बाद ट्रस्ट के चेयरमैन होने के नाते पावर कारपोरेशन के तत्कालीन अध्यक्ष सीनियर आईएएस संजय अग्रवाल (वर्तमान में केंद्र सरकार के कृषि मंत्रालय के सचिव) समेत कई और बड़ों की मुश्किलें बढ़नी तय है। चर्चा है कि प्रमुख सचिव आलोक कुमार पर भी जल्द कार्रवाई हो सकती है। बुधवार को शक्ति भवन में बिजली कर्मियों ने जोरदार प्रदर्शन किया और प्रमुख सचिव आलोक कुमार को अरेस्ट कर जेल भेजने की मांग की। बताया जाता है कि आलोक कुमार के कार्यकाल में भी काफी बड़ी रकम डीएचएफसीएल में ट्रांसफर की गई है। एमडी अपर्णा यू को हटाया जा चुका है जबकि, आलोक कुमार अब तक पद पर बने हुए हैं।

Posted By: Inextlive