- कोरोना की दूसरी लहर में फिर से बदलने लगी लोगों की जिंदगी

- पैरेंट्स बच्चों को दे रहे पूरा समय, इंडोर गेम्स में बीत रहा वक्त

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रुष्टयहृह्रङ्ख: कोविड की दूसरी लहर ने लोगों की दिनचर्या को एक बार फिर से बदल कर रख दिया है। होली तक जहां लोगों के पास अपनों के लिए टाइम नहीं था, वहीं अब तस्वीर बदल सी गई है। घरों के अंदर फिर से इंडोर गेम्स की आवाज सुनाई देने लगी है। एक तरफ पैरेंट्स जहां बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई में हेल्प कर रहे हैं, वहीं कई लोग फिर से बागवानी में समय गुजारते नजर आ रहे हैं।

बच्चों को दे रहे टिप्स

पैरेंट्स की ओर से बच्चों को कोविड से बचाव संबंधी टिप्स भी दी जा रही हैं। बच्चों को बताया जा रहा है कि किस तरह से कोविड का सामना किया जा सकता है। बच्चे भी पैरेंट्स द्वारा बताई जा रही बातों का अक्षरश:अनुसरण कर रहे हैं। खास बात यह है कि पैरेंट्स की ओर से बच्चों को पुरानी प्रेरणास्पद कहानियां भी सुनाई जा रही हैं।

हम साथ साथ हैं

कोरोना की वजह से एक बार फिर से परिवार साथ साथ नजर आ रहे हैं। यह तस्वीर पिछले साल कोरोना की पहली वेव के दौरान हुए लॉकडाउन में नजर आई थी। इसके बाद सबकुछ नॉर्मल होने के बाद परिवार के सभी सदस्य फिर से बिजी हो गए थे, लेकिन जब से कोरोना की दूसरी लहर आई है फिर से पुरानी तस्वीरें ताजा हो गई हैं और परिवार फिर से साथ साथ नजर आ रहे हैं।

खाना बनाने का हुनर

वर्क फ्रॉम होम लागू होने से कई घरों में पुरुष खाना बनाने का हुनर सीखते नजर आ रहे हैं जबकि कई पुरुष किचन में अपनी वाइफ का हाथ बंटाते हुए देखे जा सकते हैं। घरों में रोजाना नई डिश बनाई जा रही है।

1. इंडोर गेम्स खेल रहे

मैं पेशे से बच्चों का डॉक्टर हूं। ऐसे में अस्पताल से आने के बाद पहले मैं वॉशरूम जाता हूं, इसके बाद फैमिली के दूसरे मेंबर से मिलता है। संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए इस समय कहीं जाना नहीं होता है। ऐसे में पत्‍‌नी, बच्चों राज शौर्य शुक्ला और राज शिखर शुक्ला के साथ इंडोर गेम्स खेलकर समय बीता रहा हूं। इसके साथ ही कुकिंग में वाइफ की हेल्प कर रहा हूं। अभी तक बिजी शेड्यूल होने की वजह से ऐसा नहीं कर पाते थे।

डॉ। मनीष शुक्ला (विकासनगर), पीडियाट्रिक

2. बागवानी में बीत रहा वक्त

मेरा ज्यादातर वक्त बागवानी करते हुए गुजर रहा है। इस समय कोविड के चलते पत्‍‌नी और बच्चे अपने नाना-नानी के घर गये हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि मैं व्यापारी हूं, मेरा रोजाना कई लोगों से संपर्क होता है। घर पर परिवार न होने की वजह से वक्त गुजारने के लिए मेरा अधिकांश समय पेड़ पौधों के बीच गुजर रहा है। मैं अपने दोस्तों को भी फोन करके बागवानी के लिए प्रेरित कर रहे हूं।

केके अवस्थी (अलीगंज), प्रदेश अध्यक्ष, जनहित उद्योग व्यापार मंडल

3. ऑनलाइन क्लास में मदद

अभी तक बच्चे की ऑनलाइन पढ़ाई में खासी हेल्प नहीं कर पाती थी, लेकिन अब उनका पूरा वक्त बेटे प्रणव को पढ़ाई में मदद करने में गुजर रहा है। उनकी ओर से बेटे को कोविड से बचाव संबंधी गाइडलाइंस की भी नियमित रूप से जानकारी दी जा रही है।

अपर्णा, इंदिरानगर

4 हम साथ साथ हैं

घर के सभी सदस्यों के बिजी होने के कारण मुझे क्वालिटी टाइम स्पेंड करने का मौका नहीं मिल रहा था, लेकिन अब तस्वीर बदल गई है। कोरोना की दूसरी वेव आने की वजह से ज्यादातर सदस्य घर में ही हैं। ऐसे में मैं और परिवार के सभी सदस्य एक साथ मिलकर घर के अंदर खूब मस्ती कर रहे हैं।

इंदु खत्री (हाउस वाइफ), हजरतगंज

बच्चों की लर्निग स्किल पर कर रहे फोकस

5. इस समय बच्चों के पढ़ाई के साथ उनकी लर्निग स्किल को बेहतर बनाने पर मेरा पूरा फोकस है। साथ ही कोरोना को देखते हुए उनकी इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए सुबह-शाम योगा कराती हूं। पूरी फैमिली घर पर होने की वजह से सभी की मनपंसद की डिश बना रही हूं। इसमें मेरा सभी सहयोग कर रहे हैं।

भगवती वर्मा, इंदिरानगर

Posted By: Inextlive