- पौष-फागुनी मेले में बंगाली लोक गीतों ने बांधा समां

LUCKNOW: बांग्ला समाज के पारंपरिक पौष-फागुन मेला का आयोजन रविवार को बाल संग्रहालय मैदान में किया गया। मेले में मुख्य अतिथि के रूप में उत्तर प्रदेश मानवाधिकार आयोग के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी डॉ। देव कुमार शामिल हुए। मेले में लोक कलाकारों ने बाउल वादन कर सबका दिल जीता और पूरे परिसर में बंगाल के पारंपरिक व्यंजनों की सोंधी खुशबू छाई रही।

खूब हुई खरीदारी

मेले में बंगाली समाज के लोगों के साथ अन्य लोग भी शामिल हुए। सभी ने परंपरागत बंगाली व्यंजनों का लुत्फ उठाने के साथ जमकर खरीदारी भी की। व्यंजनों में सर्वाधिक क्रेज खजूर गुड़, कुलीपीठा, रसगुल्ला, संदेश आदि का दिखा। मेले में रामकृष्ण मठ के स्वामी मुक्तिनाथानंद, डॉ। शुभाशीष मुंशी, सचिव केके घोष, कोषाध्यक्ष सोनाली राय आदि मौजूद रहे।

लोकगीतों की बही बयार

सांस्कृतिक कार्यक्रम का आगाज सोनाली राय ने वंदना सौका तोरे आई कांदी हे साकुले से की। इसके बाद पश्चिम बंगाल से आये बाउल वादकों ने पारंपरिक लोक संगीत के सुर सजाए। वरिष्ठ बाउल गायक षष्टीदास ने अपने दल के कलाकारों के साथ प्रस्तुति दी। जिसमें दोतारा व गायन में प्रापो विश्वास, बाउल पर भारती सरकार, खमक पर बापुन, एकतारा पर निखिल विश्वास ने बंगाल के लोक संगीत से लोगों को रूबरू कराया। इसके बाद कलाकारों ने कान्ना हासिर दोल दोलानो पोष फागुन मेला, अमी एक दिन न देखिलम तारे जैसे लोकगीत सुनाए।

Posted By: Inextlive