- अवैध टेंट गोदाम में आग लगने से दो मासूम बच्चों की मौत

- सर्दी से बचने के लिए परिवार ने जलाया था अलाव

LUCKNOW : चंद पैसों के लालच में रिहायशी मकान में चल रहे अवैध टेंट गोदाम में आग लगने से दो मासूम बच्चों की मौत हो गई। बेसमेंट में चल रहे गोदाम में एक परिवार रहता था। ठंड से बचने के लिए परिवार ने आग जलायी। आग की चिंगारी से गोदाम में आग लग गई। देखते ही देखते आग दो मासूम बच्चों के लिए काल बन गई। दिल दहला देने वाला हादसा आलमबाग के विराटनगर में शनिवार सुबह हुआ। हादसे में शांतनु (4) और ऋतिक (डेढ़) गोदाम में फंस गए, जिससे जिंदा जलकर उनकी मौत हो गई।

बेसमेंट में चल रहा था टेंट का गोदाम

विराटनगर आजादनगर निवासी आशुतोष सचिवालय कर्मी हैं। आशुतोष मां शांति, पत्‍‌नी और बेटे के साथ घर की पहली मंजिल में रहते हैं। घर के अंदर बेसमेंट में क्षेत्र के चंद्र पाल सिंह का टेंट का गोदाम है। गोदाम में देखरेख के लिए मजदूर सनी अपनी पत्‍‌नी खुशबू, बेटे शांतनु और ऋतिक के साथ रहते हैं। गोदाम के एक कमरे में टेंट का सामान कुर्सी, गद्दे रखे हुए थे जबकि दूसरे कमरे में सनी अपने परिवार के साथ रहता है। सनी ने शनिवार सुबह ठंड ज्यादा होने पर अलाव जलाया था, जिसकी चिंगारी उड़कर गद्दे तक पहुंची और आग पकड़ ली।

दो घंटे के बाद आग पर पाया काबू

सुबह करीब नौ बजे बेसमेंट में आग लग गई। देखते ही देखते आग ने विकराल रूप धारण कर लिया। आस पड़ोस के लोग जब तक दौड़े गोदाम में आग फैल चुकी थी। दोनों बच्चे फंस गए थे। भीषण धुआं फैल चुका था। लोगों ने पानी फेंककर आग पर काबू पाने का प्रयास किया, लेकिन आग बुझाने में असफल रहे। इस बीच सूचना पाकर सीएफओ विजय कुमार सिंह, एफएसओ आलमबाग समेत कई अन्य फायर स्टेशनों के अफसर मौके पर पहुंच गए। फायर कर्मियों ने दो घंटे की मशक्कत के बाद किसी तरह आग पर काबू पाया।

बेसमेंट तोड़कर निकाले गए

गोदाम में आग लगने पर सनी और उसकी पत्नी निकल गई, लेकिन दोनों बच्चे उसी में फंस गए। अग्निकांड के दौरान बच्चे बेसमेंट में करीब दो घंटे तक फंसे रहे। फायर कर्मियों ने गेट से जीने के रास्ते बेसमेंट में घुसने का प्रयास किया, लेकिन आग इतनी भयावह थी कि अंदर घुसने संभव नहीं था। इसके बाद घर के मुख्य गेट के पास फायर कर्मियों ने फर्श (बेसमेंट की छत) काटी और इसके बाद सीढ़ी लगाकर आग की लपटों के बीच ब्रीथिंग ऑपरेट्स सेट और ऑक्सीजन मास्क लगाकर अंदर दाखिल हुए। इसके बाद बच्चों को निकालकर बाहर लाए। बच्चे झुलसने और धुएं के कारण अचेत हो गए थे। फायर कर्मी बच्चों को लेकर सिविल अस्पताल पहुंचे, डॉक्टरों ने दोनों बच्चों को मृत घोषित कर दिया। बताया जा रहा है कि बेसमेंट में न तो वेंटिलेशन के लिए कोई विंडो थी और न ही वहां आग बुझाने के लिए कोई उपकरण मौजूद थे।

बच्चों को बचाने के लिए चीखती रही मां

आग लगने के बाद खुशबू चीखते हुए बेसमेंट के जीने से बाहर की ओर भागी और मदद के लिए गुहार लगाने लगी। जब तक लोग कुछ समझ पाते आग ने विकराल रूप धारण कर लिया था। इसके बाद किसी की अंदर जाने की हिम्मत न हुई और दोनों बच्चे झुलस गए। बच्चों के बाहर निकालने जाने तक मां खुशबू लोगों के सामने मदद के लिए भीख मांगती रही। फायर कर्मियों ने बच्चों को बाहर निकाला, लेकिन उनकी जिंदगी नहीं बचा सके।

Posted By: Inextlive