- शिवपाल ने अखिलेश को पत्र लिख कर जताया आभार सपा में वापसी होने के संकेत lucknow@inext.co.in LUCKNOW समाजवादी के अध्यक्ष अखिलेश यादव व उनके चाचा शिवपाल यादव के बीच रिश्तों की कड़वाहट कुछ कम होती दिख रही है. अखिलेश ने कुछ दिनों पहले ही शिवपाल यादव की विधानसभा से सदस्यता रद करने वाली याचिका वा

- शिवपाल ने अखिलेश को पत्र लिख कर जताया आभार, सपा में वापसी होने के संकेत

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समाजवादी के अध्यक्ष अखिलेश यादव व उनके चाचा शिवपाल यादव के बीच रिश्तों की कड़वाहट कुछ कम होती दिख रही है। अखिलेश ने कुछ दिनों पहले ही शिवपाल यादव की विधानसभा से सदस्यता रद करने वाली याचिका वापस ली थी। वहीं, शिवपाल यादव ने भी भतीजे अखिलेश को पत्र लिखकर उनकी तारीफ करते हुए आभार जताया है। दोनों के कदम से अब शिवपाल की सपा में वापसी का रास्ता साफ होने के संकेत मिल रहें है।

'आपका कोटिश: आभार'

शिवपाल ने पत्र में लिखा कि आपके आग्रह पर विधानसभा अध्यक्ष द्वारा मेरी विधानसभा सदस्यता खत्म करने के लिए दी गई याचिका को वापस कर दिया गया है। इस स्नेह पूर्ण विश्वास के लिए आपका कोटिश: आभार। निश्चिय ही यह मात्र एक राजनीतिक परिघटना नहीं। बल्कि, आपके इस तरह के स्पष्ट सार्थक व सकारात्मक हस्तक्षेप से राजनीतिक परिधि में आपके नेतृत्व में एक नव-राजनीतिक विकल्प व नवाक्षर का जन्म होगा।

कुनबे में मची थी घमासान

दरअसल, 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले मुलायम कुनबे में वर्चस्व की जंग छिड़ गई थी। इसी के बाद अखिलेश ने सपा पर अपना एकछत्र राज कायम कर लिया था। इस घटना के बाद अखिलेश व शिवपाल के बीच खाई गहरी हो गई थी। विधानसभा चुनाव के बाद शिवपाल ने सपा से अलग होकर प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) का गठन कर लिया था।

सदस्यता खत्म करने की मांग थी

शिवपाल के अलग पार्टी बनाने के बाद सपा ने नेता प्रतिपक्ष रामगो¨वद चौधरी से चार सितंबर, 2019 को दल परिवर्तन के आधार पर शिवपाल यादव की विधानसभा से सदस्यता समाप्त करने की याचिका दायर करवाई। ¨कतु 23 मार्च 2020 को याचिका वापस लेने के लिए प्रार्थना पत्र दे दिया। इसी के बाद विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने उसे स्वीकार करते हुए याचिका वापस कर दी। इससे शिवपाल की विधानसभा सदस्यता खत्म होने से बच गई है।

शिवपाल ने दिए थे संकेत

हाल ही में अखिलेश ने भी मीडिया के समक्ष चाचा शिवपाल यादव के बारे में पूछे गए सवाल पर चुप्पी तोड़ते हुए कहा था कि जसवंत नगर विधानसभा सीट पर उनके साथ 'एडजस्टमेंट' हो सकता है। वैसे भी सपा एक ही पार्टी है। माना जा रहा है मौजूदा हालत को देखकर ही अब शिवपाल यादव ने शायद भतीजे के नेतृत्व को स्वीकार करने का मन बना लिया है।

Posted By: Inextlive