- सिंबल पर दावे के लिए दोनों पक्ष गये चुनाव आयोग तो फंसेगा पेंच

- विवाद की स्थिति में सिंबल होगा सीज, नये सिंबल पर लड़ना होगा चुनाव

LUCKNOW: समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव को राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से हटाने से पार्टी में पूरी तरह बिखराव हो चुका है। दो खेमों में बंट चुकी पार्टी का 25 साल पुराना चुनाव चिन्ह 'साइकिल' भी खतरे में पड़ता नजर आ रहा है। अब यदि दोनों ही पक्ष 'साइकिल' चुनाव चिन्ह के लिए चुनाव आयोग की चौखट पर जाते हैं तो इसे सीज भी किया जा सकता है। इसके बाद दोनों खेमों को नये चुनाव चिन्ह पर ही चुनाव मैदान में उतरना होगा। यह मामला चुनाव आयोग में ले जाने के संकेत रविवार को बुलाए गये राष्ट्रीय अधिवेशन में दिए जा चुके है।

हजारों दस्तखत कराए गये

पार्टी में पूरी तरह कब्जा करने के साथ साइकिल चुनाव चिन्ह हासिल करने के लिए अखिलेश कैंप की ओर से पार्टी पदाधिकारियों से दस्तखत कराने का सिलसिला पिछले तीन दिन से जारी है। रविवार को भी अधिवेशन में आए जिलाध्यक्षों को पदाधिकारियों से दस्तखत कराने का जिम्मा सौंपा गया और हजारों पदाधिकारियों से इसकी मंजूरी ले ली गयी। अधिवेशन में रामगोपाल यादव बार-बार प्रस्ताव पर दस्तखत करने और इसकी सूचना जल्द चुनाव आयोग को भेजने की बात कहते रहे। वहीं मुलायम ने भी रामगोपाल के इस पैंतरे को भांपकर अधिवेशन शुरू होने से पहले पार्लियामेंट्री बोर्ड की बैठक बुलाकर अधिवेशन और उसमें लिए गये फैसलों को असंवैधानिक करार दे दिया। अब यदि मुलायम भी यह प्रकरण लेकर चुनाव आयोग में जाते हैं तो पेंच फंसना स्वाभाविक है। अब देखना यह है कि पांच जनवरी को होने वाले अधिवेशन में इस बाबत क्या रणनीति तय की जाती है।

Posted By: Inextlive