- कहीं मरीज को अपनी जेब से पहुंचाई दवा तो कहीं लोगों को पहुंचा रहे राशन

- प्रेगनेंट लेडी को हॉस्पिटल पहुंचाया तो बेजुबानों के पेट की भी बुझा रहे हैं आग

LUCKNOW:

इसे वक्त का फेर कहें या फिर बेबसी के हालात, जिस पुलिस के बारे में अधिकांश समय लोग बुरी धारणा ही रखते थे, वहीं पुलिस विपरीत समय में मसीहा बनकर सामने आई है। कोरोना संक्रमण को लेकर किये गए लाकडाउन में पूरे प्रदेश में लोग यूपी पुलिस की ओर ही उम्मीद भरी निगाहों से देख रहे हैं वहीं, पुलिस भी किसी की उम्मीद को किसी भी कीमत पर टूटने नहीं दे रही। लॉक डाउन के दौर में हर रोज यूपी पुलिस के ऐसे ढेरों किस्से सामने आ रहे हैं जब वह लोगों की मुश्किलों में भगवान सरीखी प्रकट हुई और पलक झपकते ही वह मुश्किल आसान हो गई। ऐसे ही कुछ मामलों पर पेश है पंकज अवस्थी की विशेष रिपोर्ट-

बस टर्मिनल पर खुद पहुंचे डीजीपी, खाना खिलाकर किया रवाना

यूपी पुलिस के मुखिया डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी ने भी खुद मुसीबत में फंसे लोगों की मदद कर मिसाल पेश की। हुआ यूं कि लॉक डाउन के दौरान शुक्रवार को सूचना मिली कि गैर जनपदों के सैकड़ों मजदूर कैसरबाग बस टर्मिनल पर मौजूद हैं और उन्हें बस नहीं मिल रही। जानकारी मिलते ही डीजीपी अवस्थी खुद खाने-पीने का सामान लेकर बस टर्मिनल पहुंचे और लोगों को भोजन कराया। इसके साथ ही उन्होंने यूपीएसआरटीसी के एमडी राजशेखर से फोन पर बात कर उनके लिये बसों का इंतजाम कराया और उन सभी को गंतव्य के लिये रवाना किया।

वेटनरी सर्जन के पिता को ब्लड डोनेट कर बचाई जान

सिद्धार्थनगर में तैनात पशु चिकित्साधिकारी डॉ। नीलेश कुमार ने रविवार को लखनऊ पुलिस को मैसेज भेजकर सूचना दी कि वह सिद्धार्थनगर में हैं। उनके पिता किडनी की बीमारी से ग्रसित हैं और विवेकानंद हॉस्पिटल में एडमिट हैं। उन्हें तुरंत दो यूनिट ब्लड की जरूरत है। जानकारी मिलते ही हजरतगंज कोतवाली में तैनात हेड कॉन्सटेबल दिलीप पटेल, कॉन्सटेबल प्रदीप गंगवार और कॉन्सटेबल अविनाश उपाध्याय तुरंत विवेकानंद हॉस्पिटल पहुंचे और बुजुर्ग को तीन यूनिट ब्लड डोनेट कर उनकी जान बचाई।

बेटी की गुहार पर पिता को पहुंचाई दवाइयां

रायबरेली के अहिया रायपुर निवासी वर्तिका नामक युवती ने इंस्पेक्टर कोतवाली अतुल कुमार सिंह को फोन कर सूचना दी कि उसके पिता ओंकारनाथ श्रीवास्तव डायबिटिक हैं। उनकी दवा खत्म हो गई है। घर में कोई पुरुष नहीं है और मां भी बीमार हैं। लिहाजा, वह दवा लेने जाने में अक्षम है। सूचना मिलते ही इंस्पेक्टर अतुल ने वाट्सएप पर ओंकारनाथ का प्रिसक्रिप्शन मंगाया और खुद अपने पैसों से दवा लेकर उन्हें घर जाकर दीं। पुलिस का यह रूप देख वर्तिका और उसका परिवार भावविह्वल हो गया।

बेटे के ट्वीट पर पुलिस ने पहुंचाई दवा

लखनऊ में रहने वाले अब्दुल कवि ने यूपी पुलिस को ट्वीट कर बताया कि उनके बुजुर्ग पिता बस्ती में रहते हैं। उन्हें इंसुलिन की तुरंत जरूरत है, न मिलने पर उनकी जान को खतरा है। सूचना मिलते ही बस्ती में तैनात पीआरवी 830 ने तुरंत इंसुलिन खरीदी और बीमार बुजुर्ग के घर पहुंचायी। पुलिस के इस क्विक रिस्पॉन्स को देख न सिर्फ अब्दुल कवि पुलिस की सराहना करते नहीं थक रहे बल्कि, उनके बुजुर्ग पिता ने भी पुलिस की जमकर तारीफ की।

सड़क किनारे तड़प रही थी प्रेगनेंट लेडी, पुलिस ने पहुंचाया हॉस्पिटल

गाजियाबाद पुलिस को शुक्रवार को सूचना मिली कि ट्रॉनिका सिटी एरिया में एक महिला रुखसाना सड़क किनारे लेबर पेन से तड़प रही है। जानकारी मिलते ही पुलिस आनन-फानन मौके पर पहुंची और रुखसाना को तुरंत हॉस्पिटल पहुंचाया। जहां उसने बेटे को जन्म दिया। महिला गरीब तबके से ताल्लुक रखती थी, लिहाजा पुलिस ने उसके घर राशन भी भिजवाया। विपरीत समय में मिली इस मदद से भावुक रुखसाना ने कहा कि उसके पास पुलिस को शुक्रिया कहने को शब्द नहीं है।

इंसानों के साथ ही बेजुबानों को भी करा रहे भोजन

लॉकडाउन के दौरान जरूरतमंदों को भोजन कराने तमाम खबरें सामने आ रही हैं। पर, ऐसे वक्त में बेजुबान असहाय जानवरों की भूख मिटाने के बारे में मिर्जापुर पुलिस ने सोचा। मिर्जापुर पुलिस की ओर से अभियान छेड़कर असहाय जानवरों की मदद के लिये हाथ बढ़ाया। जिसके बाद मिर्जापुर पुलिस के सभी थानाक्षेत्रों में पुलिसकर्मी सड़क पर दिखने वाले असहाय जानवरों को सब्जी, फल व ब्रेड खिलाकर उनका पेट भर रहे हैं।

Posted By: Inextlive