- इंडियन रिजनल नेविगेशन सेटेलाइट सिस्टम में स्टोर होगा बसों का डाटा

LUCKNOW: जल्द आपका अपना साथी कहे जाने वाली यूपी रोडवेज की बसें सेटेलाइट की निगरानी में चलेंगी। इसके लिए रोडवेज की बसों में जो हाईटेक टेक्नोलॉजी लगाई जाएगी, वह सेना के वाहनों में यूज की जाती है। इस डिवाइस से वाहनों को ट्रेस किया जाता है। इस तकनीक की खास बात यह होगी कि इसे सिर्फ इंडियन रीजनल नेविगेशन सेटेलाइट सिस्टम से ही ट्रेस किया जा सकेगा। इस डिवाइस को खरीदने के लिए रोडवेज ने टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी है, जिसमें कई कंपनियां हिस्सा ले रही हैं।

क्यों खास है डिवाइस

सेना के वाहनों में यूज होने वाली इस डिवाइस की खासियत यह है कि इसे कोई विदेशी सेटेलाइट ट्रेस नहीं कर पाती है। इस डिवाइस के लिए टेक्नीकल स्टैंडर्ड एआइएस 140 जारी किया गया है। इसके लिए लखनऊ में एक कंट्रोल सेंटर बनाने की तैयारी की जा रही है। जहां से बसों की ऑनलाइन निगरानी की जाएगी।

केंद्र ने बनाया था कोड

केंद्र सरकार ने मोटर वाहन एक्ट में संशोधन कर मोटर निर्माताओं के लिए एआईएस 140 कोड बनाया था। जिसके आधार पर यह डिवाइस तैयार की जा रही है। इसके तहत वाहनों का डाटा इंडियन रिजनल नेविगेशन सेटेलाईट पर स्टोर होगा। वहां से ट्रांसपोर्ट कमीश्नर के सेटअप पर यह डाटा भेजा जाएगा।

महिलाओं के लिए उपयोगी

इस डिवाइस के लगने से महिला सुरक्षा को बढ़ावा मिलेगा। वे बस की ऑनलाइन निगरानी होने के कारण खुद को सफर के दौरान सेफ महसूस करेंगी। वहीं यात्रियों के परिजन भी बस की लोकेशन वेबसाइट पर जाकर ट्रेस कर सकेंगे। यूपी रोडवेज देश में सबसे पहले इस सेवा को शुरू करने जा रहा है।

बसों में पैनिक बटन भी

इसके अलावा हर बस में 10 से 12 पैनिक बटन लगाने की भी तैयारी की जा रही है। हालांकि इस योजना का खाका काफी पहले तैयार किया गया था लेकिन उसे अमलीजामा नहीं पहनाया जा सका था।

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ये होगा फायदा

- बसों की रियल टाइम मॉनिटरिंग होगी।

- बेवसाइट पर बसों की लोकेशन देखी जा सकती है

- रेलवे की तरह बसों की लोकेशन यात्री भी जान सकेंगे

- यात्रियों के लिए सुरक्षित होगी यात्रा।

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इसे भी जानें

-एक डिवाइस चार हजार रुपए की होगी

-इसका एक सीरियल नंबर होगा

-नंबर के हिसाब से बसों की पहचान होगी

-गाड़ी की लोकेशन, परमिट, रूट का पता चलेगा

कोट

इस डिवाइस के लगने से रोडवेज की बसों के प्रति लोगों का विश्वास और बढ़ेगा। इससे बसों की मॉनीटरिंग भी की जा सकेगी। इसके लिए टेंडर प्रकाशित किया जा चुका है।

अनघ मिश्र, महाप्रबंधक, आईटी

Posted By: Inextlive