यूपी में अपना शहर अव्वल, देश में 12वें पायदान पर
- स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 का रिजल्ट हुआ घोषित
- 10 लाख की आबादी वाले शहर में राजधानी 12वें नंबर पर - फॉस्टेस्ट मूवर स्टेट कैपिटल का अवार्ड भी मिला LUCKNOW: देश भर के चार हजार से अधिक शहरों के बीच हुई स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 की परीक्षा में नगर निगम लखनऊ ने इतिहास रच दिया है। पिछले साल जहां निगम लखनऊ इस परीक्षा में 121वें नंबर पर था। वहीं इस बार लखनऊ ने पूरे देश में 24 वां और यूपी में पहला स्थान हासिल किया है। अब अगर पूरे देश के उन शहरों की बात की जाए, जिनकी आबादी दस लाख से अधिक है तो उसमें राजधानी की रैंकिंग पूरे देश में 12वीं है। फॉस्टेस्ट मूवर स्टेट कैपिटल का अवार्डभारत सरकार के शहरी एवं आवासन मंत्रालय के राज्यमंत्री हरदीप एस। पुरी द्वारा फॉस्टेस्ट मूवर स्टेट कैपिटल अवार्ड लखनऊ नगर निगम को प्रदान करते हुए सम्मानित किया गया। इस अवार्ड को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से मेयर संयुक्ता भाटिया, नगर आयुक्त अजय कुमार द्विवेदी, अपर नगर आयुक्त डॉ। अर्चना द्विवेदी, प्रभारी स्वच्छ भारत मिशन डॉ। एके राव द्वारा प्राप्त किया गया।
जनवरी में हुआ था सर्वेक्षणजनवरी के प्रथम सप्ताह में स्वच्छता सर्वेक्षण की परीक्षा शुरू हुई थी। इस बार यह परीक्षा छह हजार अंकों की थी। निगम प्रशासन की ओर से दावा किया गया था कि इस बार लखनऊ टॉप 10 में जरूर आएगा और लगभग ऐसा ही हुआ।
यह थी एग्जाम स्कोर शीट 1500 अंक सिटीजन फीडबैक के 1500 अंक डायरेक्ट ऑब्जर्वेशन 1500 अंक सर्विस लेवल प्रोग्रेस 1500 अंक ओडीएफ व सर्टिफिकेशन के एग्जाम एक नजर में 4200 से अधिक शहर परीक्षा में हुए थे शामिल 28 दिन तक कई पैरा मीटर पर चली परीक्षा 50 लाख से अधिक फोटो टीमों ने फील्ड से कीं कैप्चर 4 करोड़ से अधिक पब्लिक फीडबैक शामिल किए गए 6 हजार में मिले 4728 अंक स्वच्छता सर्वेक्षण की परीक्षा कुल 6 हजार अंकों की थी। परीक्षा में अलग-अलग बिंदुओं पर अंक निर्धारित थे। निगम लखनऊ ने हर एक बिंदु पर बेहतर परफॉर्म करते हुए 6 हजार में से 4728.28 अंक हासिल किए। यूपी में था टॉप थ्री से बाहर पिछले स्वच्छता सर्वेक्षण की बात करें तो यूपी में लखनऊ टॉप थ्री से बाहर था। इस बार लखनऊ ने टॉप किया है जबकि दूसरे नंबर पर आगरा रहा। वहीं इससे पहले स्वच्छता सर्वेक्षण में लखनऊ यूपी में टॉप थ्री में कभी नहीं आया। यूपी के शहरों की रैंकिंगशहर रैंकिंग
पिछले स्वच्छता सर्वेक्षण में निगम की रैंकिंग 121 थी, जिससे साफ था कि इस बार निगम प्रशासन के सामने रैंकिंग सुधारना भी चुनौती था। वहीं वर्ष 2018 में निगम की रैंकिंग 117 थी जबकि वर्ष 2017 में रैंकिंग 220 के बाहर थी। पिछले आंकड़ों को देखकर संभावना बेहद कम थी कि वर्ष 2020 में भी रैंकिंग बहुत बेहतर आएगी, लेकिन निगम अधिकारियों और कर्मचारियों की मेहनत ने इतिहास रच दिया। हम सभी की मेहनत रंग लाई। हमने जो प्रयास किए, उसके बेहतर रैंकिंग के रूप में परिणाम सामने आए हैं। शहर की जनता से लेकर नगर निगम के हर एक अधिकारी और कर्मचारी ने अपना सर्वश्रेष्ठ दिया। डॉ। इंद्रमणि त्रिपाठी, पूर्व नगर आयुक्त, लखनऊलखनऊ पहला
आगरा दूसरा गाजियाबाद तीसरा प्रयागराज चौथा कानपुर पांचवा वाराणसी छठा मेरठ सातवां यूपी के शहरों के अंक शहर अंक लखनऊ 4728.28 आगरा 4391.51 गाजियाबाद 4283.26 प्रयागराज 4141.47 कानपुर 3783.88 वाराणसी 3684.20 मेरठ 2314.59 रैंकिंग सुधारना थी चुनौतीये थीं प्रमुख चुनौती
1.डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन 2.ओपन डंपिंग सेंटर्स 3.नाले.नालियों की सफाई 4.डस्टबिन की उपयोगिता 5.टॉयलेट्स की साफ सफाई पब्लिक ने भी किया कमाल सर्वेक्षण के दौरान केंद्र से आई टीमों ने फील्ड में जाकर पब्लिक से 12 बिंदुओं पर सवाल भी पूछे थे। इस मद में निगम लखनऊ को शत प्रतिशत अंक हासिल हुए हैं, जिससे साफ है कि शहर की बेहतर रैंकिंग आने में लखनऊ की जनता का भी सहयोग है। वर्जन स्वच्छता सर्वेक्षण में बेहतर रैंकिंग आने पर हर किसी को हार्दिक बधाई। यह रैंकिंग सभी के सहयोग से मिली है। इस उपलब्धि तक पहुंचने के लिए नगर निगम के हर एक अधिकारी और कर्मचारी ने भरसक प्रयास और सतत परिश्रम किया। सीएम योगी आदित्यनाथ, सांसद राजनाथ सिंह, लखनऊ के प्रभारी मंत्री सुरेश खन्ना एवं नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन ने भी समय समय पर हम सभी का मार्ग दर्शन किया, जिसकी वजह से बेहतर परिणाम सामने आए। अब हमारा प्रयास है कि अगले स्वच्छता सर्वेक्षण में लखनऊ नंबर एक पर आए। इसके लिए अभी से ही प्रयास शुरू कर दिए गए हैं। संयुक्ता भाटिया, मेयर, लखनऊ वर्जन