पर्वतीय अंचल की अनुपम सांस्कृतिक छटा के बीच गुरुवार को उत्तराखंड महोत्सव का समापन धूमधाम के साथ हुआ। समापन समारोह के अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी मौजूद रहे। उनके अलावा सांसद रीता बहुगुणा कैबिनेट मंत्री उत्तराखंड स्वामी यतिस्वरानंद आदि भी मौजूद रहे।

लखनऊ (ब्यूरो)। उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि मैं सीएम बनने के बाद पहली बार लखनऊ आया हूं। महोत्सव में अपने उत्तराखंडी बंधुओं के बीच आकर हर्ष की अनुभूति हो रही है। इस दौरान उन्होंने कामना बिष्ट को नृत्य निर्देशिका के क्षेत्र में तथा महेंद्र गैलाकोटी को संगीत निर्देशन में कार्य करने के लिए सम्मानित किया। वहीं, महापरिषद के अध्यक्ष हरीश चंद्र पंत ने अतिथियों का महोत्सव में आने के लिए आभार जताया।

पारंपरिक परिधानों में पेश किया झोड़ा
महोत्सव के आखिरी दिन एकल नृत्य प्रतियोगिता में 15 प्रतियोगियों ने भाग लिया। जिसमें आद्या बिष्ट ने बाजी मारी। मीडिया प्रभारी राजेंद्र सिंह कनवाल ने बताया कि अल्मोड़ा से आए छोलिया दल द्वारा अपने वाद्य यंत्रों व युद्ध कौशल नृत्य से धूम मचाई। सुरेन्द्र राजेश्वरी द्वारा मंच संचालन तथा अपने गायन से दर्शकों को मंत्र मुग्ध किया। उत्तराखंड के पारंपरिक परिधान से सजी संवरी महिलाओं ने झोड़ा की प्रस्तुति दी। जिसमें फस्र्ट कुर्मांचनगर, सेकेंड कल्याणपुर और थर्ड रामलीला समिति तेलीबाग तथा सांत्वना पुरस्कार पंतनगर को मिला।

सांस्कृतिक कार्यक्रमों की बही बयार
शाम को सांस्कृतिक मंच पर नृत्य धाम के कलाकार द्वारा निशि तिवारी के नेतृत्व में श्रीगणेश वंदना के साथ शिव स्तुति की भक्तिमय प्रस्तुति दी गई। इसके बाद में गुजराती एवं पंजाबी नृत्य की सुंदर प्रस्तुति दी गई। दिव्या उपाध्याय के नेतृत्व में नंदा राजजात यात्रा का सुंदर मंचन किया गया। वहीं, उत्तराखण्ड महापरिषद रंगमंडल के कलाकारों ने थडिय़ा-राणीखेता राम डोला तथा झोड़ा-बागेश्वरा की विमला छोरी प्रस्तुति से सबका दिल जीत लिया।

Posted By: Inextlive