71 शिकायतें प्राधिकरण दिवस में आई

05 शिकायतों का हुआ निस्तारण

50 फीसद शिकायतें कब्जे को लेकर

-15 सालों से भूमि समायोजन के लिए भटक रहा है आवंटी

- हर बार प्राधिकरण दिवस में दे दिया जाता है आश्वासन

LUCKNOW: मोहल्ला भदरुख, बंगला बाजार निवासी विजय कश्यप परिवार के साथ अपनी प्राब्लम लेकर प्राधिकरण दिवस पहुंचे थे। उन्होंने पहले तो अपनी समस्या वीसी प्रभु नारायण सिंह व अन्य अधिकारियों के सामने रखी लेकिन जैसे ही उन्हें आश्वासन दिया गया कि एक माह के अंदर प्राब्लम दूर करने के लिए कोई रास्ता निकाला जाएगा, तो वे लोग भड़क गए और वीसी के सामने हंगामा करने लगे।

पुलिस को बुलाया

वीसी ने उन्हें कई बार समझाने का प्रयास किया लेकिन जब बात नहीं बनी तो प्राधिकरण पुलिस को बुलाकर विजय के लड़के आशीष को बाहर कर दिया। इसके बाद आशीष ने बाहर जाकर वीसी व प्राधिकरण के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। बाद में फिर से वीसी ने उसे बुलाया और समझाया। हालांकि इस दौरान भी माहौल गर्म रहा। बाद में प्राधिकरण के अन्य अधिकारियों ने किसी तरह मामला शांत कराया।

यह है मामला

शिकायतकर्ताओं ने बताया कि लखनऊ विकास प्राधिकरण द्वारा उनके मकान के सामने सड़क बनवाई जा रही है। जिसमें उनकी फ्री होल्ड भूमि का कुछ भाग सड़क में आ रहा है। प्राधिकरण द्वारा भूमि का अर्जन नहीं किया गया है न ही उक्त भूमि का कोई गजट या नोटिफिकेशन हुआ है।

किया था वादा

शिकायतकर्ताओं ने यह भी बताया कि अधिशासी अभियंता जोन 4 द्वारा अवगत कराया गया कि प्राधिकरण अर्जित भूमि के बराबर अन्य भूमि देने को तैयार है। उनके इस प्रस्ताव से हम सहमत हैं। प्राधिकरण की ओर से 12 जुलाई 2016 को लिखित में रूप में दिया गया था कि एक माह के अंदर भूमि का हस्तानांतरण कर दिया जाएगा लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।

पहले एक माह फिर 7 दिन

हंगामे से पहले प्राधिकरण के अधिकारियों ने आश्वासन दिया कि एक माह के अंदर सारी स्थिति साफ हो जाएगी। इसके बाद जैसे ही हंगामा हुआ, आश्वासन दिया गया कि सात दिन के अंदर प्राब्लम दूर करने की दिशा में कदम आगे बढ़ाए जाएंगे।

बाक्स

फोटो आश्रयहीन कॉलोनी के नाम से

कब्जे के लिए भटक रहे

हम सभी मूल आवंटी आश्रयहीन कॉलोनी, बसंतकुंज योजना सेक्टर एच हरदोई रोड योजना से जुड़े हैं। हमने आश्रयहीन भवनों को अवैध कब्जेदारों से मुक्त कराकर मूल आवंटियों को कब्जा दिलाए जाने के बाबत सीएम से गुहार लगाई थी। जिस पर सुनवाई हुई और एसएसपी को आदेश दिए गए कि तत्काल कार्रवाई की जाए लेकिन स्थिति यह है कि अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। बार-बार पुलिस फोर्स न होने का बहाना बनाया जा रहा है। आवंटियों ने मांग की है कि प्राधिकरण की ओर से पुलिस बल मुहैया कराने जाने संबंधी दिशा में कदम आगे बढ़ाए जाएं।

बाक्स

फोटो नेहरू इन्क्लेव नाम से

धनराशि जमा फिर भी नहीं मिला कब्जा

अलीगंज निवासी रामकृष्ण यादव ने बताया कि उन्होंने 1986 में गोमतीनगर योजना में रजिस्ट्रेशन कराया था। जिसके बाद 1987 को भूखंड संख्या सी-2ख्/199, विशाल खंड, गोमतीनगर में आवंटित की गई। इस बाबत 25 अप्रैल 1989 को रजिस्ट्री कराने के संबंध में सूचना प्राप्त हुई थी। उन्होंने बताया कि वह रजिस्ट्री के लिए चक्कर काटते रहे लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। 1991 में प्राधिकरण की ओर से उन्हें बताया गया कि उनका प्लाट निरस्त कर दिया गया है। बाद में 16 अप्रैल 1991 को नेहरू इंक्लेव में भूखंड संख्या सी-11 आवंटित की गई। रामकृष्ण ने बताया कि उन्होंने 1 लाख 55 हजार रुपये जमा करा दिए। इसके बाद प्राधिकरण की ओर से उन्हें अवगत कराया गया कि भारतीय सेना से भूमि के संबंध में विवाद होने से रजिस्ट्री नहीं कराई जा रही है। इस बाबत भविष्य में आपको अवगत करा दिया जाएगा। 23 साल गुजर गए लेकिन अभी तक कोई सूचना नहीं आई है।

बाक्स

सिर्फ 5 शिकायतों का निस्तारण

गुरुवार को प्राधिकरण दिवस में कुल कुल 71 शिकायतें आईं, जिनमें से सिर्फ 5 शिकायतों का ही निस्तारण किया गया। 50 फीसदी शिकायतें कब्जा न मिलने की थीं। जबकि कई शिकायतें रजिस्ट्री न होने की भी रहीं। इस मौके पर प्राधिकरण उपाध्यक्ष प्रभु नारायण सिंह, सचिव जयशंकर दुबे समेत सभी अधिकारी मौजूद रहे।

Posted By: Inextlive