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अस्पताल कुल वेंटीलेटर वर्तमान में चल रहे

बलरामपुर 28 6

लोकबुंध 18 4

डॉ। राम सागर मिश्र 4 0

- अधिकारियों ने ट्रेंड कर्मचरी भेजने में नहीं ली कोई रुचि

LUCKNOW: राजधानी में कोरोना की दूसरी लहर गंभीर मरीजों की जान पर बन गई है। आलम यह है कि वेंटीलेटर की आस में मरीजों की सांस टूट रही है। सभी अस्पतालों में वेंटीलेटर बेड फुल बताकर मरीज वापस कर दिए जा रहे हैं जबकि दूसरी ओर राजधानी के तीन अस्पतालों में 40 के करीब वेंटीलेटर धूल फांक रहे हैं। दरअसल, इनको चलाने के लिए जरूरी ट्रेंड स्टाफ नहीं है। अधिकारियों की बदइंतजामी और कर्मचरियों को इसके लिए ट्रेनिंग देने में कोई रुचि न दिखाने की वजह से बलरामपुर अस्पताल, लोकबंधु और रामसागर मिश्र अस्पतालों में वेंटीलेटर चलाने वाला स्टाफ कोई नहीं है। यहां करीब एक साल पहले भेजे गए वेंटीलेटर बंद पडे हुए है, जो कोरोना के गंभीर मरीजों की जान बचाने के काम आ सकते है।

धूल फांक रहे वेंटीलेटर

स्वास्थ्य विभाग के उच्च अधिकारियों ने बीते साल गंभीर मरीजों के लिए कई वेंटीलेटर भेजे थे। अधिकारियों ने बिना सोचे समझे वेंटीलेटर तो खरीद लिये, लेकिन इन्हें चलाने के बारे में कोई ध्यान ही नहीं दिया गया। एक साल बीतने के बावजूद ट्रेनिंग दिलाने में भी अफसरों ने दिलचस्पी नहीं दिखाई। अब कोरोना दोबारा तेजी से बढ़ रहा है। ऐसे में अगर यह वेंटीलेटर समय रहते एक्टिव हो जाते तो कई मरीजों की जान बचाई जा सकती थी क्योंकि हर कर्मचारी वेंटीलेटर नहीं चला सकता है।

यहां इतने खाली वेंटीलेटर

बलरामपुर अस्पताल के पास इस समय 28 वेंटीलेटर हैं, लेकिन इनमें केवल छह वेंटीलेटर ही चल रहे हैं जबकि बाकी बंद पड़े हुये हैं। इन्हें चलाने के लिए डॉक्टर व टेक्नीशियन का अभाव है। लोकबंधु अस्पताल के पास भी करीब 18 वेंटीलेटर हैं। इनमें सिर्फ तीन चार वेंटीलेटर ही एक्टिव हैं। डॉक्टर और कर्मचारियों की कमी से सभी वेंटीलेटर का संचालन नहीं हो पा रहा है जबकि अस्पताल प्रशासन ने अतिरिक्त कर्मचारियों की मांग के लिए शासन को लिखा हुआ है। वहीं राम सागर मिश्र हॉस्पिटल को भी बीते साल चार वेंटीलेटर दिए गये थे, लेकिन कोई भी ट्रेंड स्टाफ न होने के कारण यह बेकार पड़े हुए हैं। ऐसे में अधिकारियों को इन वेंटीलेटर को चलाने या किसी दूसरे अस्पताल में शिफ्ट करने के बारे में सोचना चाहिए, जहां इनका उपयोग किया जा सके।

Posted By: Inextlive